बिहार : मोदी जी के जन्मदिवस पर निजीकरण के खिलाफ आइसा-इनौस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 17 सितंबर 2020

बिहार : मोदी जी के जन्मदिवस पर निजीकरण के खिलाफ आइसा-इनौस

राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस पर समस्तीपुर में ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह.
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पटना। देश में एक ओर जहां बीजेपी 7 सितंबर को PM मोदी का 70वां जन्मदिन मना रही है, वहीं विपक्ष इस मौके को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के तौर पर मना रहा है। देश के अलग-अलग स्थानों पर कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी तक ने जमकर प्रदर्शन किया। विपक्ष का कहना है कि देश में बेरोजगारी आ गई है, बीजेपी सरकारें युवाओं पर कोई खास ध्यान नहीं दे रही हैं... विपक्ष होने के नाते इन सारी चीजों पर सवाल उठाना और सरकार से जवाब मांगना जरूरी है... लेकिन इन सबके बीच कुछ और सवाल भी खड़े हो रहे हैं... सवाल ये कि क्या विपक्ष को कोरोना से डर नहीं लगता? क्या कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए नियम-कानूनों का पालन विपक्ष के लिए जरूरी नहीं है? क्या विपक्ष से जुड़े लोगों को कोरोना का खतरा नहीं है? राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के मौके पर लगा कि पूरे बिहार के छात्र-नौजवानों की हुजूम सड़कों पर उतर आई है।झंडा-बैनर नही,नौजवानों का हुजूम मशाल लिए कारगिल चौक पहुंचा और एकबार फिर 74 की याद ताजा कर दी।आरा,सिवान,दरभंगा, मुज़फ़्फ़रपुर ,गया,भागलपुर,बेगूसराय सभी जगहों पर हजारों-हज़ार की संख्या में नौजवान सड़कों पर उतरे!10 लाख से ज्यादा रिक्तियां बिहार में है और सरकार उन पदों को मृत घोषित कर दे रही है ताकि नियोजन की hire and fire नीति लागू हो सके।रोज़गार सृजन नीतीश के एजेंडा में है नही,यह सरकार राजधानी के 5km में सिमट गई है!15 साल में 5लाख भी पूर्ण रोज़गार का सृजन नही करने वाली सरकार झूठी तस्वीर दिखाने में लगी है!बिहार में लाखों छात्र-नौजवान रेलवे भर्ती की तैयारी करते हैं लेकिन रेलवे के निजीकरण उनके सपने को तार तार कर रहे हैं।युवाओं के बढ़ते आंदोलन के बीच बिहार का चुनाव नया इतिहास लिखेगा?युवाओं की आवाज़ तो पढ़िए,नीतीशजी! राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस को नौजवानों ने राष्ट्रीय आंदोलन बना दिया।देश के सम्पूर्ण भूगोल में नौजवान बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे और मशाल जुलूस निकाले।छात्र-नौजवानों ने एकबार फिर इस नारे को बुलंद किया है,रोज़ी-रोटी और रोज़गार न दे,वह सरकार निकम्मी है!जो सरकार निकम्मी है,वह सरकार बदलनी है!युवा देश के युवाओं की ललकार,गद्दी छोड़ो मोदी सरकार के नारे भी लग रहे हैं!क्या हमारा देश एकबार फिर साठ-सत्तर दशक के युवा विद्रोह के दौर में जा रहा है!ट्वीटर स्टॉर्म और सोशल मीडिया में भाजपा के आईटी सेल को पीछे धकेलते हुए नौजवानों ने अपने एजेंडा को प्रमुखता दिलाई है।विरोध का तेवर बढ़ रहा है और सड़कों पर मोर्चे लग रहे हैं!सत्ता और सरकार के खिलाफ यह मज़बूत सन्देश है और साथ ही विपक्षियों पार्टियों के लिये भी?क्या देश एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है?क्या नफरत और विभाजन की राजनीति को शिकस्त मिलेगी? वासमुनी सिंह ने कहा कि देखिये,बेरोजगारी बढाने वाली,हर मोर्चे पर फेल,देश बेचू भाजपा सरकार के पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ देश व्यापी जनाक्रोश भड़क रहा है।आज नहीं भड़के गा तब कब? संविधान और लोकतंत्र रहेगा तब न नागरिकों को अधिकार भी रहेगा और रोजगार भी मिलेगा।

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