पटना. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने ट्वीट कह कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सबसे बड़े फैन समस्तीपुर के रहवासी श्री संतोष झा जी की देहावसान की सूचना प्राप्त हुई है.उनके असामायिक मृत्यु से काफी आहत हूं. संतोष झा जी प्रधानमंत्री जी की रैलियों में मुख्य आकर्षण होते थें. प्रधानमंत्री मोदी के ज्यादातर सभाओं में संतोष झा आकर्षण का केंद्र बनते थे.कैमरे की नजर उनसे बच नहीं सकती थी. अचानक ही उनके जाने के बाद इस दृश्य की काफी कमी खलेगी. जब संतोष झा, हाथ में केतली लेकर जय श्रीराम...हर-हर मोदी...घर-घर मोदी का नारे लगाते थे तो पूरा माहौल जोशीला हो जाता था.सबका ध्यान अपनी ओर खींच लेते थे.
बिहार में जब भी चुनावी सभा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आते थे तो संतोष खासतौर से उसकी तैयारी करते थे. 2014 से शुरू हुआ सिलसिला 2020 तक चला. इस दौरान समस्तीपुर के संतोष झा ने एक अलग पहचान बनाई. चुनावी रैलियों में संतोष के लिए 'रैली मैनेजर्स' खास जगह तय करते ताकि कैमरे को उन्हें ढूंढने में ज्यादा मशक्कत न करना पड़े. नारेबाजी से माहौल में भरपूर जोश भरा रहे. मगर अब मोदी के सबसे बड़े फैन संतोष इस दुनिया में नहीं रहे.नरेंद्र मोदी के जनसभाओं में आकर्षण का केंद्र बनने वाले संतोष झा ने बुधवार को दुनिया को अलविदा कह दिया.मुजफ्फरपुर के रहने वाले सुधीर, जो सचिन तेंदुलकर के सबसे बड़े फैन हैं, उनसे सीखकर मोदी के फैन संतोष झा भी कपड़ा नहीं पहनते थे.संतोष अपने पूरे बदन को बीजेपी के झंडे से रंग कर ढंकते थे. पीएम की रैलियों और जनसभाओं के लिए के लिए संतोष कठिन परिश्रम करते थे.घंटों पहले से अपने शरीर की पेंटिंग कराने के बाद उसपर कमल फूल का छाप उकेरते थे.इसके बाद जब हाथ में केतली लेकर वो किसी चीज के सहारे भीड़ के ऊपर नजर आते थे तो अचानक लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेते थे. बदन पर बीजेपी का झंडा और हाथ में चाय की केतली देखकर लोग काफी खुश होते थे. संतोष झा समस्तीपुर के रहने वाले थे.भरण-पोषण के लिए टैम्पू चलाते थे. मगर मोदी की रैली को मिस नहीं करते थे. मुजफ्फरपुर के रहनेवाले और सचिन तेंदुलकर के फैन सुधीर को संतोष अपना आदर्श मानते थे. पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति अपने जुनून के बारे में संतोष ने कहा था कि 'मैं 2013 से मोदी जी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं. मैंने प्रतिज्ञा की थी कि जब तक मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं बन जाते, मैं हर जगह चाय-केतली लेकर घूमता रहूंगा.अब मेरी इच्छा पूरी हो गई है. फिर भी उनकी सभी रैलियों में पहुंचता हूं.' संतोष के निधन से पूरे इलाके में गम का माहौल है. संतोष झा की मौत की वजह साफ नहीं है. संतोष झा के निधन के बाद उनके घर में मातम का माहौल है.घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. 5 साल और 3 साल की दो पुत्रियों के साथ पत्नी को बिलखता छोड़ गए.संतोष झा की मौत पर बीजेपी के दरभंगा जिला महामंत्री ज्योति कृष्ण झा ने गहरी संवेदना प्रकट की है.हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया.
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