वाराणसी : पंचायत चुनाव से पहले अराजक तत्वों पर लगाम कसेगी पुलिस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

वाराणसी : पंचायत चुनाव से पहले अराजक तत्वों पर लगाम कसेगी पुलिस

  • प्रत्‍याशी ने की गड़बड़ी तो समर्थकों पर होगी कार्रवाई : विजय सिंह मीना 
  • असामाजिक तत्वों के पास अगर शस्त्र लाइसेंस हैं तो उसकी जांच करने के नि‍र्देश दि‍ए गए हैं , गांवों की हर गतिविधि पर पुलिस की पैनी निगाह 
  • चुनाव से पहले अराजक तत्वों को जेल में डाला जायेगा , जिले को जोन और सेक्टर में बांटा जाएगा, जौनपुर सबसे अधिक संवेदनशील 

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वाराणसी (सुरेश गांधी) पंचायत चुनाव की तिथि का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ है, लेकिन इसे लेकर होने वाली गड़बड़ियों को लेकर पुलिस महकमा अभी से सतर्क हो गया है। माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव मार्च-अप्रैल में होंगे। जिसके चलते चुनाव की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। गांवों में अराजकता तत्वों की धड़पकड़ तेज हो गयी है, तो कुछ को चिह्नित कर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा गांवों की हरगतिविधि पर पुलिस की पैनी निगाह है। पंचायत चुनाव को लेकर की जा रही तैयारियों के बाबत वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक विजय सिंह मीना का साफ संदेश है कि चुनाव से पहले अराजक तत्वों को जेल में डाला जायेगा। इसके लिए जिलों के संबंधित थानेदारों को सख्त हिदायत दी गयी है। साथ ही चुनाव सकुशल संपंन कराने के लिए फार्मूले को अंतिम रुप दिया जा चुका है।  


श्री मीणा का कहना है कि पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्षता के साथ संपन्न कराने के लिए पुलिस ने सभी तैयारियों का खाका खींच लिया है। जनपदों में टॉप टेन अपराधियों की सूची बनाकर उन्हें जेल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। अपराधियों को प्रत्येक स्थिति में सलाखों के पीछे भेजने के लिए कहा गया है। पुलिस अफसरों को इस कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के लिए कहा गया है। चुनाव में प्रत्‍याशियों के समर्थक ज्यादा बवाल करते हैं, इसलिए उनकी सूची तलब करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा पुलिस उम्मीदवारों से भी समर्थकों की सूची मांगी जायेगी और उन नामों का सत्यापन इलाकाई इंस्पेक्टर करेगा। असामाजिक तत्वों के पास अगर शस्त्र लाइसेंस हैं तो उसकी जांच करने के नि‍र्देश दि‍ए गए हैं। उम्मीदवार के चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने पर समर्थकों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यही वजह है कि उम्मीदवारों को भी अपने समर्थकों के नाम पुलिस को देने होंगे। अब ग्राम प्रधान के साथ ही उस गांव के अन्य लोगों के भी नंबर एकत्रित किए जाएंगे जो इस बार पंचायत चुनाव में अपनी हिस्सेदारी करेंगे।  जहां तक तैयारियों का सवाल है तो जिले को जोन और सेक्टर में भी बांटा जाएगा। मतदान केंद्रों को संवेदनशील, अतिसंवेदनशील क्रिटिकल की श्रेणी में बांटने का कार्य शुरू हो गया है। चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर व वाराणसी के ग्राम पंचायतों को तीन भाग में विभाजित किया गया है। जौनपुर सबसे अधिक संवेदनशील जिला है। पहले के चुनावों का रिकार्ड भी खंगाला जा रहा है। जिन बूथों पर मतदान के दौरान विवाद हुआ था, उन बूथों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा जाएगा। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील ग्राम पंचायतों को चिंह्ति कराया जा रहा है। यहां पर मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम रहेंगे। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षकों को गांवों में कैंप कर ग्रामीणों संग बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं। श्री मीणा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो लोग पूर्व में चुनाव में दखल देने के आरोपित रहे हैं, उनके बारे में भी जानकारी हासिल की जाएं। अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए आबकारी विभाग साथ मिलकर पुलिस कार्रवाई करे। जिले के जो भी बड़े अपराधी हैं, उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही असामाजिक तत्वों के पास शस्त्र लाइसेंस है तो जांच करके उनको निरस्त कराने की कार्रवाई अभी से की जाए। लाइसेंसी असलहों को जमा कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटरों की वर्तमान गतिविधियों की निगरानी की जा रही है। प्रत्येक थानों पर एक रजिस्टर बनाया गया है जिसमें थानाध्यक्ष, हल्का प्रभारी व बीट प्रभारी अपने क्षेत्र के विवादों व समस्याओं का उल्लेख करने के निर्देश दिए गए हैं। इस रजिस्टर में ग्राम का नाम, विवाद की प्रकृति, कारण, दोनों पक्षों के लोगों के नाम व पते व निरोधात्मक कार्रवाई का उल्लेख किया जा रहा है। संभावित प्रत्याशियों के पूर्व अपराधिक इतिहास को भी जुटाने का काम हो रहा है।

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