पटना. बिहार में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार छठे दिन भी जारी है. हड़ताल का कोई नतीजा अब तक नहीं निकला है. डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों की हालत ख़राब है क्योंकि इलाज नहीं हो पा रहा है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री @NitishKumar जी,स्वास्थ्य मंत्री @mangalpandeybjp जी से अनुरोध किया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए राज्यहित में जूनियर डाक्टरों की सभी माँगों को मानकर अविलंब उनकी हड़ताल को ख़त्म करवाएं.जूनियर डाक्टरों की हड़ताल का सीधा असर ग़रीबों पर पड़ रहा है. पीएमसीएच प्रशासन ने हड़ताल में शामिल डॉक्टरों को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया है. राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों पर चेतावनी का असर होता नहीं देख सरकार अब कोर्ट जाने की तैयारी में है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के अधीक्षक और प्राचार्य को नए सिरे से हड़ताली डॉक्टरों को चिन्हित करते हुए उन्हें नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर कोर्ट में अवमानना का मामला दायर करेगी. दीघा विधानसभा के पराजित प्रत्याशी विकाशचंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने बिहार मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के पास आवेदन देकर बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था, मरीजों के हक को लेकर पहुँचे हैं.जूनियर डॉक्टरो की हड़ताल किसी भी हाल मे खत्म होना चाहिए.आगे उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर माननीय पटना उच्च न्यायलय में भी जाने को तैयार हैं.
मंगलवार, 29 दिसंबर 2020
बिहार : डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों की हालत ख़राब
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