बेतिया. एक साल से कीडनी रोग से परेशान सरकारी टीचर फिलोमिना जोन का निधन हो गया.वे 72 साल की थीं.उनका इलाज बैंगलोर में चल रहा था.वह इस समय डायलिसिस के सहारे चल रही थीं. उनका पुत्र रोशन जोन ने बताया कि माताजी आज सुबह 2:15 बजे बैंगलोर के एक हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली.रिटायर सरकारी टीचर फिलोमिना जोन 72 साल की थीं.अपने पीछे पति जोन डिक्रुज अंथोनी चार पुत्र- दो पुत्री समेत अनेक परिजनों को छोड़ गयी. रोशन जोन ने कहा कि हमलोग मां को फ्लाइट में बैंगलोर से लेकर आगरा पहुंच गये हैं.पटना पहुंचने के बाद पार्थिव शरीर को लेकर बेतिया प्रस्थान करेंगे.अपने पैतृक आवास कायश्तपट्टी में मां को रखा जाएगा.अंतिम संस्कार का निर्णय नहीं लिया गया है. रोशन जोन ने कहा कि माताजी फिलोमिना जोन और पिताजी जोन डिक्रुज अंथोनी के परिश्रम हम चार पुत्र- दो पुत्री सही मुकाम तक पहुंचने में कामयाब हो गये.सरकारी शिक्षक हैं बड़ी बेटी ज्योति साह,पटना में टीचर और दूसरी बेटी रश्मि जोन मानसिक रोगी हैं.1.दीपक जोन हैं दिल्ली मंत्रालय में,2.आलोक जोन है सीनियर इंजीनियर,बैंगलोर में,3.रोशन जोन हैं दिल्ली में फ्रंट ऑफिस मैनेजर हैं और 4.प्रदीप जोन हैं व्यापारी. रोशन जोन ने कहा कि माताजी डायलिसिस के सहारे चल रही थीं.डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाया जाता है जब किसी व्यक्ति के वृक्क यानि गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे होते हैं.गुर्दे से जुड़े रोगों, लंबे समय से मधुमेह के रोगी, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों में कई बार डायलसिस की आवश्यकता पड़ती है. शालिनी साह ने कहा कि कल अंतिम संस्कार बेतिया में है.पापा डेनिस फ्रांसिस बीमार हैं.इसके कारण पटना से बेतिया नहीं जा पा रही हूं.मां ज्योति साह बेतिया चली गयी हैं.
मंगलवार, 17 नवंबर 2020
बिहार : कीडनी रोग से परेशान सरकारी टीचर फिलोमिना का निधन
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