दरभंगा, 31 जनवरी (आर्यावर्त संवाददाता) पूर्व विधान पार्षद प्रो० विनोद कुमार चौधरी ने कहा है कि विधानमंडल के सत्रों के दौरान कई समस्याओं का समाधान हो पाता है। उन्होंने कहा कि विधायक, विधान पार्षद सचेष्ट रहते हैं तो कई गंभीर समस्याओं का समाधान सदन से हो पाता है। प्रोफेसर चौधरी ने मिथिलांचल के विधायकों से अपील की है कि मिथिला विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय एवं विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र के मरणशील घोषित किए जाने के मामले को सदन में गंभीरता से उठावे। पूर्व विधान पार्षद प्रो० चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 से 65 की घोषणा विधान परिषद में ही लगातार आवाज उठाने के बाद मुख्यमंत्री द्वारा सदन में ही घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि विधान परिषद में शिक्षा जगत से जुड़े सदस्य लगातार आयु सीमा को बढ़ाने की मांग सरकार से कई सत्रों में करते रहे। आखिरकार मुख्यमंत्री को विधान परिषद में ही इस मांग को मानने की घोषणा करने पर ही। प्रोफ़ेसर चौधरी ने शिक्षा जगत से जुड़े तमाम विधायक एवं विधान पार्षदों से ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की समस्याओं को सदन में उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को बंद होने से बचाने में माननीय सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। सभी विश्वविद्यालयों के स्वास्थ्य केंद्रों को सरकार ने मरणशील घोषित कर दिया है यह भी एक ज्वलंत मुद्दा है। प्रोफेसर चौधरी ने कहा कि मैंने कई महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान विधान परिषद के सत्रों के बीच कराया था।।
रविवार, 31 जनवरी 2021
दरभंगा : विधानमंडल से होता है कई समस्याओं का समाधान :प्रो० विनोद चौधरी
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