दुर्घटनाओं के कारक रोड डिवाईडर हटाये जाने अथवा सडक के चैडीकरण कार्य यथाशीघ्र किया जाये -विधायक भार्गव
विदिशाः- विदिशा विधायक शशांक भार्गव ने कलेक्टर विदिशा को पत्र लिखकर मांग की है कि विवेकानंद चैराहे (ईदगाह चैराहे) से अहमदपुर चैराहे तक एवं उक्त चैराहे से ही रामलीला मैदान की ओर जो रोड डिवाईडर का काम प्रशासन द्वारा कराया गया है उनके कारण आये दिन डिवाईडर वाले क्षेत्र में गंभीर दुर्घटनाये घटित हो रही है। डिवाईडर बनने से सडक की चैडाई कम हुई है, जिस कारण से दुर्घटनाओं की संभावना काफी बढ गई है। उन्होंने कहा कि शहर की सुंदरता से अधिक कीमती व्यक्ति की जान है ऐसी सुंदरता किस काम की जिसके कारण दुर्घटनाओं को खुला आमंत्रण दिया जाये, बजाये इसके डिवाईडर हटाये जाये डिवाईडर न हटाये जाने की स्थिति में सडक का पर्याप्त रूप में चैडीकरण किया जाये, जिससे कि यातायात के साधनों एवं ओवरटेक की स्थिति में आम नागरिकों को सुलभ और सुरक्षित आवागमन की सुविधा प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व भी इस संबंध में कलेक्टर महोदय विदिशा एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी विदिशा को पत्र लिखकर डिवाईडर हटाये जाने अथवा सडक के चैडीकरण का सुझाव दिया था, लेकिन शहर में लगातार दुर्घटनाओं के घटने के बाद भी अभी तक कार्यवाही न की जाना असंतोष एवं चिंता का विषय है। डिवाईडर के बनने से एवं रोड के चैडीकरण नही होने से जाम की स्थिति बनी रहती है एवं ओवरटेक होने की स्थिति में घटना दुर्घटनाओं की प्रबल संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि रोड डिवाईडर बनाते समय आई.आर.सी. (इंडियन रोड कांग्रेस) के नियमों का पालन नहीं किया गया है, अगर उक्त नियमों का पालन किया जाता तो संभवता दुर्घटनाओं की स्थिति बनती ही नहीं। वर्तमान स्थिति में डिवाईडरों के कारण लोग घायल हो रहे है एवं एक व्यक्ति की तो मृत्यु तक हो चुकी है। फिर भी डिवाईडरों को हटाये जाने अथवा सडक का चैडीकरण नहीं किये जाने का कारण समझ से परे है, इस संबंध में तत्काल ही जनहित की दृष्टि से कार्यवाही की जायें।
लंबित आवेदनों पर हुई कार्यवाही से अवगत हुए कलेक्टर
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने सोमवार को लंबित आवेदनों की समीक्षा नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में आयोजित की गई थी। उक्त बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नीतू माथुर, अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह, संयुक्त कलेक्टर द्वय श्रीमती अंजलि शाह और श्री रोशन राय, डिप्टी कलेक्टर श्री शैलेन्द्र सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार सहित समस्त विभागो के जिलाधिकारी मौजूद थे। बैठक में पशु चिकित्सा, स्वास्थ्य, खाद्य, परिवहन, आदिम जाति कल्याण, ऊर्जा, कॉ-आपरेटिव, लोक निर्माण विभाग, पंजीयन विभाग, श्रम, महिला एवं बाल विकास विभाग, नगरीय निकाय, कृषि, सामाजिक न्याय, जल संसाधन, लीड बैंक, जिला योजना, खनिज, उद्योग, खेल विभाग इत्यादि विभागो में लंबित आवेदनों पर की गई कार्यवाही से संबंधित विभाग के अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है।
आवेदकों से संवाद
सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज शिकायतों के आवेदकों से संवाद कर निराकरण की वस्तुस्थिति से अवगत होने हेतु कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा जिले में नवाचार किया गया हैं। जिसके तहत पांच विभागो के आवेदकों को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में उपस्थित कराने का दायित्व संबंधित विभागो के अधिकारियों को सौंपा गया था। कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आवेदिका पायल पटेरिया ने उपस्थित होकर प्रौढ़ शिक्षक के रूप में कार्य करने पर नौ माह का वेतन नही मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी आवेदिका से कलेक्टर डॉ जैन ने स्वंय संवाद कर वस्तुस्थिति से अवगत हुए। उपस्थिति प्रमाणीकरण नही होने के कारण भुगतान में विलम्बता का लेख पाए जाने पर उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि उपस्थिति की प्रमाणित जानकारी प्रधानाध्यापक से प्राप्त कर भुगतान की कार्यवाही प्रस्तावित की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी