मुजफ्फरपुर : अपहृत नाबालिग बच्ची को पुलिस बरामद करने में असफल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 8 सितंबर 2020

मुजफ्फरपुर : अपहृत नाबालिग बच्ची को पुलिस बरामद करने में असफल


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मुजफ्फरपुर,07 सितम्बर। चार दिनों के बाद भी 15 साल की अपहृत नाबालिग बच्ची को पुलिस बरामद करने में असफल है।हालांकि तेजतर्रार एसएसपी जयंतकांत ने कहा कि पुलिस सभी बिंदुओं पर अनुसंधान कर रही है। शीघ्र ही लड़की को बरामद कर लिया जाएगा। 3 सितंबर की देर रात दीघरा थाना इलाके में डकैतों ने एक कारोबारी के घर में डाका डाला। इस दौरान घर से रुपये-जेवरात तो लूटे ही गए, जाते-जाते डकैतों ने कारोबारी की 15 साल की नाबालिग बच्ची को भी हाथ-पैर बांधकर अगवा कर लिया। दीघरा में कारोबारी शंभू पांडेय की बेटी के अपहरण कांड ने 8 साल पुराने नवरुणा कांड की भयानक यादें ताजा कर दी हैं। 2012 में सितंबर के महीने में ही नवरुणा भी गायब हुई थी और फिर उसका कंकाल ही मिला। अंतर सिर्फ इतना है कि नवरुणा का अपहरण तो तब किया गया जब घर में सब लोग सोए हुए थे। लेकिन दीघरा के कारोबारी की बेटी का अपहरण तो परिवार की आंखों के सामने ही कर लिया गया है।  कारोबारी और उनका परिवार किसी से इस बारे में कुछ बात नहीं कर रहा है। वारदात को अंजाम देने वाले डकैत आखिर कौन थे, क्या उनकी कारोबारी से पहले से कोई दुश्मनी थी? आखिर डकैती के बाद कारोबारी की बेटी को अगवा क्यों किया गया? ऐसे कई सवाल हैं जो कांड के 4 दिन बाद भी नवरूणा केस की गुत्थी की तरह ही उलझे हैं।  सदर थाने के दीघरा रामपुर साह गांव में गुरुवार की देर रात व्यवसायी के घर डकैती और बेटी के अपहरण के 40 घंटे बाद एफएसएल की टीम जांच करने पहुंची। शनिवार की दोपहर बाद एफएसएल के अधिकारी पीड़ित के घर पहुंचे। टीम के साथ सदर और काजीमोहम्मदपुर थानेदार भी थे। अधिकारियों ने पहले बारीकी से एक-एक कमरे और बिखरे हुए सामान को देखा। इसके बाद सभी कमरों में जाकर जांच की। दरवाजा, गोदरेज और बक्शा से कुछ फिंगर प्रिंट के निशान मिले। इसे जांच के लिए एकत्रित कर लिया गया। एक घंटे की छानबीन के बाद नमूना लेकर टीम वहां से लौट गई। पुलिस की मानें तो फिंगर प्रिंट से यह साफ हो जाएगा कि घटना के दौरान कितने लोग मौजूद थे। 



इससे पहले सुबह में सिटी एसपी नीरज कुमार सिंह भी व्यवसायी के घर पहुंचे। पीड़ित और आसपास के लोगों से घटना के संबंध में पूछताछ की। घर के भीतर जाकर वारदात वाले कमरे में गहन जांच की। बारी-बारी से व्यवसायी की पत्नी और बड़ी बेटी से भी पूछताछ की। इस दौरान बाहरी लोगों के भीतर जाने पर रोक लगा दी गई। शाम में एसएसपी जयंतकांत भी मौके पर पहुंचे। कई बिंदुओं पर घर के सदस्यों से जानकारी ली। उन्होंने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। बिखरे हुए सामान और कमरे में जाकर जांच की। छानबीन के दौरान सिटी एसपी घर की छत पर पर गए। उक्त सीढ़ी को देखा, जिससे डकैत भीतर घुसे थे। फिर उस गेट को देखा, जिसे खोलकर अन्य डकैतों को प्रवेश कराया गया था। फिर पीछे जाकर छानबीन की। वे डकैतों के पैर के निशान या अन्य सुराग तलाश रहे थे। इस दौरान वे सीन को हाथ के इशारों से रिक्रिएट करते दिखे। हालांकि, घर के पीछे किसी पैर के निशान नहीं मिले हैं। कोई ऐसा सुराग भी नहीं हाथ लगा, जिससे पुलिस इस गुत्थी को सुलझा सके। संदिग्ध मोबाइल नंबरों का पता लगाने के लिए घटनास्थल का टावर डंप कराया गया। अब उस लोकेशन में घटना की रात जितने भी मोबाइल सक्रिय थे, उन सबके धारकों का सत्यापन किया जाएगा। जो भी नंबर संदिग्ध पाए जाएंगे, उसका पता लगाने में टीम जुटेगी। इसके लिए सर्विलांस सेल की अलग टीम गठित की गई है, जो सिर्फ वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान में जुटी है। जिस मोबाइल को डकैत ले गए थे, वह लगातार बंद आ रहा है। इससे पुलिस की परेशानी बढ़ी है। अंतिम लोकेशन शुक्रवार को सदर क्षेत्र में मिला था। पुलिस ने छापेमारी की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद से लगातार नंबर बंद मिल रहा है। सूत्रों की मानें तो मोबाइल और लड़की जिला से बाहर निकल चुके हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं है। पुलिस महकमे में इस बात की दिनभर चर्चा होती रही।

राजनीतिक दलों ने साधा निशाना
पीड़ित व्यवसायी से मिलने पूरे दिन विभिन्न राजनितिक दल के कार्यकर्ताओं का आनाजाना लगा रहा। बढ़ते अपराध को लेकर पुलिस-प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अविलंब पुलिस लड़की को बरामद करे अन्यथा व्यापक पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। एसएसपी जयंतकांत ने कहा कि पुलिस सभी बिंदुओं पर अनुसंधान कर रही है। शीघ्र ही लड़की को बरामद कर लिया जाएगा।

क्या हुआ था नवरुणा के साथ
नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती के मुताबिक नवरुणा का अपहरण और हत्या उनकी मुजफ्फरपुर शहर में मौजूद कीमती जमीन के लिए किया गया था। 18 सितंबर 2012 की रात मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड स्थित अपने घर में सो रही नवरुणा का अपहरण उसके कमरे की खिड़की का ग्रिल काटकर कर लिया गया था। अपहरण के ढाई महीने बाद उसके घर के पास के नाले की सफाई के दौरान एक मानव कंकाल मिला था। डीएनए जांच में इस कंकाल के नवरुणा के होने की पुष्टि हुई थी। इस बहुचर्चित मामले की सबसे पहले पुलिस ने और फिर सीआईडी ने जांच की थी, लेकिन किसी को भी कोई इस केस को सुलझाने में सफल नहीं हुआ।



सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2014 में CBI ने शुरू की नवरुणा केस की जांच
नवरुणा हत्याकांड मामले की सीबीआई जांच से कराए जाने की हर तरफ से मांग उठने के बाद बिहार सरकार ने सितंबर 2013 में इसकी जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। बिहार सरकार की अनुशंसा के बाद भी मामले की जांच करने से सीबीआई ने मना कर दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फरवरी 2014 में इसकी जांच शुरू की थी। इस दौरान नवरूणा के घर के निकट स्थित एक नाले से उसका कंकाल बरामद किया गया था। सीबीआई की जांच के बाद आज भी नवरुणा केस की गुत्थी अनसुलझी है। नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने इस केस में कई बड़े लोगों पर आरोप लगाया लेकिन अब तक जांच का नतीजा सिफर ही रहा। नवरुणा की अपहरण कर हत्या की वारदात को किन लोगों ने अंजाम दिया इसका रहस्य अब तक गुप्त ही है। 

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