पटना : खरमास के बाद सक्रांति शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं । ऐसे में बिहार में अभी तक कैबिनेट विस्तार को लेकर कोई भी सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही है। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार कैबिनेट विस्तार को लेकर कई बार कह चुके हैं कि अगर यह सब काम उनके हाथों में रहता तो कब का हो गया होता तो। इसी कड़ी में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कैबिनेट विस्तार को लेकर एक बात साफ कर दिया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा कि बिहार में कैबिनेट के अंदर तस्वीर क्या होगी। यह बात पहले ही तय हो चुकी है। उन्होनें कहा कि जब 16 नवंबर को शपथ ग्रहण हुआ था उसी वक्त विभाग बट गए थे और किसके पास कितने विभाग है यह बताने को काफी है कि मंत्रिमंडल में किसकी ताकत कितनी होगी। आरसीपी सिंह के इस बयान के बाद राजनितिक जानकारों की माने तो बिहार में कैबिनेट का विस्तार 50-50 फार्मूले पर तय हो सकता है क्योंकि वर्तमान में बिहार कैबिनेट में एनडीए के अंदर शामिल दलों में से जदयू के पास कुल 20 विभाग है जबकि बीजेपी के पास 21 विभाग हैं वहीं अन्य सहयोगी दल हम और वीआईपी के पास एक एक विभाग है। ऐसे में अगर बात मंत्रिमंडल में ताकत को लेकर की जाए तो जदयू भाजपा से ज्यादा दूर दिखाई नहीं पड़ती है और आरसीपी सिंह द्वारा यह कहना ही मंत्रिमंडल में किसकी कितनी ताकत है उसी के हिसाब से कैबिनेट का विस्तार होगा यह बात को साफ करता है कि कैबिनेट विस्तार में विभाग को लेकर ज्यादा अंतर होने वाला नहीं है। वहीं एक अन्य राजनीतिक जानकारों की माने तो भूपेंद्र यादव द्वारा यह कहना कि राजद के कई विधायक टूटने वाले हैं बस खरमास के कारण वह रुके हुए हैं साथ ही उनके इस बयान पर तोड़ जोर की राजनीति में भरोसा करने वाले ललन सिंह का खुलकर समर्थन करना यह बतलाता है कि बिहार में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर भागना चाहती है। जानकारी हो कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के कई नेताओं ने कहा था कि भाजपा बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर रहेगी। इसको इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद देवेंद्र फडणवीस के साथ अन्य मंत्रियों ने भी पुरजोर कोशिश की है। वहीं भूपेंद्र यादव द्वारा इस तरह के दावा करना कि राजद के कई विधायक राजद छोड़कर भाजपा में शामिल होना चाहते हैं खरमास का इंतजार है भाजपा के बड़े नेताओं की बातों को सच करता हुआ नजर आता है। ऐसे में अब देखना यह होगा कि खरमास के बाद क्या सच में राजद के विधायक भाजपा के साथ आएंगे या नहीं साथ आ गए तो बिहार में भाजपा सबसे बड़ी बड़ी पार्टी बन जाएगी और कैबिनेट विस्तार में अधिक विभागों को लेकर लेकर जदयू पर दबाव बना सकेगी।
मंगलवार, 12 जनवरी 2021

बिहार : 50-50 फार्मूले पर होगा कैबिनेट विस्तार : आरसीपी
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