- · जाने माने पत्रकार रवीश कुमार की बहुचर्चित किताब इश्क में शहर होना का वैलेंटाइन संस्करण राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित ।
- · युवा और युवतर पीढ़ी के बीच, प्रेम और शहर की धड़कन को महसूस करने वाले लोगों के बीच यह किताब एक कल्ट का दर्जा पा चुकी है ।
नई दिल्ली : मशहूर पत्रकार रवीश कुमार की चर्चित किताब ‘इश्क़ में शहर होना’ का वैलेंटाइन संस्करण प्रकाशित हुआ है । लघु प्रेम कहानियों का यह अनूठा संग्रह 2015 में पहली बार प्रकाशित होने के समय से ही पाठकों के बीच असाधारण रूप से लोकप्रिय रहा है । इसकी लगातार बढ़ती लोकप्रियता और खासकर युवा पीढ़ी के बीच इसकी मांग को देखते हुए राजकमल प्रकाशन समूह ने यह विशेष संस्करण प्रकाशित किया है ।
‘इश्क़ में शहर होना’ का वैलेंटाइन संस्करण हार्डबाउंड है और रवीश ने इसके लिए एक नई भूमिका लिखी है । वैलेंटाइन संस्करण के लिए लिखी गई विशेष भूमिका में रवीश ने इस किताब का हवाला देते हुए लिखा है, हमने इश्क को एक संभावना के रूप में देखा है । वे लिखते हैं, इश्क में शहर होना-- आपके पास भारत में प्रेम के इतिहास के किसी भग्नावशेष की तरह न रहे. अपने शहर को इश्क के लायक बनाइए. अपने समाज को इश्क के लायक बनाइए । उन्होंने वर्तमान समय में समाज में मौजूद इश्क विरोधी सोच का जिक्र करते हुए लिखा है कि आज पुलिस का एंटी रोमियो दस्ता लोगों की जांच करता है. छेड़खानी रोकने के बहाने प्रेम को अपराध बना दिया गया है । लव जिहाद के नाम पर एक सांस्कृतिक-सांप्रदायिक दीवार बना दी गई है. रवीश ऐसे माहौल में इश्क़ को बचाए रखने का आहवान करते हैं । राजकमल प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कहा, ‘इश्क़ में शहर होना’ ऐसी किताब है जिसकी लघु प्रेम कहानियां हिन्दी में ‘लप्रेक’ नाम से एक स्वतंत्र विधा के रूप में चर्चित हो चुकी हैं. उन्होंने कहा, युवा और युवतर पीढ़ी के बीच, प्रेम और शहर की धड़कन को महसूस करने वाले लोगों के बीच यह किताब एक कल्ट का दर्जा पा चुकी है.अभी तक यह पेपरबैक में छपती रही है जिसमें इसकी 33 हजार प्रतियां बिक चुकी हैं। गौरतलब है कि रेमॉन मैगसेसे अवार्ड 2019 से सम्मानित रवीश कुमार की यह किताब अंग्रेजी में अनूदित होकर प्रकाशित हो चुकी है। इस वर्ष यह उर्दू में भी प्रकाशित होने वाली है। यह किताब को प्रसिद्ध चित्रकार विक्रम नायक के चित्रों से सुसज्जित है. इसका वैलेंटाइन संस्करण बाजार में उपलब्ध है।
लेखक के बारे में : रवीश कुमार
आमतौर पर लोगों के दिलों में ‘एनडीटीवी वाले रवीश’ के नाम से एक बड़ी पहचान। बिहार के मोतिहारी जि़ले के गाँव जितवारपुर से चलकर दिल्ली शहर में ‘स्थायी पता’ की तलाश करने वाले। लप्रेक का नया कॉन्सेप्ट शुरू करने वाले। ‘वन रूम सेट का रोमांस’ जैसी लम्बी कहानी किश्तवार लिखने वाले ‘क़स्बा’ के ब्लॉगर। आमतौर पर इनका सबसे बड़ा परिचय—‘रवीश की रिपोर्ट’ वाले रवीश कुमार। ‘रैमॉन मैगसेसे अवार्ड 2019’ से सम्मानित। ‘इश्क़ में शहर होना’ का अंग्रेजी में ‘अ सिटी हैप्पन्स इन लव’ नाम से अनुवाद प्रकाशित। ‘बोलना ही है’ किताब अंग्रेजी, मराठी और कन्नड़ भाषाओं में भी प्रकाशित।
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