मधुबनी : चन्द्रशेखर आजाद एवं संत रविदास को जिला कांग्रेस ने श्रद्धांजलि दिया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

मधुबनी : चन्द्रशेखर आजाद एवं संत रविदास को जिला कांग्रेस ने श्रद्धांजलि दिया

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) आज दिनांक 27 फरवरी को जिला कांग्रेस कमिटी कार्यालय ,ललित भवन,के सभागार में जिला अध्यक्ष प्रो शीतलाम्बर झा के अध्यक्षता में संत शिरोमणि रविदास जी की जन्मजयंती एवम स्वतंत्रता आंदोलन के महान क्रांतिकारी नेता चन्द्रशेखर आजाद जी की पुण्यतिथि का आयोजन किया गया।सर्वप्रथम उनके तैल चित्रों पर पुष्पांजलि कर कांग्रेसजनों ने श्रदांजलि अर्पित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष प्रो शीतलाम्बर झा ने कहा कि भारत महान संत मुनियों एवम मनीषियों का देश है यहाँ अनेको सन्त अवतरित हुए है उसी में से एक महान संत गुरु रविदास जी का जन्म भी उत्तरप्रदेश के बाराणसी शहर के गोवर्धन पुर में हुआ था,वे जातिवाद एवम आध्यात्मिकता के प्रबल विरोधी थे,लेकिन वे आध्यात्मिक लोग थे।सन्त रविदास जी कवि भी थे वे कुरीतियों,भेदभाव, छुआछूत के घोर विरोधी थे,वे कवीर के सच्चे दोस्त एवम शिष्य भी थे आज भी बड़ी संख्याओं में लोग सन्त रविदास जी के पूजने बाले है उनकी वाणी विचार आज भी प्रासंगिक है। वही जिला अध्यक्ष प्रो शीतलाम्बर झा ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ने बाले महान क्रांतिकारी अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आजाद जी का जन्म मध्यप्रदेश के झबुआ जिला में हुआ था वे शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रयागराज आये और वही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ गए और 14 वर्ष की अवस्था मे ही आजादी की लड़ाई में भाग लेने लगे। राष्ट्रपिता महात्मागांधी द्वारा 1922 में अचानक असहयोग आंदोलन को बन्द करने के कारण उन्होंने ने अपना विचार बदल लिए और क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़ गए और हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गए और राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में पहले 9 अगस्त 1925 को काकोरी कांड को सफल अंजाम दिए फिर 1927 को बिस्मिल के साथ 4 साथियों के बलिदान के बाद भगतसिंह के साथ लाहौर में लाला लाजपतराय की मौत का बदला सांडर्स की हत्या कर ली ,चन्द्रशेखर आजाद ,आजाद थे आजाद रहे। कार्यक्रम में मो साबिर अहमद,धनेश्वर ठाकुर,विनय झा,फ़ैज़ी आर्यन,प्रफुल्ल चन्द्र झा,अशोक कुमार, अधिवक्ता संजय मिश्रा,ऋषिदेव सिंह,कालिका प्रसाद सिंह,कलिश चन्द्र झा,सुधीर झा,मुकेश कुमार झा,पप्पू,ध्यानी पासवान,शशि झा,विदेश चौधरी, सहित दर्जनों कार्यकर्ता थे।

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