- संदेश देंगे कि मानव तू धूल है और धूल में ही मिल जाएगा
बुधवार को ईसाई समुदाय राख बुध दिवस मनाएंगे.या इसी के साथ चालीस दिन के उपवास और परहेज प्रारंभ हो जाएगा....
पटना. आज मंगलवार है.आज ईसाई समुदाय गोस्त-भूजा दिवस के रूप में मनाते हैं.इस अवसर पर अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय लजीज भोजन करते हैं. इसके बाद बुधवार से प्रभु येसु ख्रीस्त का दुखभोग चालीसा शुरू हो जाता है.इन 40 दिनों के दरम्यान लजीज भोजन नहीं करते हैं.इन कथित दिनों में उपवास,परहेज और प्रार्थना में समय व्यत्तित करते हैं. कल बुधवार को सुबह में ईसाई समुदाय चर्च जाते हैं.वहां पर पुरोहित पवित्र मिस्सा करते हैं. उसके बाद पुरोहित पवित्र राख से धर्मावलम्बी के माथे पर राख से क्रूस का चिन्ह बनाकर कहते हैं कि हे! मानव तू मिट्टी हो और मिट्टी मिल जाओंगे. कल बुधवार से ही उपवास और परहेज शुरू हो जाएगा.बच्चे और बुर्जुग उपवास और परहेज के बंधन से मुक्त रहते हैं.सुबह में मिस्सा सुनकर और तीन पहर क्रूस का रास्ता तय करके उपवास और परहेज तोड़ते हैं.इसी तरह शुक्रवार को भी करते हैं. जैसे बताया गया कि कल राख बुध है.कल प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में सुबह 6:30 बजे से मिस्सा होगा. उसके बाद पवित्र राख माथे पर लगाया जाएगा. तीन पहर 3:30 बजे से पहला क्रूस रास्ता होगा.इसके बाद शाम 4:30 बजे से दूसरा क्रूस रास्ता होगा. दूसरे क्रूस रास्ता के तुरंत बाद मिस्सा बलिदान चढ़ाया जाएगा .इसके बाद माथे पर पवित्र राख लगाया जाएगा. इस चालीसा काल में हम अपने और दूसरों के पापों की क्षमा के लिए ईश्वर से दया की याचना करें.राख बुध उपवास और परहेज का दिन है. बिहार प्रदेश कांग्रेस ‘‘अल्पसंख्यक विभाग’’ के उपाध्यक्ष सिसिल साह ने ईसाई धर्मावलम्बियों का कल बुधवार को होने वाले ‘‘राख बुध पर्व’’ के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से आपके गुड फ्राइडे की तैयारी के लिए उपवास, परहेज एवं प्रार्थना शुरू हुआ होगा. पवित्र राख बुध के अवसर पर ईसाई धर्म के पुरोहितगण अपने धर्मावलंबियों को याद दिलाते है तथा उनके माथे पर पवित्र राख लगाकर कहते है, यह शरीर मिट्टी से बना है, एक दिन मिट्टी में मिल जायेगा.आगे सिसिल साह ने कहा कि ईसा मसीह के मरने दिन 2 अप्रैल को गुड फ्राईडे एवं तीसरे दिन यानी 4 अप्रैल को ईसा मसीह के जी उठने का पर्व दिवस ‘‘ईस्टर’’ मनाया जाता है. पूर्व की तरह ही इस बार भी 'कोविड-19' को ध्यान को रखते हुए पूर्ण सुरक्षा व नियमों का पालन करते हुए 'मुसीबत' नामक भजन,गीत एवं प्रार्थना का कार्यक्रम कराया जाएगा.अत: जो भक्त जन अपने यहाँ यह कार्यक्रम कराना चाहते है,वे एस.के. लॉरेंस से सम्पर्क कर तिथि तय कर सकते हैं.
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