इंदौर : किसान संगठनों ने भारत बंद के समर्थन में जुलूस निकाला, किया प्रदर्शन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 8 दिसंबर 2020

इंदौर : किसान संगठनों ने भारत बंद के समर्थन में जुलूस निकाला, किया प्रदर्शन

छावनी और लक्ष्मी नगर अनाज मंडी सहित कई बाजार और छोटे दुकानदारों ने कारोबार बंद रखा किसान आंदोलन का किया समर्थन

  • तीनों कृषि बिल वापस लेने की मांग दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन 

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इंदौर। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर भारत बंद को इंदौर के किसान संगठन और जनवादी संगठनों ने भी समर्थन दिया । इन संगठनों के कार्यकर्ता शहर के अलग-अलग हिस्सों से जत्थों के रूप में निकले और पलासिया चौराहे पर एकत्रित होकर पहले वही प्रदर्शन किया उसके बाद सांसद शंकर लालवानी के कार्यालय पर जाकर भी प्रदर्शन किया । प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कामरेड अरुण चौहान, प्रमोद नामदेव, रामस्वरूप मंत्री, इंद्रपाल यादव, सुश्री अर्शी खान और अजय यादव  कर रहे थे ।  किसान आंदोलन के समर्थन में आज  छावनी और लक्ष्मी नगर अनाज मंडी सहित  चोइथराम मंडी व  कई छोटे दुकानदारों ने  अपनी दुकानें बंद रखकर आंदोलन को समर्थन दिया । गौरतलब है कि किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान सभा, किसान खेत मजदूर संगठन, एटक और लोकतांत्रिक जनता दल संयुक्त रूप से किसान आंदोलन के समर्थन में इंदौर में लगातार अभियान चला रहे हैं उसी के तहत आज भारत बंद के समर्थन में भी इन सब ने मिलकर अभियान चलाया ।अखिल भारतीय किसान सभा, किसान खेत मजदूर संगठन,  किसान संघर्ष समिति मालवा निमाड़ ,एटक,     सीआईटी यू ,एसयूसीआई,    सीपीआई ,सीपीएम, सोशलिस्ट पार्टी इंडिया ,लोकतांत्रिक जनता दल, आदि द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम सांसद शंकर  लालवानी को दिए ज्ञापन में कहा गया है  कि 12 दिन होने के बावजूद अब तक सरकार द्वारा तीनों कानूनों को रद्द करने एवं बिजली बिल वापस लिए जाने की घोषणा नहीं की है। आपकी  सरकार एक तरफ बातचीत कर रही है दूसरी तरफ आपके द्वारा कानूनों के पक्ष में लगातार बयान देकर किसानों को विपक्षियों द्वारा भ्रमित  बतलाया जा रहा है।आपके गोदी मीडिया द्वारा किसानों के आंदोलन  को खालिस्तानी ,विपक्षी दलों की कठपुतली ,विदेशी पैसों से आंदोलन चलाने वाला बतलाकर अपमानित किया जा रहा है । आज 8 दिसंबर को  किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े देश भर के 500 से ज्यादा किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है यदि अभी सरकार नहीं चेती ़़  विधेयक वापस नहीं लिए तथा बिजली बिल 2020 संशोधन कानून को लागू करने की कोशिश की तो देशव्यापी किसानों का आंदोलन  और बढ़ जाएगा उसकी जिम्मेदारी आपकी सरकार की होगी । आपके द्वारा जबरजस्ती बनाये गए तीन कृषि कानूनों का मकसद खेती का कार्पोरेटिकरण करना है। आप  कारपोरेट को खेती सौंपना चाहते हैं। हमारी समझ है कि  कानून किसानों की जमीन छीनने के उद्देश्य से लाए गए हैं ताकि किसान, किसानी और गांव खत्म कर कारपोरेट के लिए सस्ते मजदूर उपलब्ध कराया जा सकें। आपकी सरकार द्वारा कोरोना काल  में  68 ,000 करोड़ की छूट कारपोरेट को दी गई। आजादी के बाद अब तक कुल 48 लाख करोड की छूट दी जा चुकी है, दूसरी तरफ किसान गत 4 वर्षों से अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले  देश के  किसानों की संपूर्ण कर्जा मुक्ति के लिए  आंदोलन चला रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा अब तक संपूर्ण कर्जा मुक्ति नहीं की गई है। जिसमें 14 लाख करोड़ खर्च होंगे। हम खेती के कारपोरेटीकरणके खिलाफ आंदोलनरत   किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने और आपको चेतावनी देने के लिए यह ज्ञापनपत्र सौंप रहे हैं।यदि तत्काल किसान विरोधी कानून और बिजली बिल 2020 रद्द नहीं किए गए तो देश भर के किसान भी दिल्ली में डेरा डाले किसानों की तरह हम भी अनिश्चितकालीन आंदोलनात्मक कार्यवाही करने के लिए बाध्य होंगे।  प्रदर्शन में प्रमुख रूप से पूर्व पार्षद सोहनलाल शिंदे ,एसके दुबे, कैलाश लिंबोदिया, भागीरथ  कछवाय,  माता प्रसाद मौर्य, अजित पवार ,सोनू शर्मा ,रामस्वरूप मंत्री, शफी शेख,अजय लागू,  प्रमोद नामदेव ,रूद्र पाल यादव, अरुण चौहान, अजय यादव ,सहित बड़ी संख्या में वामपंथी समाजवादी कार्यकर्ता शरीक थे।  प्रदर्शन से पूर्व मूसाखेड़ी ,मरी माता ,मालवा मिल सहित शहर के अन्य हिस्सों से कार्यकर्ताओं के जत्थे पलासिया चौराहा पहुंचे थे।

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