जिले में बढ़ते नषे के काराबोर पर अंकुष लगाने के लिए पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएषन की संयुक्त बैठक हुई, मेडिकलों पर बिना डाॅक्टर की स्लीप के नहीं दी जाएगी एन.आर.एक्स (नषीली) दवाईयां
स्प्रीट के लिए भी डाॅक्टर का प्रीसक्रिप्षन होना अनिवार्य

यह रहे उपस्थित
जिसमें विषेष रूप से नवागत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आनंदसिंह वास्कले, एसडीओपी झाबुआ इडल मोर्य, थाना प्रभारी झाबुआ सुरेन्द्रसिंह गाडरिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जयपाल ठाकुर, औषधि निरीक्षक पंकज अहिरवार के साथ जिला केेमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएषन के अध्यक्ष मनोज बाबेल, झाबुआ नगर अध्यक्ष हरिष अग्रवाल, पंकज ललवानी एवं पंकज गादिया आदि उपस्थित थे।
यह लिए गए निर्णय
बैठक में एएसपी श्री वास्कले एवं सीएमएचओ डाॅ. ठाकुर ने जिला कमेेस्टि एसोसिएषन से चर्चा करते हुए कहा कि आप यह सुनिष्चित करे कि जिले में किसी भी मेडिकल दुकान पर चिकित्सक की बिना स्लीप एवं परामर्ष के किसी भी ग्राहक को एन.आर.एक्स. दवाईयां नहीं दी जाए। साथ ही हाॅल ही में उज्जैन में स्प्र्रीट से 14 लोगांे की मृत्यु होने पर स्प्रीट की मेडिकल व्यवसायी बिल लेकर खरीदी के साथ बिक्री भी करे। साथ ही इसे बेचने के लिए भी डाॅक्टर का प्रीस्क्रीप्षन एवं लिखा होना अनिवार्य हो। कोई भी कार्य शासन-प्रषासन के नियमों का उल्लंघन करते हुए नहीं किया जाए।
सेनेटाईजर में अल्कोहल की मात्रा घटाने को लेकर दिया सुझाव
इस अवसर पर केमिस्ट एसोसिएषन की ओेर से जिलाध्यक्ष मनोज बाबेल ने वरिष्ठ अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि वर्तमान में जो सेनेटाईजर आगे से हमेे प्राप्त हो रहे है, उसमें 70 प्रतिषत तक अल्कोहल की मात्रा होने से इसका उपयोग यदि लोग वर्तमान में कोरोना के प्रकोप केे चलते हाथों एवं शरीर के विभिन्न अंगों को सेनेटाईज के रूप में करते है, तो यह हानिकारक साबित हो सकता ह। ऐसे में सेनेटाईजरों की बोतलों में अल्कोहल की मात्रा घटाई जाना चाहिए। इसके साथ ही खुले रूप से जो इंजेक्षन (सीरिन) बिक रहे हैे, इसका उपयोग युवाजन चोरी-छुपे नषीले पदार्थ खरीदकर उसका सेवन करने में करते है, जिस पर भी रोक लगाई जाना जरूरी है। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली।ं
निमित्त और उपादान की सही समझ ही जीवन में समाधि लाती है - गिरिशमुनिजी
जिनशासन का वादा टेंशन कम समाधि ज्यादा विषय पर लगी रविवारीय क्लास
थांदला। जिनशासन गौरव आचार्य भगवंत उमेशमुनिजी ष्अणुष् के प्रथम शिष्य धर्मदासगण प्रवर्तक आगम विशारद पुज्य श्रीजिनेंद्रमुनिजी आदि ठाणा 4 एवं पुज्या श्रीनिखिलशीलाजी म.सा. आदि ठाणा 4 का ऐतिहासिक चातुर्मास थांदला नगर में चल रहा है। पुज्यवर के सानिध्य में ज्ञान दर्शन चारित्र तप की आराधना अव्याबाध रूप से निरंतर जारी है। रविवारीय युवाओं की विशेष क्लास में पुज्य श्री गिरीशमुनिजी ने युवाओं को प्रेरणा देते हुए कहा कि जीवन में समस्या बहुत है लेकिन उचित समाधान दिखाई नही देते जिससे हमारें जीवन मे असमाधि आ जाती है। जैन धर्म में इस तनाव को कम करने का सुंदर समाधान मौजूद है। उन्होंने कहा कि कोई भी काम अकारण नही होते उसके पीछे कोई न कोई कारण होता ही है लेकिन हम अनेक अवसर पर इसे चमत्कार भी मान लेते है। पूज्य श्री ने जैन आगम का आलम्बन लेते हुए कहा कि काल, स्वभाव, नियति(भाग्य), कर्म और पुरुषार्थ के साथ निमित्त और उपादान रूप दो कारण से हर कार्य सिद्धि होते है। निमित्त अर्थात कार्य के होने में सहायक पदार्थ व्यक्ति आदि जो स्वतः कार्य की पूर्णता पर पृथक हो जाते है वही उपादान अर्थात कार्य मे सहायक पदार्थ व्यक्ति आदि जो कार्य पूर्णता पर कार्य रूप में ही परिणित हो जाते है। उन्होंने उदाहरण से इसे स्पष्ट करते हुए कहा जैसे कुम्हार द्वारा मिट्टी का कलश बनाया जाता है जिसमें उपयोग में आने वाली सामग्री में चाक, रस्सी आदि तो निमित्त मात्र है लेकिन मिट्टी उपादान है वही अग्नि, पानी के जो अंश कलश रुप में परिणित हुए वे उपादान है बाकी निमित्त रूप है। उन्होंने व्यवहारिक जीवन में जागृत रहते हुए श्वान और सिंह में जिस तरह श्वान हमेशा निमित्त पर प्रहार करता है जबकि सिंह हमेशा उपादान पर दृष्टि रखता है वैसे ही हमें भी निमित्त को उपकार रूप मानते हुए उपादान पर ध्यान देने की प्रेरणा दी। जब व्यक्ति मच्छर के काटने पर हमें उसके काटने का अनुभव हुआ डेंगू मलेरिया आदि हुए यह सब भी उपादान रूप हमारें अशाता वेदनीय कर्मोदय के कारण हुआ जबकि मच्छर तो निमित्त बना तब हम कषाय प्रवृत्ति से भी बचेंगे जो जीवन में समाधि को लाएगी। उन्होंने चित्त की प्रसन्नता को समाधि से जोड़ते हुए कहा कि जैसे गर्मी में हीटर से ज्यादा गर्मी होती है वैसे ही सर्दी में कोई ऐसी का प्रयोग नही करता वैसे ही जब हम तन को स्वस्थ्य रखने के लिए नाना प्रकार के उपाय करते है वैसे ही चित्त की प्रसन्नता व जीवन में समाधि लाने के लिए विशेष श्रम करना आवश्यक है। इसके लिए सीधा उपाय है हमारें सिद्ध कार्य के सहायक निमित्त के प्रति हमें धन्यवाद देना व विपरीत स्थितियों में उपादान को प्रधानता देने से हम समाधि को प्राप्त होते है। अंत में उन्होंने कहा कि जब गुरु सबके सामने हित शिक्षा देते है तो वह हमें बुरी लगती है जबकि वह तो निमित्त रूप अनमोल हीरें के समान समझना चाहिए वही कोई विशेष कार्य अथवा उपलब्धि पर हम फूल जाते है जबकि वहाँ उपादान को महत्व देना चाहिए। जिस प्रकार गुब्बारें में हवा भर दी जाए तो वह उछलने लगता है लेकिन एक आलपिन उसका उछलना खत्म कर देती है वैसे ही अहंकार से भरें इंसान की स्थिति भी किसी गुब्बारें से कम नही है इसलिए उसे हमेशा निमित्त व उपादान को पहचानते हुए जागृत रहना चाहिए व अशुभ प्रवृत्तियों से बचते हुए शुभ प्रवृत्ति करना चाहिए जो किसी भी स्थान पर की जा सकती है।
दया करके दिया छहकाय जीवों को अभय दान
भव्य घोड़ावत, युग जैन, नव्या शाहजी, श्रेयल कांकरिया, अदिति कांकरिया, भवी चैरड़िया, तनीषा कांकरिया, माही श्रीश्रीमाल, दिविशा चोपड़ा, अंजली शाहजी, नैंसी शाहजी, जिनाज्ञा छाजेड़, निहाली चोपड़ा, भव्या चोपड़ा आदि ने पूरे दिन की जीव दया करके छहकाय जीवों को अभयदान दिया।
