बेतिया.आप झारखंड पुलिस सेवा में थे।नक्सलवादियों द्वारा बिछाए बारूदी जाल के शिकार होकर 17 जनवरी 2009 को शहीद हो गया।मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर जाए वीर अनेक।पुष्प ने कहा। काशिखा कुमारी ने अपने पिताजी के बारे में कहती हैं कि ईश्वर की यह पुकार, हो सकता है कि वह आपको अधिक हमसे चाहता हो। लेकिन उस सर्वशक्तिमान का शुक्रिया कि उसने हमें इतनी ताकत और हिम्मत दी है कि हम चलते रहते हैं। जब भी आपको याद किया जाएगा लोग गर्व के साथ आपका नाम लेंगे। वर्षों की गिनती जारी रहेगी, जिस शून्य को आपने पीछे छोड़ दिया है वह हमेशा याद रहेगा और मेरे दिल में तड़प तब तक रहेगी जब तक कि मैं आपके साथ यहाँ रहने के लिए अपने अमिट क्षणों को साझा करने का सुनहरा अवसर खो चुका था। मुझे यकीन है कि हम सबसे अच्छी पिता बेटी की जोड़ी बनेंगे, लेकिन कम से कम मेरे पास आपकी खुशबू है, प्रत्येक आपके द्वारा छोड़े गए प्रत्येक ऋणात्मक क्षण जो आपने हमारे साथ बिताए थे और जो हमारे पूरे जीवन तक हमारे लिए पर्याप्त होंगे। इसके 12 लंबे साल हो गए हैं और मैं आपको अपने जीवन के हर एक पल "डैडी" को याद करता हूं, हालांकि मैं इस शब्द को आपको नहीं बता सकता, लेकिन मैं इसे लिखता रहूंगा और इसे एकांत में रखूंगा। हमारे दिल के बहुत से प्यार के साथ💗 डैडी, आप जहाँ भी हों शांति में रहें !!!
ये तो दुनिया का दस्तूर है,
जो आता है उसको एक दिन जाना ही पड़ता है।
बस शब्दावली संजोय रह जाती है हम,
वो खिलखिलात वो मुस्कुराहट,
वो चमकता हुआ रोशन चेहरा,
वो आवाज़ जो एहसास दिलाती थी;
वो मेरे लिए हमेशा रहेगी;
है ... आज भी है,
बस मेरे भीतर है,
जिसे देखा नहीं बस महसूस किया जा सकता है।
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