- अशोक कुमार पांडेय अभिनेत्री कंगना राणावत को अपनी किताब 'उसने गांधी को क्यों मारा' की एक प्रति भेजेंगे
- · लेखक ने कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारे को हीरो बनाने की कोशिश कर रहीं अभिनेत्री
- · नथूराम गोडसे के महिमामंडन को देश की न्यायप्रणाली और संविधान का अपमान बताया
नई दिल्ली : नथूराम गोडसे को लेकर अभिनेत्री कंगना राणावत के बयान को लेखक अशोक कुमार पांडेय ने इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ बताया है। उन्होंने कहा है कि अभिनेत्री एक जगजाहिर हत्यारे को हीरो बनाने की कोशिश कर रही हैं। ' उसने गांधी को क्यों मारा' के लेखक अशोक ने कहा, कंगना कुछ समय से लगातार खुद को दक्षिणपंथ का प्रवक्ता साबित करने की जद्दोजहद कर रही हैं। इतिहास की शून्य समझ, प्रचार की भूख और किसी ज़िम्मेदारी का एहसास न होना उन्हें एक ऐसी सेलिब्रिटी में तब्दील कर रहा है जो पॉपुलर होने के लिए खुद को किसी हद तक ले जाने को तैयार है। अशोक ने कहा, एक कलाकार और अब फिल्म निर्माता के रूप में आत्मप्रचार उनका हक़ है लेकिन जब वह इतिहास के तथ्यों के साथ खुलेआम छेड़छाड़ कर रही हैं और नथूराम गोडसे जैसे हत्यारे को हीरो बनाने की कोशिश कर रही हैं, तो जरूरी हो जाता है कि उसका जवाब दिया जाए। उन्होंने कहा, पहली बात तो यही कि गोडसे भारत के क़ानून से सज़ा पाया हुआ एक हत्यारा है। ठीक वैसे ही जैसे अफ़जल गुरु या बेअंत सिंह। देशभक्त और देशद्रोही की संकीर्ण परिभाषाओं से बाहर निकल कर देखें तो ऐसे हत्यारों का महिमामंडन असल में हमारी अदालतों और हमारे संविधान का अपमान है। यह कौन सी देशभक्ति है जो संविधान और अदालतों का अपमान सिखाती है?
कंगना को भेजेंगे अपनी किताब
अशोक ने कहा कि वे अभिनेत्री को अपनी किताब 'उसने गांधी को क्यों मारा' की एक प्रति भेजेंगे. ताकि कंगना अगर चाहें तो महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े असल तथ्यों को जान सकें.
झाँसी की रानी और गोडसे की भक्ति!
अशोक कहते हैं, कंगना खुद को एक फिल्म मे अपनी भूमिका के चलते रानी झांसी कहलवाना पसन्द करती हैं। अब यह उम्मीद करना तो उनके साथ ज़्यादती होगी कि उन्हें पता होगा कि रानी झांसी बांदा के नवाब अली बहादुर को भाई की तरह मानती थीं और उन्हें राखी बांधती थीं. या फिर यह कि उनके अंगरक्षक और तोपखाने के प्रमुख के अलावा भी उनकी सेना मे बड़ी संख्या मे मुसलमान थे। लेकिन इतना तो हर भारतीय जानता है कि झांसी की वह वीर रानी अंग्रेज़ों के खिलाफ़ लड़ी थीं। आश्चर्यजनक है कि कंगना उस गोडसे को किसी तीसरे एंगल से हीरो बनाने की कोशिश करती हैं जो अंग्रेज़ों से लड़ने के बजाय एक कायराना षड्यन्त्र में महात्मा गांधी की हत्या करना चुनता है।
स्कूली किताबें और इतिहास का सच
अशोक ने कहा, जब आपके पास कोई तर्क नहीं होता तो आप कुछ भी कहने को आज़ाद होते हैं। उन्होंने कहा, गोडसे को लेकर कंगना ने कहा है कि हरेक कहानी के तीन पहलू होते हैं, आपका, मेरा और सच. वे स्कूली किताबों की बात करती हैं। उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि झांसी की रानी, तात्या टोपे, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारियों के बारे मे उन्हें कहाँ से पता चला? उनका नाम और उनके शौर्य भी तो उन्हीं स्कूली किताबों मे दर्ज हैं जिनमें महात्मा गाँधी के क़िस्से दर्ज हैं और जिनमें गोडसे को हत्यारा कहा जाता है। फिर कंगना का यह तीसरा पहलू क्या है? उन्होंने तथ्यों को रेखांकित करते हुए कहा, गोडसे का इतिहास एक सांप्रदायिक अखबार अग्रणी निकालने का है जिसमें गांधी ही नहीं, पटेल, सुभाष, अंबेडकर जैसे आज़ादी की लड़ाई के उन नायकों की तीखी आलोचना की जाती थी जिनकी तारीफ़ अक्सर कंगना गांधी और नेहरू को नीचा दिखाने के लिए करती हैं। इसके अलावा उसका योगदान सांप्रदायिक दंगों के समर्थन का है और फिर गांधी की हत्या का। कंगना और उनके समर्थकों का यह नायक इतना बड़ा देशभक्त है कि उसके खून मे भगत सिंह की फाँसी या आज़ाद हिन्द फ़ौज के संघर्ष के समय ज़रा भी उबाल नहीं आता और जब उसके गुरु सावरकर सुभाष बाबू की सेना के खिलाफ़ भर्ती कराते हैं तो उसका सगा भाई गोपाल गोडसे न केवल उस सेना मे भर्ती होता है बल्कि उस समय मिली बंदूक से उस गांधी की हत्या का षड्यन्त्र करता है, जिसे सुभाष बाबू ने ‘राष्ट्रपिता’ कहकर पुकारा था। अशोक मानते हैं कि सत्ता के क़रीबी होने की चाहत में कंगना सोशल मीडिया के सहारे ऐसे गोडसे की वकालत करती नज़र आती हैं जो उस विचारधारा का पोषक था जो मनुस्मृति को संविधान बनाना चाहती थी। उन्होंने कहा, गोडसे पर कंगना का बयान केवल सस्ती लोकप्रियता पाने का एक घटिया तरीक़ा है जो उनसे देश की आज़ादी की लड़ाई का अपमान करवा रहा है। ऐसी हरकतों से आज उनको कुछ लोगों की ताली मिल जाएगी लेकिन इतिहास मे उनका नाम हमेशा के लिए कलंकित हो जाएगा। गौरतलब है कि अशोक ने यह प्रतिक्रिया कंगना के उस बयान पर दी है जो उन्होंने महात्मा गांधी की शहादत के दिन अर्थात 30 जनवरी को ट्विटर पर दिया था।
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