श्री अतुल मुद्गल ने बताया कि प्रौढ शिक्षा अभियान के तहत 86 प्रेरक शिक्षकों का भुगतान किया जा चुका हैं किन्तु 35 के द्वारा उपस्थिति दर्ज नही कराने के कारण भुगतान नही किया गया है। प्रत्येक माह दो-दो हजार रूपए का भुगतान किया जाता है। ततसंबंध में पत्राचार कर अवगत कराया गया है। जिन चार शिकायतो के प्रकरण में शिकायतकर्ता उपस्थित नही हुए है उनमें स्वास्थ्य विभाग से संबंधित शिकायतकर्ता श्री अशोक अहिरवार के द्वारा की गई शिकायत का समाधान कराया जा चुका है कि जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने दी। इसी प्रकार विदिशा मुख्य नगरपालिका ने अवगत कराया कि शिकायतकर्ता श्री पवन जैन की नलजल कनेक्शन के तहत जिस दिन से जल की सप्लाई शुरू हुई है उसी माह से जलकर वसूला जा रहा है जबकि शिकायतकर्ता को कनेक्शन तिथि से जलकर बिल प्रदाय किया गया था जिसमें संशोधन कर जल आरंभ तिथि से देयक दिया गया है। निकाय के अंतर्गत श्री वीरेन्द्र सिंह तोमर ने शिकायत दर्ज कराई कि नल कनेक्शन हेतु मई 2019 में राशि जमा कराई गई थी किन्तु अब तक कनेक्शन नही मिला है। शिकायतकर्ता को नल कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। विदिशा तहसील के अंतर्गत आवेदक श्री संजय यादव ने फौती नामांतरण नही होने तथा ऋण पुस्तिका की प्रति प्राप्त नही होने की शिकायत दर्ज कराई थी। आवेदक का नामांतरण किया जा चुका है और किताब तैयार कर प्रदाय की जा रही है।
किसान खेत पाठशाला शुरू हुई
कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा किसान खेत पाठशाला के माध्यम से संपादित होने वाले कार्यो की समीक्षा की। बैठक में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री पीके चौकसे ने अवगत कराया कि जिले में दो से 12 नवम्बर तक किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए कुल 84 दल गठित किए गए है। प्रत्येक दल हर रोज एक-एक ग्राम में पहुंचकर सबसे पहले किसान खेत पाठशाला के उद्वेश्यों से अवगत कराएंगे। इसके पश्चात् किसानो की जिज्ञासाओं का समाधान करने के उपरांत किसी एक कृषक के खेत में पहुंचकर प्रायोगिक जानकारी देंगे।विभागीय समीक्षा बैठकों में पांच-पांच शिकायतकर्ता भी शामिल होंगे
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने आज टीएल बैठक के दौरान समस्त विभागो के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए है कि विभागीय कार्यो की समीक्षा बैठक में अब विभाग से संबंधित प्राप्त होने वाली शिकायतों में से पांच-पांच शिकायतकर्ताओं को भी उपरोक्त बैठक में आमंत्रित किया जाएगा। ताकि उन्हें शिकायत के निदान हेतु की गई कार्यवाही से अवगत कराया जा सकें। कलेक्टर डॉ जैन ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए है कि विभागीय शिकायतो के निराकरण हेतु की गई पहल में शिकायतकर्ताओं को बैठक में उपस्थित कराने की जबावदेंही विभाग के जिलाधिकारी की होगी। चयनित शिकायतकर्ता को लाने ले जाने के प्रबंध विभागीय अधिकारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने विभागो के अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि लंबित आवेदनों के निराकरण हेतु विशेष पहल करें।
व्हीसी के माध्यम से समीक्षा
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने आज समस्त एसडीएम स्तर पर लंबित आवेदनो की समीक्षा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से की। एनआईसी के व्हीसी कक्ष में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नीतू माथुर, अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह के अलावा विदिशा एवं ग्यारसपुर एसडीएम मौजूद रहें। कलेक्टर डॉ जैन ने व्हीसी के माध्यम से संवाद स्थापित कर समस्त एसडीएमों को निर्देश दिए है कि किसानो को खाद, बीज, सिंचाई एवं बिजली आपूर्ति के प्रबंधो में किसी भी प्रकार की रूकावट ना आए पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि उल्लेखित चारो बिन्दुओं की अद्यतन प्रगति व समस्याओं के निदान हेतु की गई पहल की जानकारी अब हर रोज प्रातः नौ बजे अपर कलेक्टर को मैसेज के माध्यम से समस्त एसडीएम अवगत कराएंगे। कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि रबी उपार्जन के लिए की जाने वाली तैयारियों हेतु अभी से रणनीति तय अनुसार कार्यो को अंजाम दें ताकि उपार्जन अवधि में किसी भी प्रकार की दिक्कतो का सामना ना करना पडें। कलेक्टर ने एसडीएम स्तर पर लंबित आवेदनों की भी समीक्षा कर निराकरण के लिए की गई कार्यवाही से संबंधित एसडीएमों के द्वारा अवगत कराया गया।जीपीएफ, डीपीएफ आवेदन में आ रही समस्याओ का निराकरण
