- किसान आज़ादी और लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं: शिवसागर शर्मा
- गरीब जनता नहीं, अमीर सेठों के साथ है सरकार : रणजीव
- सांस्थानिक हत्या है आंदोलन के दौरान मारे गए 147 किसानों की शहादत : गालिब
- किसानों के साथ हम पटना के लोग" नागरिक अभियान के पांचवें दिन राजधानी के मीठापुर बस स्टैंड के पास जुटे सैकड़ों लोग
- तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को तत्काल रद्द करने की उठायी मांग, 30 जनवरी को विराट मानव श्रृंखला में शामिल होने का हुआ आह्वान
पटना ( 23 जनवरी 2021) : केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार को राजधानी के मीठापुर बस स्टैंड के पास ऑल इंडिया पीपल्स फोरम (एआइपीएफ) के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम "किसानों के साथ हम पटना के लोग" में पांचवे दिन भी प्रबुद्ध नागरिक समाज के अनेक लोग जुटे और तीन कृषि कानूनों के जनविरोधी परिणामों से लोगों को अवगत कराते हुए किसान आंदोलन के साथ एकजुट होने का आह्वान किया.कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए शिक्षा अधिकार आंदोलन से जुड़े अर्थशास्त्र के शिक्षक डॉ. अनिल राय ने केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को विस्तार से व्याख्यायित करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि इनके अमल में आने के बाद देश की गरीब जनता के मुंह का निवाला छिन जाएगा और लोग भूखे मरने को मजबूर हो जाएंगे. किसान - मजदूर और बेरोजगारों की बदहाली पर तथ्यपूर्ण तर्क सामने लाते हुए उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि हर लिहाज से देशहित के खिलाफ है मोदी सरकार. लिहाजा इसके खिलाफ एकजुट होना आज की सबसे बड़ी जरूरत है. अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवसागर शर्मा ने केंद्र की कॉरपोरेट परस्त मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर किसान इस देश की 135 करोड़ आबादी को दाना मुहैया करा सकते हैं तो वे अनाज पर डाका डालने वाले की नकेल भी कस सकते हैं. सरकार के साथ ग्यारह दौर की वार्ता के बाद भी किसानों का अपनी मांगों पर अडिग रहना बताता है कि मुनाफाखोर सेठों और उनके यारों कि अब खैर नहीं है चाहे अडानी-अम्बानी जैसे पूंजीपति हों या उनकी हितैषी मोदी सरकार. उन्होंने कहा कि केंद्र की जुमलेबाज सरकार जहां एक-एक कर तमाम लोकतांत्रिक संस्थाओं को ध्वस्त कर रही है वहीं देश के किसान तमाम बाधाओं के बावजूद आज़ादी और जम्हूरियत बनाए रखने की लड़ाई लड़ रहे हैं. हमें इस लड़ाई को एकसाथ मिलकर जीतना होगा. शिवसागर शर्मा ने महात्मा गांधी शहादत दिवस (30 जनवरी )पर बिहार में खड़ी की जा रही विराट मानव श्रृंखला में भाग लेने के लिए सबका आह्वान किया और उसका अभ्यास भी कराया. वहीं पर्यावरणविद् और जल संरक्षण विशेषज्ञ रणजीव ने बताया कि दुनिया भर के किसान भारत के इस किसान आंदोलन को काफी आशा भरी नजरों से देख रहे हैं. विदेशों में भी भारत के किसानों के पक्ष में प्रदर्शन हो रहे हैं. यह अकारण नहीं कि 26 जनवरी को होने वाले किसानों के ट्रैक्टर परेड को कवर करने के लिए दुनिया भर के टीवी चैनल भारत आ रहे हैं. हमें चाहिए कि जिस भी तरह हो, किसानों के पक्ष में अपनी आवाज उठाएं. इस दौरान युवा कवि प्रशांत विप्लवी ने अपनी कविताओं से देश का सूरते हाल बयां किया. कहा- "एक हल्की-सी आहट पर भी/ खरगोश के कान खड़े हो जाते हैं / इस वहशी और अराजक लोकतंत्र से उसका विश्वास तो डिगता है / लेकिन वो फिर उसी जंगल की ओर भाग जाता है /
ताकि उसके जंगल का लोकतंत्र जिन्दा रहे."
कार्यक्रम का संचालन करते हुए इस नागरिक अभियान के संयोजक एआइपीएफ से जुड़े वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता ग़ालिब ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि तानाशाह हुकूमत से लड़ता हुआ देश आज साम्राज्यवाद विरोधी संग्राम के अपने नायक से प्रेरणा ले रहा है. मोदी सरकार पर सीधा हमला करते हुए उन्होंने आगे कहा कि पिछले 58 दिनों से भीषण ठंड में इस देश के किसान सड़कों पर हैं और 147 किसानों की जान जा चुकी है. यह मौत नहीं, मोदी सरकार द्वारा की गई सांस्थानिक हत्या है. लिहाजा व्यापक समाज को इस आन्दोलन से जोड़ना हम सबकी ऐतिहासिक जिम्मेदारी है. इसी मकसद से यह अभियान चलाया जा रहा है. "किसानों के साथ हम पटना के लोग" नामक इस नागरिक अभियान का यह चौथा दिन था जो पटना के अलग अलग इलाकों में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी )तक चलेगा. इसमें सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता, कवि-साहित्यकार, प्राध्यापक-चिकित्सक, कवि,गायक,रंगकर्मी, युवा-मजदूर आदि समाज के सभी तबके भाग ले रहे हैं. गीत, कविता, नुक्कड़ नाटक व वक्तव्यों से किसान आंदोलन के समर्थन का आह्वान किया जा रहा है. उक्त वक्ताओं के अलावा कार्यक्रम में अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश सह सचिव उमेश सिंह, इंकलाबी नौजवान सभा के विनय कुमार, ददन प्रसाद व मो.सोनू समेत नागरिक समाज के दर्जनों लोग मौजूद थे. अभियान के छठे दिन 24 जनवरी को दोपहर दो बजे से यह कार्यक्रम फुलवारी शरीफ के पेठिया बाजार (टमटम पड़ाव के पास) में आयोजित किया जाएगा.
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