विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 25 फ़रवरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 25 फ़रवरी

विधायक भार्गव द्वारा क्षेत्र की पेयजल की समस्या, खेल सुविधाओ के विस्तार  एवं सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगो से दौहरे कर वसूली के संबंध में विधानसभा में प्रश्नों के माध्यम से रखी क्षेत्र की बात   


विदिशाः-  विदिशा विधायक शशांक भार्गव ने विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में क्षेत्र में नवीन हेण्ड पम्पो के उत्खन्न कराये जाने एवं क्षेत्र में 48 नलजल योजनाओं की स्वीकृती की गई है के संबंध में कार्यवाही गतिशील है जिनमे अहमदपुर कस्बा, मूगोद, देहरी, तिलक, जम्बार, कांकर खेड़ी, करारिया लश्करपुर, पैरवारा, धतुरिया हवेली, पांझ, सेमरा लश्करपुर, गुरारिया लश्करपुर, पहो, सोरई, करई अमाछावर, सेमरा अहमदपुर, पिपरिया घाट गजार, लालाखेड़ी भैरोखेड़ी मदनखेड़ी, अम्बार, मढीपुर, खरी, सुनपुरा, सुआखेड़ी, हाटखेड़ा, बागरी, डगरबाडा, सौठिया, ठर्र, सतपाडा अहमदपुर, खेजड़ा पडरात, विघन, चिडौरिया, मेहरखेड़ी घुडियाखेड़ी पड़रिया माफी, हरजाखेड़ी बेरखेड़ी मुरवारा, पाटनी, रामपुर जलहेरी, नागपिपरिया, पडरिया, इकोदिया, सहित गुलाबगंज के लिए प्रस्तावित समूह नलजल योजना जिसमें क्षेत्र के 11 ग्रामों का जोडा गया है जिसमें बर्री घाट ऐरन अडियाकलाॅ, गूलरखेड़ी, गाॅव गुलाबगंज, खुजरहार खामखेड़ा रकोली, मनपुर, मेहेन्दर सहित उदयगिरी की नवीन नलजल योजना के परिक्षण कर कार्यवाही किये जाने का संबंध में यथाशीघ्र कार्यवाही की मांग की थी।  खेल मंत्री से विदिशा में स्थित स्टेडियम में एथेलेटिक सिंथेटिक ट्रेक एवं वास्केट बाॅल खाॅ-खाॅ के साथ ही ओपन जिम एवं अन्य खेलो के संबंध में सुविधा उपलब्ध कराने की बात रखी। साथ ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों से लीज की भूमि पर लीज रेंट संधारण शुल्क एवं नगरीय निकाय द्वारा भी कर लिये जाने के संबंध में औद्योगिक क्षेत्र के अधौसंरचना निर्माण कार्य एवं मूलभूत सुविधाओ के संबंध में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री के संमक्ष विधानसभा प्रश्न के माध्यम से अपनी बात रखी ।


सीएम हेल्पलाइन के लंबित आवेदनों के निराकरण की सघन समीक्षा 

  • विभागो को निराकरण के लक्ष्य तय, बेहतर प्रदर्शन हेतु मॉटिवेट प्रशिक्षण 

vidisha news
सीएम हेल्पलाइन के तहत लंबित आवेदनों के निराकरण हेतु किए जाने वाले प्रबंधो की सघन समीक्षा आज अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में की। उन्होंने जिले की ग्रेडिंग के अनुरूप विभागो की प्रगति का परफारमेंस परलिक्षित हो इसके लिए विभागो को समय सीमा में निराकरण के लक्ष्य तय किए गए है। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन के आवेदनों पर मतांकन अंकित करने से लेकर एल-वन पर दर्ज किए जाने वाले जबावो तथा संतुष्टिपूर्ण निराकरण से विभाग की ही नही बल्कि जिले की छवि में बेहतर सुधार हो इसके लिए पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से मॉटिवेट प्रशिक्षण भी विभागो के अधिकारियों को दिया गया है।  अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने सीएम हेल्पलाइन एक फीडबैक मैकेनिज्म के तहत अंकित की जाने वाली टिप्पणी, शिकायते लंबित क्यों रहती है, शिकायतों का निराकरण ना करने से अन्य शासकीय कार्यो का प्रभावित होना, विभागो की माह में प्राप्त शिकायतो के आधार पर ग्रेडिंग प्रक्रिया में जिले का स्थान तय होना। अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने फोर्सक्लोज स्पेशल क्लोज की गई शिकायतो जिनमें भविष्यात्मक निराकरण संबंधी शब्दो का प्रयोग नही करने की पूर्व में भी कई बार विभागो के अधिकारियों को चेतावनी दी गई है। वर्क इन प्रोग्रेस के अंतर्गत बजट प्राप्त होने पर, कर दिया जाएगा, प्रचलित है, कार्यवाही जारी है, कराया जाएगा, कर दी जाएगी, कार्यवाही चल रही है, प्रगति पर कार्यवाही की जाएगी, निर्देश दिया गया है, निर्देशित किया गया है, बदल दिया जाएगा, कार्य होगा, कार्य कराया जाएगा, कर दिया जाएगा इत्यादि शब्दावली का उपयोग करने से संतुष्टि से निराकरण प्रतिशत में गिरावट आती है जिस कारण से विभाग के साथ-साथ जिले की ग्रेडिंग प्रदेश स्तर पर प्रभावित होती है। गौरतलब हो कि फोर्सक्लोज, स्पेशल क्लोज की गई शिकायते मान्य होने पर दस प्रतिशत तक अंक ग्रेडिंग के प्राप्त होते है। 