इंदौर श्रीसंघ ने की चातुर्मास विनंती - थांदला श्रीसंघ ने किया आतिथ्य सत्कार
कोरोना के प्रभाव कम होने के साथ ही गुरुभगवन्त के दर्शनार्थ के लिए इंदौर से गुरुभक्त श्रीसंघ के रूप में गुरु चरणों मे उपस्थित हुआ जहाँ कनकमल बाठिया एवं प्रकाशचन्द्र चैरड़िया ने संघ कि ओर से आगामी 2021 का वर्षावास इंदौर शहर में करने की विनंती की, पेटलावद की नन्ही सिद्धि जैन न स्तवन प्रस्तुत किया। वही रतलाम, लिमड़ी, पेटलावद, करवड़, जामली, मेघनगर, झाबुआ आदि स्थानों से गुरु दर्शन को पधारें गुरु भक्तों के आतिथ्य सत्कार का लाभ थांदला श्रीसंघ ने किया जहाँ श्रीललित जैन नवयुवक मंडल के सदस्यों ने आतिथ्य सेवा की। धर्मसभा का संचालन श्रीसंघ अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत ने किया उक्त जानकारी संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने दी।
नवरात्रि पर्व के प्रथम दिन घट स्थापना पर अम्बे माता मंदिर में माताजी की सवारी सिंह की हुई स्थापना, तलवाड़ा (राजस्थान) से मार्बल से तैयार ढ़ाई क्विंटल के सिंह को विधि-विधान से किया गया विराजमान

यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर मंदिर के सेेवक पं. विजय शर्मा, त्रिवेणी परिवार के सदस्यांे मेें गजराजसिंह चैहान दादुभाई, विरेन्द्रसिंह चैहान, सौरभसिंह कंजेटा, महेन्द्रसिंह पंवार, रविराजसिंह राठौर, डाॅ. निष्चय पानेरी, श्री चैरसिया, महिलाओं में संगीता पंवार सहित बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।
राजस्थान मंे पूजारी को जिंदा जला देने की घटना पर पूजारी उत्थान एवं कल्याण समिति ने जताया रोष, देष के प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
पूजारियों की जिले की समस्याआंे को लेकर कलेक्टर के नाम भी ज्ञापन प्रस्तुत किया

स्थानीय समस्याओं से करवाया अवगत
साथ ही एक अन्य ज्ञापन जिला कलेक्टर के नाम भी सौंपा। जिसमें जिले के पूजारियों की स्थानीय मांगों और समस्याओं से अवगत करवाते हुए उनकी परेषानियों का भी जिक्र किया। पूजारियों की जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा जमाने एवं आए दिन पूजारियों को धोंस-धपट देने तथा मारपीट जैसी घटनाओं पर अंकुष लगाने की जिला प्रषासन से मांग की।
भगवान बिरसा मुंडाजी की जयंती को बिरसा दीपावली के रूप मंे मनाया जाएगा, जनजाति विकास मंच की जिला स्तरीय बैठक हुई संपन्न

यह रहेे मुख्य रूप से उपस्थित
यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। इस अवसर पर मुख्य रूप से अखिल भारतीय युवा कार्य प्रमुख वैभव सुरंगे, प्रांत संगठन मंत्री सेवा भारती एवं जनजातिय कार्यपालक रूपसिंह भाई, जनजातीय कार्य प्रमुख कैलाश अमलियार, जनजाति कार्यपालक खेमसिंह जमरा, जनजाति विकास मंच के संजय भाबर, विभाग युवा कार्य प्रमुख गौरसिंह कटारा, हरबन भाई्र, रतनसिंह डावर, अल्केश मेड़ा, बालसिंह मसानिया, शैलेंद्र सोलंकी, भानू भूरिया, उमेश डामोर, भारत दामनिया, कैलाश डामोर, शरमा भूरिया, नानसिंह बिलवाल, यशवंत बामनिया, रमसू पारगी, दीवान डामोर सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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