बिहार : कोरोना रैपिड एंटीजन टेस्ट - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 7 दिसंबर 2020

बिहार : कोरोना रैपिड एंटीजन टेस्ट

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पटना. राजधानी पटना में फेयर फील्ड कॉलोनी दीघा. इस कॉलोनी में संत पौल्स हाई स्कूल.इसका संस्थापक स्व. रफायल साह हैं.इसका प्राचार्य हैं आनंद प्रकाश रॉनी. प्राचार्य ने कोरोनाकाल में बेहतर कार्य किये हैं.उन्होंने सभी कर्मियों का कोरोना रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया है.सभी नेगेटिव पाये गये. बताया गया कि प्राचार्य से 80 कर्मियों कोरोना रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया है.टेस्ट करवाने वालों में दीपक कुमार,मिस विजु,सुशील सर,दीपक कुमार गुप्ता सर,मनीष खालखो,मिस पूजा,मिस मिसेल आदि शामिल हैं.सभी नेगेटिव पाये गये.सभी खुश हैं.


अब जरूरत है कि खुद को कैसे सुरक्षित रखूं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, कोरोना वायरस से ख़ुद को सुरक्षित रखने का सबसे बेसिक और महत्वपूर्ण उपाय है कि हम सफ़ाई से रहें. साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना सबसे ज़रूरी है. अपने हाथों को समय-समय पर धोते रहें. समय-समय पर साबुन और पानी से हाथ धोएं. या आप चाहें तो एक अल्कोहॉल बेस्ड सैनेटाइज़र भी इस्तेमाल कर सकते हैं. सैनेटाइज़र को हाथों पर अच्छी तरह लगाएं. इससे अगर आप के हाथ पर वायरस मौजूद हुआ भी तो समाप्त हो जाएगा.


कोरोना वायरस के लक्षण क्या हैं और कैसे कर सकते हैं बचाव

अपनी आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचें. हम अपने हाथ से कई सतहों को छूते हैं और इस दौरान संभव है कि हमारे हाथ में वायरस चिपक जाए. अगर हम उसी अवस्था में अपने नाक, मुंह और आंख को छूते हैं तो वायरस के शरीर में प्रवेश की आशंका बढ़ जाती है.


कोरोना वायरस

हम वायरस को फैलने से कैसे रोक सकते हैं?

अगर आप छींक रहे हैं या फिर खांस रहे हैं तो अपने मुंह के सामने टिश्यू ज़रूर रखें और अगर आपके पास उस वक़्त टिश्यू ना हो तो अपने हाथ को आगे कर कोहनी की ओट में छीकें या खांसें. अगर आपने कोई टिश्यू इस्तेमाल किया है तो उसे जितनी जल्दी हो सके डिस्पोज़ कर दें. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इसमें मौजूद वायरस दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं. यही वजह है कि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने को कहा जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोगों को एक-दूसरे से कम से कम दो मीटर दूर रहने की सलाह दी गई है. इसके अलावा बहुत सी जगहों पर लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों में ही रहें और जब तक बहुत ज़रूरी ना हो घर से बाहर ना निकलें. ताकि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचा जा सके. इन सबके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह बेहद ज़रूरी है लोग हैंडशेक करने से परहेज़ करें और इसके बजाय 'सेफ़-ग्रीटिंग' जैसे नमस्ते या फिर कोहनी के इस्तेमाल या दूसरे तरीक़े से अभिवादन करें.


मास्क और ग्लव्स

क्या ग्लव्स और मास्क कारगर हैं?

अगर आप किसी ऐसे मास्क का इस्तेमाल करते हैं जो एकदम साधारण है और जिसे आपने सुपर मार्केट से ख़रीदा था, तो वो आपके लिए मददगार नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि ये मास्क बहुत ढीले होते हैं और इससे आंखों को सुरक्षा नहीं मिलती है. साथ ही इन्हें बहुत लंबे वक़्त तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. यहां ये याद रखने की ज़रूरत है कि कोरोना वायरस के जितने मामले अभी तक सामने आए हैं उनमें से बहुत से मामले ऐसे हैं जिसमें संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नज़र नहीं आया लेकिन जब उन्हें टेस्ट किया गया तो वे पॉज़ीटिव पाए गए. ऐसे में अगर आप मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो कोई बुराई नहीं है. ग्लव्स की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर आप ग्लव्स का इस्तेमाल करते हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप कोरोना वायरस से बच जाएंगे. लेकिन इसका दूसरा पहलू ये भी है कि नंगे हाथ से चेहरा छूना ख़तरनाक साबित हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि रोज़ाना साबुन से हाथ धोते रहना ग्लव्स की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और कारगर है.

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