भोपाल। महात्मा गाँधी सेवा आश्रम द्वारा संचालित कोविड 19 राहत कार्यक्रम के अंतर्गत प्रवासी परिवारों को मोटे अनाजों के उपयोग के महत्त्व पर समुदाय को बैठकों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। महात्मा गाँधी सेवा आश्रम के सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा समुदाय को अवगत कराया जा रहा है कि हमारे पूर्वज मोटे अनाजों का उपयोग अपने दैनिक भोजन में किया करते थे और सदैव स्वस्थ रहते थे।इसके आलोक में हमलोगों को भी मोटे अनाजों का सेवन करना चाहिए।वर्तमान मे कोरोना महामारी का दौर चल रहा है।इससे लड़ाई लड़ने के लिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करना है।वक्त की मांग है कि अपनी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर बनाने के लिए अपने दैनिक भोजन मे मोटे अनाज का उपयोग करें। मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा व मक्का बाजार में कम कीमत पर उपलब्ध है.बस जरूरी है इसको भोज्य सामग्री में शामिल करना। बताया गया कि मोटे अनाजों से हमें पर्याप्त मात्रा मे प्रोटीन, विटामिन और खनिज होते है इसके लिए वंचित प्रवासी मजदूर परिवारों और अतिकुपोषित बच्चों की माताओ को यह पोषण राहत किट उपलब्ध कराई जा रही है जिसमें बाजार, मक्का ,मिक्स दालें, गुड़,सोयाबड़ी, नमक और तेल शामिल किया गया है जिसके नियमित सेवन से बच्चों,गर्भवती महिलाओं के पोषण स्तर मे सुधार निश्चित ही सुधार होगा | कोरोना राहत कार्यक्रम संचालित महात्मा गांधी सेवा आश्रम श्योपुर द्वारा प्रवासी परिवारों, अल्पपोषित बच्चों की माताओं एवं जरूरत मंद लोगों को पोषण राहत किट वितरण की जा रही हैं।
बुधवार, 13 जनवरी 2021
दैनिक भोजन के उपयोग से बच्चों के पोषण स्तर में होगा सुधार
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