जन आंदोलन बन चुका है किसानों का आंदोलन : जयंत चौधरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021

जन आंदोलन बन चुका है किसानों का आंदोलन : जयंत चौधरी

protest-become-public-jayant-chaudhary
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), नौ फरवरी, राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने मंगलवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन अब 'जन आंदोलन' बन चुका है। चौधरी ने अलीगढ़ के इगलास के पास आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि हर गुजरते दिन के साथ किसानों का आंदोलन जोर पकड़ रहा है और अब इसके वापस होने का कोई सवाल नहीं है, अब यह किसानों का ही नहीं बल्कि जन आंदोलन बन चुका है। उन्होंने कहा,‘‘ हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक भाषण के दौरान आंसू बहाते देखा गया। मोदी अगर आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में हुई किसानों की मौत पर रोते तो हालात यहां तक न पहुंचते।’’ चौधरी ने आरोप लगाया कि अब सरकार की नजर अभूतपूर्व विनिवेश अभियान के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की विशाल कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेचने पर लगी है, इस बेरहम विनिवेश की वजह से देश की अर्थव्यवस्था का संतुलन पूरी तरह बिगड़ जाएगा और सारा धन कुछ मुट्ठी भर लोगों के हाथ में चला जाएगा। पूर्व सांसद ने कहा, "हम कृषि क्षेत्र में सुधार या उसके आधुनिकीकरण के विरोधी नहीं हैं। हर क्षेत्र में सुधार की जरूरत है लेकिन ऐसे किसी भी सुधार का खाका तैयार करने से पहले भारत में आम किसान की जोत के रकबे को ध्यान में रखा जाना चाहिये। सुधार के मायने तभी हैं जब किसानों को जमीन पर इसका फायदा मिलें।’’


कोई टिप्पणी नहीं: