कृषि सुधार कानूनों का विकल्प दें किसान : तोमर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 17 जनवरी 2021

कृषि सुधार कानूनों का विकल्प दें किसान : तोमर

tomar-ask-alternate-to-farmers
नयी दिल्ली 17 जनवरी, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को किसान संगठन से तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की हठधर्मिता को छोड़ कर इनका विकल्प प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है । श्री तोमर ने अपने बयान में कहा कि सरकार खुले मन से किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि 19 जनवरी की वार्ता में किसान संगठन तीन कृषि सुधार कानूनों के संबंध में बिंदुवार बातचीत करें और इन कानूनों का विकल्प सुझाए । उच्चतम न्यायालय ने इन कानूनों का क्रियान्वयन रोक दिया है। ऐसे में किसान संगठन को ठोस विकल्प देना चाहिए । कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार पूरे देश के हित में कोई कानून बनती है । देश के अधिकांश किसान , वैज्ञानिक ,कृषि से जुड़े लोग इसके साथ हैं लेकिन किसान संगठन टस से मस होने का नाम नहीं ले रहे हैं और अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। श्री तोमर ने कहा कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ एक बार नहीं, नौ बार घंटों बातचीत की है । किसानों से आग्रह किया गया है कि वे कानूनों पर बिंदुवार चर्चा करें । उनका कोई सुझाव है तो सरकार उस पर संशोधन करने को तैयार है । उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान संगठनों को पहले ही बिंदुवार चर्चा का अनुरोध किया था लेकिन उस पर ठोस जवाब नहीं आया ।फिर सरकार ने ही कुछ बिंदुओं की पहचान की और मंडी , व्यापारियों के निबंधन तथा अनुबंध कृषि को लेकर कई रास्ते सुझाए । किसानों और व्यापारियों में विवाद की स्थिति में एसडीएम कोर्ट की जगह न्यायालय का विकल्प भी दिया गया । कृषि मंत्री ने कहा कि पराली जलाने संबधी और बिजली कानून भविष्य की बात है लेकिन सरकार ने उस पर भी बात की है । 

कोई टिप्पणी नहीं: