शिक्षा का सार समग्र विकास - उच्च शिक्षा मंत्री श्री यादव
अग्रणी महाविद्यालय के कक्षो एवं लायब्रेरी का लोकार्पणप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने आज विदिशा जिला मुख्यालय की अग्रणी शासकीय कन्या महाविद्यालय में नवनिर्मित छह कक्षो एवं लायब्रेरी भवन का लोकार्पण किया है। ततसंबंधी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री श्री यादव ने कहा कि शिक्षा का सार मानव का समग्र विकास है। उन्होंने प्राचीनकाल से शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जिलो में शिक्षा के माध्यम से रोजगार की प्राप्ति अर्थात प्लेसमेंट के लिए हरेक जिले में एक-एक अधिकारी की नियुक्ति की गई है जो सिर्फ पासआउट होने वाले विद्यार्थियों के लिए प्लेसमेंट के दायित्वों का निर्वहन करेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि वर्ष 2035 तक कॉलेज लघु महाविद्यालय बन सकें इसके लिए उच्च शिक्षा नीति में किए जा रहे परिवर्तनो पर उन्होंने प्रकाश डाला है। भारतीय जीवन दर्शन पर आधारित शिक्षा को बढावा देने के लिए किए जा रहे प्रबंधो को भी रेखांकित किया है। अग्रणी शासकीय कन्या महाविद्यालय परिसर में आयोजन की शुरूआत अतिथियों द्वारा कन्याओं की पूजन कर की गई इसके पश्चात् उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव सहित अन्य अतिथियों ने नवनिर्मित कक्षो एवं भवन के लोकार्पण पटटिका का अनावरण किया। गौरतलब हो कि 28.80 की लागत से लायब्रेरी भवन तथा 353.09 की लागत से छह कक्षो का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने महाविद्यालय की दो छात्राओं को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया है। कुमारी स्तुति भार्गव ने एनसीसी के आरडीसी केम्प में शामिल होकर और कुमारी भारती शर्मा ने गृह विज्ञान की परीक्षा में विश्वविद्यालय में द्वितीय स्थान हासिल करने पर सम्मानित हुई है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री यादव सहित अन्य अतिथियों का अग्रणी कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या एवं अन्य स्टाफ के द्वारा स्वागत सत्कार उपरांत स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कार्यक्रम में कुरवाई विधायक श्री हरिसिंह सप्रे, बासौदा विधायक श्रीमती लीना जैन, विदिशा नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री राकेश जादौन के अलावा अन्य अतिथिगण, महाविद्यालय के प्राध्यापक, छात्राएं एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे। कार्यक्रम के शुभांरभ अवसर पर संस्था की प्राचार्या डॉ मंजू जैन ने आयोजन के उद्वेश्यों एवं प्रस्तावना पर प्रकाश डाला। विभाग के अतिरिक्त संयुक्त संचालक श्री एमएस रघुवंशी ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर श्रीमती रेखा श्रीवास्तव ने तथा आगंतुक के प्रति आभार श्रीमती सविता सोनी ने व्यक्त किया।
कोविड 19 वैक्सीन की मार्कड्रिल आज
वर्डफ्लू से बचाव के प्रबंधो का समयावधि में क्रियान्वयन करें
मुख्यमंत्री मदद योजना के नियमों में संशोधन, विभाग ने जारी किये आदेश
आदिम-जाति कल्याण विभाग ने मुख्यमंत्री मदद योजना के नियमों की कुछ कण्डिकाओं में संशोधन किये हैं। इस संबंध में विभाग ने आदेश भी जारी किये हैं। संशोधन के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा क्रय की गई सामग्री को अब ग्राम पंचायत सचिव प्राप्त कर स्टॉक पंजी में संधारित किया जायेगा। ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम में अनुसूचित-जनजाति के परिवार में सामाजिक संस्कारों के कार्यक्रम के लिये उक्त सामग्री संबंधित परिवार को निरूशुल्क उपयोग के लिये उपलब्ध कराई जायेगी। किये गये संशोधन के अनुसार ग्राम पंचायत सचिव द्वारा सामग्री प्रदाय किये जाने की जानकारी संधारित करने के लिये एक पंजी तैयार की जायेगी। उक्त पंजी में समय-समय पर जिस परिवार को उपयोग के लिये सामग्री दी जायेगी, उसका विवरण पंजी में लिखा जायेगा। मध्यप्रदेश के विभिन्न जन-जातीय समुदाय में जन्म, मृत्यु आदि संस्कारों पर उत्सव करने की परम्परा रही है। इन अवसरों पर सामाजिक भोज का आयोजन परम्परागत रूप से किया जाता रहा है। ऐसे अवसरों पर निर्धनता के कारण कई जन-जातीय परिवार भोज आदि की व्यवस्था में कठिनाई का सामना करते हैं। कई मौकों पर उन्हें ऋणग्रस्तता का सामना करना पड़ता है। जन-जातीय परिवारों को इस समस्या से मुक्त करने के लिये राज्य सरकार ने प्रदेश के 89 जन-जातीय विकासखण्डों में मदद योजना संचालित की है। योजना के अंतर्गत बच्चे का जन्म होने पर उत्सव के लिये 50 किलो अनाज (गेहूँ अथवा चावल) और मृत्यु होने पर भोज के लिये एक क्विंटल अनाज संबंधित परिवार को निर्धारित दर पर उचित मूल्य की दुकान से उपलब्ध कराया जा रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें