दरभंगा : जिला में बाढ़ जाँच के लिए पहुँची केंद्रीय दस्ता। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 5 सितंबर 2020

दरभंगा : जिला में बाढ़ जाँच के लिए पहुँची केंद्रीय दस्ता।

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अरुण ( बेगूसराय ) दरभंगा जिले में आई बाढ़ के दौरान किये गए बाढ़ निरोधक एवं बाढ़ राहत कार्य का जायजा लेने भारत सरकार के गृह विभाग के संयुक्त सचिव पीयूष गोयल के नेतृत्व में 03 सदस्यीय केंद्रीय टीम, जिसमें आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार के अपर सचिव एम रामचन्द्रुडू भी शामिल थे, दरभंगा हवाई अड्डा पहुँची। जिलाधिकारी डॉ0 त्यागराजन एसएम द्वारा उनका हार्दिक अभिनन्दन किया गया तथा हवाई अड्डा के सभागार में पीपीटी के माध्यम से केन्द्रीय टीम को दरभंगा जिले में आई बाढ़ के दौरान किये गए बाढ़ निरोधक कार्य एवं बाढ़ राहत कार्य से अवगत कराते हुए जिलाधिकारी डॉ0 त्यागराजन एसएम ने कहा कि 22 जुलाई 2020 से जिले में बाढ़ आई और कुल 18 में से 15 प्रखण्ड के 231 पंचायत बाढ़ प्रभावित हुए, जिनमें 181 पंचायत पूर्णतः एवं 50 पंचायत अंशतः प्रभावित रहें। बाढ़ से कुल 20.82 लाख जनसंख्या प्रभावित रहा। बाढ़ के दौरान 634 सामुदायिक किचन चलाए गए, जिनमें 56 लाख 79 हजार 520 लोगों को सुबह-शाम भोजन कराया गया, अभी भी 06 सामुदायिक किचन चलाए जा रहें हैं, जिनमें 3982 लोगों को सुबह-शाम भोजन कराया जा रहा है।



बाढ़ प्रभावित 61068 परिवारों को पॉलिथिन शीट्स उपलब्ध कराया गया, 23 हजार लोगों को ड्राई फूड पैकेट्स उपलब्ध कराया गया। एन.डी.आर.एफ. की एक टीम को दरभंगा पश्चिमी क्षेत्र में तथा दूसरी टीम को हनुमाननगर एवं एस.डी.आर.एफ. की एक टीम को दरभंगा मुख्यालय में बचाव कार्य हेतु लगाया गया।लोगों की आवागमन की सुविधा के लिए निःशुल्क 105 सरकारी एवं 485 निजी नाव चलवाए गए। आज की तिथि में भी 78 सरकारी एवं 186 निजी नाव चलवाए जा रहे हैं। बाढ़ के कारण 12 लोगों की मृत्यु हुई, जिनके आश्रितों को 04-04 लाख रूपये अनुग्रह अनुदान राशि प्रदान किये गए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 28 मेडिकल टीम द्वारा 880 कैम्प चलाये गए, जिनमें 43416 मरीजों का ईलाज किया गया।बाढ़ प्रभावित गांव में स्वच्छता बनाए रखने के लिए 805 बैग ब्लीचिंग पाउडर एवं 1207 बैग चुना का छिड़काव कराया गया तथा 03 लाख 12 हजार 216 हैलोजन टेबलेट का वितरण कराया गया, ताकि उन्हें शुद्ध पेयजल मिल सके।बाढ से 01 लाख 38 हजार 600 पशु प्रभावित हुए तथा 29 पशुओं की मृत्यु हुई, 82 पशु शिविर चलाए गए तथा 523 क्विंटल पशुचारा का वितरण किया गया, 7005 पशुओं को कृमिनाशक दवा दिए गए।पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पीएचईडी द्वारा 99 स्थलों पर अस्थायी चापाकल का संस्थापन कराया गया। 38 जगहों पर टैंकर से जलापूर्त्ति की गई तथा 73 स्थलों पर जेरिकैन से जलापूर्त्ति की गई, 498 चापाकलों का विशुद्धिकरण किया गया। 54 स्थलों पर अस्थायी शौचालय का निर्माण कराया गया। पी.एच.ई.डी. द्वारा भी 375 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया। पी.एच.ई.डी. की 525 चापाकलों तथा पाइप जलापूर्त्ति योजना की क्षति 01 करोड़ 47 लाख रूपये की हुई है। पथ निर्माण विभाग दरभंगा डिवीजन के 77.90 किलोमीटर की सड़क क्षतिग्रस्त हुई है, जिसके पुर्नस्थापन में 40 करोड़ 58 लाख रूपये की आवश्यकता हैं। वहीं पथ निर्माण विभाग, बेनीपुर डिवीजन के 63.25 किलोमीटर सड़क क्षतिग्रस्त हुए है, जिनकी पुर्नस्थापन में 75 करोड़ 83 लाख रूपये की आवश्यकता है।

