मोदी ने जम्मू-कश्मीर में की स्वास्थ्य योजना 'सेहत' की शुरुआत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 27 दिसंबर 2020

मोदी ने जम्मू-कश्मीर में की स्वास्थ्य योजना 'सेहत' की शुरुआत

health-schemes-launched-in-jk
नयी दिल्ली, 26 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर की जनता के लिए स्वास्थ्य योजना 'सेहत' का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले आयुष्मान योजना का लाभ केवल कुछ लाख लोगों को मिल रहा था लेकिन अब सेहत योजना का लाभ जम्मू-कश्मीर के हरेक नागरिक को मिलेगा। नयी दिल्ली से किये गये आभासी संबोधन से गृह मंत्री अमित शाह गुवाहाटी से और जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी जुड़े। उन्होंने कहा, “आज का दिन जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ऐतिहासिक है। यहां के हरेक नागिरक को सेहत योजना का लाभ मिलने जा रहा है। इसके लिए उप राज्यपाल मनोज सिन्हा,सरकारी तंत्र को बहुत-बहुत बधाई।” प्रधानमंत्री ने स्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा,“ मेरी इच्छा थी कि यह कार्यक्रम अटल जी की जयंती पर हो परंतु व्यस्तताओं के कारण ऐसा नहीं हो पाया। अटल जी जम्मू-कश्मीर को बहुत पसंद करते थे। उन्होंने इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत जैसे नारों से हमें प्रेरणा दी।” उन्होने कहा, “जम्मू-कश्मीर की वादियों में हवा शुद्ध है। प्रदूषण बहुत कम है। मैं चाहता हूं कि हर कोई स्वस्थ रहें। अगर किसी को बीमारी होगी तो उसका इलाज सेहत योजना से संभव होगा।” श्री मोदी ने कहा कि देश में नकारात्मक सोच के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि देश का कोई भी राज्य विकास से वंचित नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में युवाओं को हजारों नौकरियों के अवसर देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। एक तरफ सरकारी नौकरियां निकाली जा रही हैं तो दूसरी तरफ स्वरोजगार योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में बड़े अस्पताल और आईआईटी-आईआईएम जैसी संस्थाएं स्थापित की जाएंगी। कश्मीर में सेब उत्पादकों की परेशानियों को दूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं। कोरोना वायरस की चुनौतियों के बावजूद सेब उत्पादकों को बेचने के लिए केंद्र सरकार ने प्रभावी कदम उठाए। किसानों के खाते में सीधे पैसे डाले गए।


जम्मू-कश्मीर में बासमती से लेकर किसी चीज की कमी नहीं है। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों के नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि दिल्ली में कुछ लोग उन्हें कोसते रहते हैं और अपशब्द कहते रहते हैं। उन्होने कहा, “मुझे लोकतंत्र सिखाने की बातें करते हैं लेकिन कांग्रेस शासित पुड्डुचेरी में दशकों के बाद 2006 में स्थानीय निकायों के चुनाव हुए थे। इसका कार्यकाल 2011 में समाप्त हो चुका है लेकिन उसके बाद से चुनाव नहीं करवाए गए। ” इस अवसर पर श्री मोदी ने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा,“ गांधी जी ने स्वराज का नारा दिया था। हम जम्मू-कश्मीर में सरकार का हिस्सा थे इसके बावजूद हमने उस सरकार का साथ छोड़ दिया क्योंकि हम पंचायती राज की संस्थाओं को मजबूत करना चाहते थे। हम चाहते थे कि पंचायती राज की संस्थाओं के चुनाव हों। हमने जनता के लिए कुर्सी छोड़ दी। इससे जमीनी स्तर पर विकास होगा। जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए ही ये कदम उठाए गए हैं। यह नए युग और नए नेतृत्व की शुरुआत हुई है।” प्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न हुए जिला विकास परिषद् ( डीडीसी ) के चुनावों को जिक्र करते हुए कहा,“ चुनाव में सभी उम्मीदवार अपने प्रयासों और अपने नाम के बल पर जीते हैं। मैं चुनाव में विजय हुए जनप्रतिनिधियों को बधाई देता हूं। जो चुनाव नहीं जीत पाए उन्हें भी निराश होने की जरूरत नहीं है। जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में लोगों ने यह भी दिखाया है कि देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है। जम्मू-कश्मीर में प्रशासन और सुरक्षाबलों ने चुनाव को सुचारु करवाने में अहम भूमिका निभाई। सभी दल भी जब यह बात करते हैं कि चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से हुए तो मुझे प्रसन्नता हुई। मैं सुरक्षाबलों और प्रशासन को धन्यवाद करता हूं। आपने कोई छोटा कार्य नहीं किया है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं जम्मू कश्मीर के लोगों को लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए भी बधाई देता हूं। डीडीसी के चुनाव में मतदान करने के लिए कतारों के खड़े मतदाताओं के चेहरे पर विकास की चाह दिख रही थी। जम्मू-कश्मीर के प्रशासन, सुरक्षाबलों ने जिस प्रकार से इस चुनाव का संचालन किया, वह प्रशंसनीय है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जम्मू कश्मीर के ‘सेहत’ लाभार्थियों से आभासी तौर पर रुबरु भी हुए। इस योजना से जम्मू-कश्मीर में उन एक करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा जो आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अधीन नहीं आते हैं। ये योजना आयुष्मान भारत की तर्ज पर ही होगी। इसमें कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। इस योजना के तहत पांच लाख रुपये का बीमा किया गया है। 

कोई टिप्पणी नहीं: