बिहार : डॉ• आनन्द मोहन झा को मिला एकेडमिक एक्सीलेंस अवॉर्ड 2020 - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

बिहार : डॉ• आनन्द मोहन झा को मिला एकेडमिक एक्सीलेंस अवॉर्ड 2020

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भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा की अंगीभूत इकाई मनोहरलाल टेकरीवाल महाविद्यालय, सहरसा (पूर्व नाम सहरसा कॉलेज, सहरसा), के रसायन विज्ञान के अतिथि सहायक प्राध्यापक डॉ आनन्द मोहन झा को एकेडमिक एक्सीलेंस अवॉर्ड मिला है। इंस्टीट्यूट ऑफ स्कॉलर्स चिकमंगलूर कर्नाटक की समीक्षा समिति ने 2020 के लिए डॉ• झा को एकेडमिक एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया है। चयन समिति ने उनकी प्रोफाइल, शिक्षण कार्य, शोध कार्य, समाजिक कार्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्यों के आधार पर डॉ• आनन्द मोहन झा का चयन किया है। डॉ• झा को एकेडमिक एक्सीलेंस अवॉर्ड मिलने से भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा तथा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा दोनों विश्वविद्यालय की गरिमा बढीं है। उनके अभी तक 15 से अधिक शोधपत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। इनमें प्रमुख टेलर एंड फ्रांसिस के सुप्रामोलीक्यूलर केमेस्ट्री जर्नल, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ लाइफसाइंस एंड फार्मा रिसर्च, एशियन जर्नल ऑफ केमेस्ट्री, इंडियन जर्नल ऑफ हेटरोसाइक्लिक केमेस्ट्री आदि प्रमुख है। वे अब तक 13 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में भाग लिए हैं। इन्होंने अभी तक 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय वेबीनार में भाग लिया है। तथा एक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन सफलतापूर्वक आयोजक सचिव के रूप में भी किया है। इससे पहले भी इन्हे पढ़ाई तथा शोध के क्षेत्र मे उत्कृष्ट योगदान के लिए 12 सितंबर 2020 को बेंगलुरू में  'एम•टी•सी• ग्लोबल  इंस्पायरिंग टीचर अवार्ड, रसायनशास्त्र, से सम्मानित किया गया था। भारत सरकार के द्वारा नीति आयोग से पंजीकृत संस्था एम•टी•सी• ग्लोबल के द्वारा यह अवार्ड मिला था। इन्हे आई• एम• आर• एफ• बेस्ट रिसर्चर अवॉर्ड, रसायनशास्त्र - 2020 से भी सम्मानित किया जा चुका है। डॉ• झा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण हुए जिसमें उन्होंने पूरे विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया, तथा स्नातकोत्तर में ललित नारायण  मिथिला विश्वविद्यालय के वर्ष 2014 के पीजी के ओवरऑल टॉपर (बेस्ट पोस्टग्रेजुएट) तथा रसायन शास्त्र के टॉपर होने के कारण बिहार के उस वक्त के महामहिम कुलाधिपति जो वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति है उनके द्वारा दो गोल्ड मेडल भी दीए गए है। उन्होंने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में पहली बार ही पीएचडी के लिए पीआरटी की परीक्षा 2016 में दी और रसायन शास्त्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा यूजीसी विनियम 2009 के अंतर्गत पीएचडी की डिग्री भी हासिल की। इसके बाद इन्होंने भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में अतिथि सहायक प्राध्यापक का साक्षात्कार दिया तथा वहां भी इन्होंने पूरे विश्वविद्यालय में साक्षात्कार के उपरांत रसायन शास्त्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा इनकी प्रथम पोस्टिंग मनोहरलाल टेकरीवाल कॉलेज सहरसा में हुआ जो सहरसा का एकमात्र पोस्ट ग्रेजुएट अंगीभूत महाविद्यालय है। इनकी एक रसायनशास्त्र की पुस्तक भी प्रेस में है जो बहुत जल्द प्रकाशित होने वाली है तथा 2 बुक चैप्टर भी बहुत जल्द दो  पुस्तकों में प्रकाशित होने वाली है। वह एक रसायनशास्त्र के यूजीसी केयर लिस्टेड जर्नल के रिव्यूवर भी है, तथा कुछ पियर रिव्यूड जर्नल के भी रिव्यूवर है। इन्हे आई• एम• आर• एफ• के 119th अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में "यंग साइंटिस्ट  अवार्ड" से भी सम्मानित किया जा चुका है तथा इन्हे 'एम•टी•सी• ग्लोबल  डिस्टिंग्विश्ड टीचर अवार्ड, रसायनशास्त्र, से भी सम्मानित किया जा चुका हैं। वह एक यूजीसी का माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट भी सफलतापूर्वक पूरा किया है। वह बहुत सारे संस्था के लाइफ टाइम मेंबर भी है। ये सभी कार्य उनके करी मेहनत का ही नतीजा है। इन सभी का श्रेय वे अपने माता पिता एवं गुरुजनों को देते हैं, आज वह जो कुछ भी हैं वह अपने माता पिता एवं गुरुजनों के आशीर्वाद से ही है। डाॅ• झा की इस उपलब्धि से संपूर्ण मिथिलांचल ,कोसी एवं सीमांचल में हर्ष का माहौल कायम है।

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