7 व्यक्तियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई वर्तमान में कोरोना एक्टिव/पॉजीटिव की संख्या 346 है

घर बैठे होंगे विंध्यवासिनी देवी के दर्शन, सलकनपुर माता मंदिर के लाइव दर्शन की व्यवस्था सीहोर जिले की वेबसाइट एवं फेसबुक पर
कलेक्टर श्री अजय गुप्ता की पहल पर अब सलकनपुर देवी मंदिर के दर्शन श्रद्धालुओं को घर बैठे उपलब्ध हो सकेंगे। कोरोना महामारी से बचाव की दिशा में किए जा रहे उपायों के तहत ऑनलाइन देवी दर्शन की व्यवस्था कराई गई है। सीहोर जिले की वेबसाइट एवं फेसबुक की लिंक पर क्लिक करके इस व्यवस्था का लाभ लिया जा सकता है।
https://sehore.nic.in/en//vindhyawasini-mata-temle-salkanpur-live-darshan/
फेसबुक लिंक-https://www.facebook.com/MaaBijasanDhamSalkanpur
रबी सीजन में खाद-बीज की कमी नहीं आने देंगे -मंत्री श्री पटेल
किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि किसानों को रबी की फसलों के लिये खाद-बीज की कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने बताया कि रबी के लिये अब तक 2.49 लाख मीट्रिक टन यूरिया भारत सरकार से प्राप्त हो चुका है। सहकारी संस्थाओं के माध्यम से 0.33 लाख मीट्रिक टन और अन्य माध्यमों से 0.57 लाख मीट्रिक टन यूरिया का वितरण किया जा चुका है। मंत्री श्री पटेल ने बताया कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के भी पर्याप्त प्रबंध किये गये हैं। सभी जिलों को बेहतर वितरण प्रबंधन के निर्देश दिये गये हैं।
कुपोषण से मुक्ति और टीकाकरण के लिए अभियान चलाएं . संभागायुक्त श्री कियावत
संभाग आयुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शिशुओं को शत-प्रतिशत टीकाकरण निश्चित करने के साथ ही कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए मैदानी स्तर पर विशेष अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि टीकाकरण सहित स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी तरह की कमी को गंभीरता से लिया जाएगा। श्री कियावत ने निर्देश दिए कि बच्चों को टीकाकरण के साथ यह सुनिश्चित किया जाए कि आगनवाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित बच्चों के घर लगातार भेंट कर बच्चे के लालन-पालन और खुराक के संबंध में परिवार को शिक्षित करे। उन्होंने कहा कि एक माह की इस विजिट से भारी परिवर्तन आ सकता है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कोरोना काल में आगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्यकर्मी नियमित रूप से गृह भेंट करें आवश्यक पोषण, दवाईयां और परामर्श उपलब्ध कराएं। संभाग आयुक्त ने आगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया भी शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन कर्मियों के मानदेय वितरण की भी समीक्षा की। श्री कियावत ने निर्देश दिए है कि आगनवाड़ियों के माध्यम से बच्चों को वितरित होने वाले दूध का परियोजना वार भौतिक सत्यापन, मात्रा, निर्माण तिथिए एक्सपायरी डेट आदि के मानक के आधार पर करके रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान संस्थागत प्रसव और टीकाकरण कार्य की प्रगति देखी गई। श्री कियावत ने संयुक्त संचालक को निर्देश दिए हैं कि गत तीन माह में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हुए प्रसव की जानकारी संकलित कर प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि अनेक स्वास्थ्य केन्द्र में या तो कम या एक भी प्रसव नहीं होने की जानकारी है। संभाग आयुक्त ने निर्देश दिए कि अगली बैठक में जनसंख्या के आधार पर जन्मदर, कुल प्रसव और जननी सुरक्षा योजना के लाभ के आंकड़ों के आधार पर समीक्षा की जाएगी। उन्होंने पात्रता अनुसार लाड़ली लक्ष्मी और मातृ वंदना योजना का लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। इन योजनाओं के संभाग में बेहतर क्रियान्वयन के लिए संयुक्त संचालक स्वास्थ्य और महिला बाल विकास संयुक्त रूप से जिलों का दौरा करेंगे।
मलेरिया, डेंगू व चिकुनगुनिया से बचाव के लिए एडवाईजरी
मलेरिया, डेंगू एवं चिकुनगुनिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाईजरी जारी की गई है। मच्छर से फैलने वाले वाहक जनित रोग-मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों से सुरक्षा के लिए जनभागीदारी व जनजाग्रति का होना आवश्यक है। वर्षाकाल में जगह-जगह एकत्रित पानी में मच्छरों की उत्पत्ति व वृद्धि होती है। ये मच्छर, रोगी व्यक्ति को काटने पर संक्रमित हो जाते है व इन संक्रमित मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, रोग का प्रसार होता है। इन बीमारियों से ग्रसित रोगी को बुखार सिरदर्द, बदनदर्द, उल्टी आना, ठंड लगना जैसे लक्षण होते हैं जिनका त्वरित उपचार आवश्यक है। मलेरिया रोग एनाफिलीज मच्छर के काटने से फेलता है तथा यह मच्छर रात में सक्रिय रहता है। डेंगू व चिकुनगुनिया रोग, सफेद चकते वाले एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में सक्रिय रहता है। बीमारी फैलाने वाले मच्छर घरों में नमी वाले अंधेरे स्थान में विश्राम करते है एवं साफ व रूके पानी में पनपते हैं जो कि हमारे घरों में व आसपास पानी से भरे पात्र जैसे-गमले, टंकी, टायर, मटके, कूलर, टूटा फूटा कबाड में भरे पानी, नल, हैण्डपंप व कुएं के आसपास भरे पानी में मच्छर अपने अण्डे देते हैं। पानी से भरे बर्तन, टंकियों आदि का पानी सप्ताह में अवश्य बदलते रहें व कुएं, हैण्डपंप, नल के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। गड्ढों का मिट्टी से भराव करें या पानी की निकासी कराकर मच्छरों के उत्पत्ति स्थल को नष्ट करें, व मच्छरों के लार्वा नहीं पनपने दें। मच्छरों से बचाव करें। मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरे आस्तीन के कपडे पहने, मच्छर भगाने वाली क्रीम या क्वाइल का उपयोग करे, नीम की पत्ती का धुंआ करें। कोई भी बुखार मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया हो सकता है जिसका इलाज संभव है। किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर शीघ्र स्वास्थ्य केन्द्र में निःशुल्क जांच करायें तथा चिकित्सक के परामर्श से पूर्ण उपचार लें। मलेरिया की जांच ग्राम स्तर तक आरोग्य केन्द्र व स्वास्थ्य केन्द्रो में निःशुल्क उपलब्ध है।
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