किसानों के समर्थन में युवाओं का उपवास - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 7 दिसंबर 2020

किसानों के समर्थन में युवाओं का उपवास

  • युवाओं ने केन्द्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की...

fasting-for-farmers-support
भोपाल। किसान आंदोलन के समर्थन में देश के विभिन्न राज्यों में आज युवा समूह सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक का उपवास किए। भोपाल के गांधी भवन में 15 युवाओं ने अन्नदाताओं के समर्थन के लिए अन्न त्याग किया।देश भर में अलग-अलग जगहों पर छोटे समूहों में या फिर व्यक्तिगत स्तर पर घरों में उपवास कर रहे युवाओं ने फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं ट्वीटर के माध्यम से अपनी बात को सरकार तक पहुंचाया । भोपाल से प्रधानमंत्री के नाम पोस्टकार्ड भेजकर किसानों विरोधी कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया जाएगा। भोपाल में युवाओं सहित 15 लोग उपवास पर बैठे। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए गांधी भवन न्यास के सचिव दयाराम नामदेव ने कहा कि विरोध का सबसे बेहतर तरीका अनशन एवं सत्याग्रह है। केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए किसान विरोधी कानून के खिलाफ जब पूरे देश का किसान विरोध कर रहा है और सत्याग्रह कर रहा है, तब समाज के सभी वर्गों को उनके समर्थन में आना चाहिए। इसी क्रम में भोपाल सहित देश भर में युवाओं ने उनके समर्थन में उपवास किया है। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने बताया कि किसान दिल्ली घेरकर बैठे हैं। अपनी जायज मांगों के साथ देश के किसान बीते 4 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी, मजबूरन उन्हें दिल्ली घेरना पड़ा। लॉकडाउन के समय केंद्र सरकार ने कृषि को लेकर 3 कानून बनाए, जो किसान विरोधी है, यही वजह है कि किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसान सत्याग्रह से जुड़े गौरव जायसवाल ने बताया कि ये कृषि कानून पूरी तरह से कृषि व्यवस्था को बदल देंगे, जिसमें किसान बदहाल हो जाएगा और निजी कंपनियां खेती के धंधे में हावी हो जाएंगी। इसका व्यायक असर पूरे समाज पर पड़ेगा। सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री कुमुद सिंह ने बताया कि युवाओं ने यहां पर न केवल किसानों का समर्थन किया, बल्कि आपस में चर्चा कर इस मुद्दे को गहराई से समझने का प्रयास भी किया, ताकि वे ज्यादा मजबूती के साथ किसानों का साथ दे सकें और इस पर फैलाए जा रहे भ्रम को दूर कर सकें। कार्यक्रम में युवाओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। गांधी जी के भजन, कबीर भजन सहित जन गीत भी युवाओं ने प्रस्तुत किए। गांधी भवन में सुश्री कुमुद सिंह, अनीष कुमार, गौरव जायसवाल, मोहसिन, आनंद मिश्रा, शिवाशीष, नीरू दिवाकर, सौम्या जैन, मो. साबिर, राजू, आरती, आनंद जायसवाल, कृष्णानंद पाठक, राकेश नागर और सायम ने उपवास किया।

कोई टिप्पणी नहीं: