जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो न्याय के लिए किधर जाए? - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 14 नवंबर 2020

जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो न्याय के लिए किधर जाए?

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बरारी। एक फिल्मी गीत है लागा चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे,चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे,लागा चुनरी में दाग..। इस बार दाग खादी वर्दी पर लगा है। मामला तेरासी टोला का है,जहां एएसआई ने महिला के दिव्यांग पति अजित सिंह को बंधक बना लिया। वह पोलियों ग्रसित हैं. उसके पैर-हाथ बांधकर महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाया गया। मामला सलटा देने के चार साल के बाद भी इनाम के रूप में दिव्यांग शिक्षक अजित सिंह की पत्नी के साथ रंगरलिया मनाते आ रहा है। खुद दिव्यांग अजित सिंह ने बताया कि उसके पास जमीन है।उस जमीन पर बांस रखने और हटाने काे लेकर विवाद चल रहा था। तब यह भू- संबंधी विवाद बरारी थाना तक चला गया। बरारी थानाध्यक्ष ने मामले की तहकीकात करने की जिम्मेवारी एएसआई बालेश्वर सिंह को दिया। थाना से आई.ओ.बनकर   एएसआई बालेश्वर सिंह जांच के सिलसिले में उक्त दिव्यांग के घर आना-जाना शुरु कर दिया।  दिव्यांग अजित सिंह ने बताया कि यह मामला 4 साल पहले बरारी थाना में एक केस दर्ज हुआ था, जिसकी जांच के लिए बालेश्वर सिंह घर आते और जाते थे। समझा जाता है कि उसी समय से दरोगा और महिला की दोस्ती प्रगाढ़ होती चली गई। चूंकि बबलू सिंह दिव्यांग है, जिसका फायदा बालेश्वर सिंह उठा रहा था। श्री सिंह कहते हैं कि मेरी उपस्थिति में दिन में आई.ओ.जांच करने आते थे। इस बीच शांतिपूर्ण ढंग से जमीन पर बांस रखने और हटाने का मसला सलट गया।  उन्होंने कहा कि एएसआई बालेश्वर सिंह के आने-जाने का दुष्परिणाम बाद में सामने दिखने लगा। मेरी पत्नी को एएसआई ने जाल में फंसा लिया था। इस तरह आशिक मिजाज वाले एएसआई ने दिव्यांग की पत्नी से अवैध संबंध स्थापित कर लिया। पहले वह छुपकर अवैध संबंध बनाता था।पीड़ित दिव्यांग ने गांव वालों के हवाले देकर एएसआई के बारे में कहा तो उसकी पत्नी विरोध करने लगी। इससे एएसआई का हौसल्ला बढ़ गया।इसके बाद वह अक्सर देर रात उनके घर आ धमक जाता था और उन्हें बांधकर एक कमरे में बंद कर उनकी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाता था। वह हाथ-पैर मार के डर के कारण बंधवा लेता था। मुंह में स्टीकर लगा देता था। जाने के समय उन्हें बंधन से मुक्त कर देता था। लोक लाज के भय से वे इस बात का जिक्र किसी से नहीं कर पाते थे।


इधर कुछ दिन पूर्व दिव्यांग की बहन जो मुंबई में रहती थी, घर आई थी। दिव्यांग भाई ने उन्हें अपने साथ हो रही ज्यादती की जानकारी दी। बहन ने मोहल्ले की महिलाओं के साथ मिलकर इसकी निगहबानी शुरु की। गत रात करीब 11 बजे एएसआई वहां धमक गए और पूर्व की तरह दिव्यांग को बांध एक कमरे में बंद कर लिया फिर उनकी पत्नी के साथ दूसरे कमरे में चला गया। इसी बीच उनकी बहन व अन्य महिला वहां धमक गई और दोनों को आपत्तिजनक अवस्था में देख एएसआई को दबोच लिया। यद्यपि इस दौरान एएसआई ने उनकी बहन के साथ भी मारपीट कर भागने की कोशिश की, लेकिन शोर मचने से काफी संख्या में लोग वहां जमा हो गए। बाद में एएसआई की बांधकर जमकर पिटाई भी की गई। फिलहाल एएसआई की यह इश्क मिजाजी चर्चा का विषय बन गया है। इसके बाद महिलाएं मौके पर जबरदस्त हंगामा काटा और इस पूरे मामले की सूचना पुलिस को दी।दरोगा भागने की बहुत कोशिश कर रहा था लेकिन ग्रामीणों ने उसे बंधक बना लिया। गाली-गलौज के बाद वह गांव को जलाकर राख कर देने की धमकी देने लगा लेकिन ग्रामीण काफी आक्रोशित थे, जिसके कारण एसपी को बुलाने की बात पर अड़ गए। मामला बिगड़ता देख बरारी थानाध्यक्ष घटनास्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत किया। इसके बाद एएसआई बालेश्वर सिंह को गिरफ्तार कर थाना ले जाया गया। सूचना पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुँची।मौके पर पहुंची पुलिस को भी महिलाओं की खरी-खोटी सुननी पड़ी। बाद में महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक विकास कुमार से बात की। ग्रामीणों के द्वारा एएसआई को रंगे हाथों पकड़कर रखा गया। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए कटिहार एसपी ने बालेश्वर सिंह को निलंबित कर दिया।इस कार्रवाई पर महिलाओं ने एएसआई को मुक्त कर दिया।

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