संचालक कोष एवं लेखा मप्र द्वारा शासकीय सेवको द्वारा जीपीएफ, डीपीएफ आवेदन करते समय अनोदर रिक्वेट इन पेडिंग का मैसेज प्रदर्शित होता है और सिस्टम से आवेदन नही हो पाता है। ऐसे प्रकरणों का नेविगेशन का प्रयोग कर निराकरण में आने वाली समस्याओ का निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश मप्र के समस्त कोषालय अधिकारियो को दिये है। जारी निर्देशो में कहा है कि जीपीएफ, डीपीएफ आवेदनो मे आ रही समस्याओ के निराकरण में बिल रिजेक्ट कर देने पर अनोदर रिक्वेट ऑलरेडी पेडिंग का मैसेज प्रदर्शित नही होने पर कर्मचारी पुनः आवेदन कर सकते है। इस दिशा में जिले के समस्त डीडीओ को निर्देश जारी कर दिये गये है।
फिट हेल्थ वर्कर अभियान-14 तक
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं एएनएम, एमपीडब्ल्यु, कम्युनिटी हेल्थ आफिसर, आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगी, आंगनवाड़ी केन्द्र के कर्मचारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तरीय हेल्थ एण्ड वैलनेस सेंटर्स पर कार्यरत कर्मचारी की विभिन्न बीमारियों की पहचान एवं उपचार के लिये शासन द्वारा फिट हेल्थ वर्कर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान 14 नवंबर तक निरन्तर चलाया जायेगा। अभियान के अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मुंह का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सरवाईकल कैंसर की जांच कर उपचार किया जा रहा है।
नरवाई नही जलाने की किसानो से अपील
विदिशा खेतों में धान फसल अवशेषों (नरवाई) को कदापि न जलायें । पर्यावरण एवं जनजीवन को बचायें । कलेक्टर महोदय विदिशा डॉ. पंकज जैन , उप संचालक कृषि पी.के. चौकसे ने किसानों को सलाह देते हुये कहा की धान फसल की कटाई के बाद फसल अवशेषों को न जलायें इससे पर्यावरण को प्रदूषण के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य एवं जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। फसल अवशेष जलाने से वातावरण में कार्बनडाई ऑक्साईड़, मिथेन, कार्बन मोनोऑक्साईड आदि गैसों की मात्रा बढ़ जाती है। मृदा की सतह का तापमान 60-65 डिग्री सेन्टीग्रेट हो जाता है, ऐसी दशा में पाये जाने वाले लाभदायक जीवाणु जैसे वैसीलस, सबटिलिस, स्यूडोमोनास, ल्यूरोसेन्स, एग्रोवैक्टीरियम, रेडियोबैक्टर, राईजोवियम प्रजाति एजोटोबैक्टर प्रजाति , एजोस्प्रिलम प्रजाति , सेराटिया प्रजाति क्लेब्सीला प्रजाति , वैरियोवेरेक्स प्रजाति आदि नष्ट हो जाती है। ये सूक्ष्म जीवाणु खेतों में डाले गये खाद एवं उर्वरक को तत्व के रूप में घुलनशील बनाकर पौधों को उपलब्ध कराते है। अवशेषों को जलाने से ये सभी सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते है। इन्ही सूक्ष्म जीवों के नष्ट हो जाने से खेतों में समुचित रूप से खाद एवं उर्वरकों की आपूर्ति पौधों को न हो पाने के कारण उत्पादन प्रभावित होता है। अतः किसान भाईयों से अपील है कि धान फसल की कटाई के बाद फसल अवशेषों पुआल /नरवाई को रोटावेटर व कृषि यंत्रों के माध्यम से जुताई कर खेत में मिला दे फसल अवशेष पर वेस्ट डिकम्पोजर कचरा अवघटक या वायोडायजेस्टर के तैयार घोल का छिडकाव करें या फसल की कटाई के बाद घास फूस पत्तियॉ फसल अवशेषों को सडाने के लिये 20-25 किलो ग्राम नत्रजन प्रति हेक्टर की दर से बिखेर कर नमी की दशा में कल्टीवेटर या रोटावेटर की मदद से मिटटी में मिला देना चाहिये । इस प्रकार अवशेष खेतों में विघटित होकर मिटटी में मिल जाते है। और जीवाणु के माध्यम से हा्ूमस में बदलकर खेत में पौषक तत्व (नत्रजन , फास्फोरस, पोटास, सल्फर आदि) तथा कार्बन तत्व की मात्रा को बढा देती है। हमारे खेतो में ये हा्ुमस तथा कार्बन ठीक उसी प्रकार काम करते है, जैसे हमारे खून में रक्त कडिकायें , इसीलिए किसान भाई फसल अवशेष प्रबंधन को अपना कर पर्यावरण को सूरक्षित बनाने में सहयोग प्रदान करें।
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