पटना. एलपीजी इंटरप्राइजेज के द्वारा उपभोक्ताओं के घर तक एलपीजी सिलिंडर पहुंचाने के लिए वेंडर रखते हैं.इन वेंडरों को घर तक पहुंचाने के लिए इंटरप्राइजेज के द्वारा प्रति 12 रू.कमीशन देते हैं.एक ठेला पर 12 सिलिंडर लॉड होता है. एक खेप में 144 रू.मजदूरी पड़ती है.जो न्यूनतम मजदरी से कम है.एक माह में 4320रू.मजदूरी होती है.एक इंटरप्राइजेज के शख्स का कहना है कि उपभोक्ताओं को वेंडर को 20 रू.देना चाहिए.मेहनत का फल उपभोक्ताओं को देना चाहिए.एक सवाल के जवाब में कहा कि यह जरूरी नहीं है कि उपभोक्ता वेंडर को चढ़ावा दे ही.मनोज पास्कल ने कहा कि वेंडर हर सिलेंडर पर 30 रुपया अलग से लेते हैं. रसोई गैस सिलेंडर की रिफलिंग के नए नियम के तहत अब उपभोक्ताओं को बिना ओटीपी के गैस सिलेंडर नहीं मिलेगा.उपभोक्ताओं को अब गैस सिलेंडरों की ऑनलाइन बुकिंग के साथ ही उसका भुगतान भी करना होगा.भुगतान के बाद उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। इस ओटीपी को उपभोक्ता तब दिखाएगा जब गैस एजेंसी का कर्मचारी आपके गैस सिलिंडर लेकर पहुंचेगा. जब तक आप उसे ओटीपी नहीं दिखाएंगे आपको सिलेंडर नहीं मिलेगा. इसी तरह 1 नवंबर को रसोई गैस के दामों में बदलाव होगा.केंद्र सरकार की नीति के तहत पेट्रोलियम कंपनियों हर महीने की पहली तारीख को रसोई गैस के दामों की समीक्षा करती हैं और नए दाम लागू होते हैं जो पूरे महीने के लिए रहते हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी रसोई गैस के दामों में अधिक बदलाव नहीं आएगा.हां, यह सवाल जरूर बना हुआ है कि क्या अधिक सबसिडी खाते में आएगी? दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रसोई गैस के दाम इतने कम हो गए हैं कि सरकार को अब सबसिडी देने की जरूरत नहीं पड़ रही है.
गुरुवार, 29 अक्तूबर 2020
बिहार : वेंडर हर सिलेंडर पर 30 रुपया अलग से लेते हैं : मनोज पास्कल
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