ग्रामीण कार्य विभाग, दरभंगा – 01 में 274 सड़क बाढ़ प्रभावित हुए, जिनमें से 76 में यातायात पुर्नस्थापित करने की आवश्यकता है। जिसपर 7 करोड़ 10 लाख रूपये का व्यय होगा। 57 सड़कों में यातायात बहाल किया जा चुका है, जबकि 13 में कार्य चल रहा है। ग्रामीण कार्य विभाग, दरभंगा डिवीजन – 2 के 130 सड़क बाढ़ से प्रभावित हुए, जिनमें 76 में मरम्मति की आवश्यकता है, 24 में कार्य पूरा किया जा चुका है, 02 में कार्य जारी है। इन क्षतिग्रस्त सड़कों को पुर्नस्थापित करने में 27 करोड़ 32 लाख रूपये व्यय होंगे।ग्रामीण कार्य विभाग, बेनीपुर के 83 सड़कें बाढ़ प्रभावित हुए, जिनमें से 26 में कार्य कराया जा चुका है, 57 में कार्य चल रहा है। इन सड़कों की मरम्मति पर 5 करोड़ 35.58 लाख रूपये व्यय होंगे। वहीं ग्रामीण कार्य विभाग, बिरौल के 135 सड़कें बाढ़ से प्रभावित हुए, जिनमें से 130 में मरम्मति की आवश्यकता है, 20 सड़कों में मरम्मति कराई जा चुकी है, 36 में कार्य जारी है। इन पर 20 करोड़ 08 लाख रूपये व्यय होंगे।बाढ़ नियंत्रण हेतु दरभंगा डिवीजन के मब्बी से विशम्भरपुर के जमींदारी बाँध के 832 मीटर में बाँध क्षतिग्रस्त हुआ, जिसमें 555 लाख रूपये का नुकसान हुआ, इसके पुर्नस्थापन में 800 लाख रूपये की आवश्यकता होगी, क्योंकि 7.2 किलोमीटर तक मरम्मति करनी होगी।
बाढ़ नियंत्रण प्रमण्डल -2, झंझारपुर के 07 स्थलों पर 13.29 किलोमीटर में तटबंध क्षतिग्रस्त हुए, जिसके मरम्मति में 7 करोड़ 50 लाख रूपये की आवश्यकता होगी। उसी तरह से विद्युत में 01 करोड़ 39 लाख 87 हजार रूपये की क्षति हुई है। फसल क्षति आकलन के अनुसार 67961 हेक्टेयर में धान, 304 हैक्टेयर में पक्का, 749 हैक्टेयर में अन्य फसल तथा 315 हेक्टेयर में मौसमी सब्जी की खेती क्षतिग्रस्त हुई है। जिसका अनुमानित लागत 414 करोड़ 42 लाख रूपये हुई है। मछली पालन के 193 तालाब क्षतिग्रस्त हुए हैं, 02 नाव एवं 02 जाल पूर्णतः तथा 07 नाव एवं 37 जाल अंशतः क्षतिग्रस्त हुए हैं।

बाढ़ से 347 विद्यालय क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनके निर्माण में 149133000 लाख रूपये की जरूरत पड़ेगी। बाढ़ से 67 आँगनवाड़ी केन्द्र क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ से कुल 3144 झोपड़ी क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनपर 12890400 रूपये तथा 760 कच्चा मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनपर 24 लाख 32 हजार रूपये व्यय होंगे। वहीं 02 पक्के मकान अंशतः क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनपर 10400 तथा 80 पशु शेड क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनपर 168000 व्यय होंगे।बाढ़ प्रभावित 516046 परिवारों को 30962.76 लाख रूपये जी.आर. की राशि पी.एफ.एम.एस. के माध्यम से भेजी गई है। बचाव कार्य पर 141.5 लाख रूपये व्यय हुए। 639 सामुदायिक रसोई में 57 लाख 66 हजार 310 लोगों को खाना खिलाया गया है। जिसपर 29 करोड़ 13 लाख रूपये व्यय हुए हैं।इसके उपरांत केन्द्रीय टीम द्वारा जिलाधिकारी के साथ केवटी अंचल के खिरमा पंचायत के पंचायत भवन, असराहा, पथरा एवं रानीपुर पंचायत के बुच्चामन के समीप किसानों एवं बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत कर फीडबैक लिया।असराहा में उन्होंने कई लोगों से फसल क्षति, गृह क्षति एवं जी.आर. की राशि मिलने तथा बाढ़ के संबंध में पुछताछ की। वहीं बुच्चामन में किसानों से फसल क्षति के संबंध में पुछताछ की। कई बटाईदार किसानों ने बताया कि फसल क्षति मुआवजा का लाभ जमीन मालिक को मिल जाता है, जबकि खेती बटाईदारी में हम करते हैं।



श्री गोयल ने जिला कृषि पदाधिकारी से इस संबंध में उपलब्ध प्रावधान के संबंध में जानकारी ली। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि संबंधित वार्ड सदस्य द्वारा सम्पूष्टि किये जाने पर की खेती बटाईदार के द्वारा की गई है, तो लाभ बटाईदार किसान को मिलता है। उन्होंने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि इस संबंध में अच्छी तरह से जाँच कराकर फसल क्षति का मुआवजा दिया जाए, ताकि वास्तविक रूप से खेती करने वाले को मुआवजा मिल सके।इस अवसर पर उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया, सहायक समाहर्त्ता प्रियंका रानी, अपर समाहर्त्ता विभूति रंजन चौधरी, उप निदेशक जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, अनुमण्डल पदाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता सहित सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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