प्रदेश स्तर पर जिले का 33 प्रतिशत संतुष्टि से बंद

सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज आवेदनो के निराकरण हेतु किए जाने वाले प्रबंधो तथा आवेदको की संतुष्टि के उपरांत जारी होने वाली ग्रेडिंग सूची अनुसार कलेक्ट्रेट कार्यालय के 33 प्रतिशत आवेदन संतुष्टि पूर्ण बंद हुए है जबकि 14 विभागो के द्वारा निराकरण संतुष्टि का प्रतिशत जिले के प्रतिशत से भी कम होने के कारण प्रदेश स्तर पर जिले की ग्रेडिंग में गिरावट आई है ऐसे विभागो के अधिकारियों व एल-वन स्तर के अधिकारियों हेतु आज प्रेरकदायी प्रशिक्षण आयोजित किया गया था जिसमें संतुष्टिपूर्वक आवेदनों का निराकरण कैसे हो एल-वन स्तर पर ही आवेदनकर्ता से संवाद कर वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए निराकरण की पहल आवेदन प्राप्ति तिथि को ही की जाए ताकि आवेदक को इस बात का रिस्पांस मिले कि उसकी शिकायत पर प्रशासन, विभागों के अधिकारियों द्वारा त्वरित गौर करते हुए निराकरण की पहल की गई है। 


जिले के कुल वेटेज 76 प्रतिशत

सीएम हेल्पलाइन तहत कलेक्ट्रेट कार्यालय के सात हजार से अधिक आवेदनों के निराकरण प्रक्रिया में प्रदेश स्तर पर जिले का कुल वेटेज 76 प्रतिशत है जबकि जिले की औसत से कम वेटेज वाले 14 विभागो को जिले के कुल वेटेज बराबर प्रगति हासिल करने हेतु प्रेरित किया गया है। 


जिले की रैंक आठवीं

सीएम हेल्पलाइन के आवेदनों के निराकरण मामले में प्रदेश स्तर पर विदिशा जिले की ओवर आल रैंकिग आठवीं है वही 18 विभागो की रैंकिंग 22 से 12 के बीच में होने के कारण जिले की रैंकिंग में सुधार आशातीत परलिक्षित नही होने के कारण इन विभागो के अधिकारियों को अपर कलेक्टर ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जिले की रैंकिंग के बराबर कम से कम हर विभाग की रैंकिंग होना अतिआवश्यक है। विभागों की रैकिंग में सुधार होने से प्रदेश स्तर पर विभाग के माध्यम से जिले की ख्याति में भी वृद्धि होगी वही आमजनों के विश्वास पर विभाग खरा उतरेगा। 


440 घंटे निराकरण में व्यतीत

सीएम हेल्पलाइन के तहत विभिन्न विभागो में दर्ज आवेदनों का निराकरण संबंधित विभागो के माध्यम से कराए जाने हेतु कलेक्टर, अपर कलेक्टर, समेत सातो अनुविभागीय राजस्व अधिकारी एवं जिला मुख्यालय पर पदस्थ डिप्टी कलेक्टरों के द्वारा फरवरी माह में निराकरण की विशेष मुहिम क्रियान्वित की गई थी। उक्त मुहिम में कुल 440 घंटे शिकायतो के निराकरण में पूर्व उल्लेखितों के व्यतीत किए गए है। शिकायतो का निराकरण ना करने से अन्य शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे थे को ध्यानगत रखते हुए कलेक्टर के द्वारा अधीनस्थ अपर कलेक्टर समेत अन्य को दिए गए विशेष निर्देशो पर उनके द्वारा समय अंतराल पर की गई विशेष पहल से विभागो के एल-वन द्वारा शिकायतो को गंभीरता से नही लेने, एल-टू अधिकारी के नियंत्रण अभाव एवं समीक्षा नही करने से जिले की शिकायतो में गुणात्मक वृद्वि हो रही थी। इस कारण से निराकरण के वेटेज स्कोर प्रभावित हो रहा था। अत्यधिक शिकायतो के लंबित हो जाने से फरवरी माह के अंतिम दिस दिन में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अपना विभागीय कार्य छोड़कर इन शिकायतो के निराकरण में समय व्यतीत करना पडा है। 


ग्रेडिंग प्रक्रिया

सीएम हेल्पलाइन के तहत विभागो की माह में प्राप्त शिकायतो के आधार पर प्रदेश स्तरीय ग्रेडिंग प्रक्रिया तय की जाती है। इसके लिए कुल वेटेज स्कोर सौ प्रतिशत में से पचास प्रतिशत संतुष्टि के साथ बंद ऐसी शिकायते जो गत माह की एक तारीख से माह के अंतिम तिथि तक प्राप्त हुई है। 25 प्रतिशत अंक नॉन अटेंड शिकायते हेतु निर्धारित है। इसके अलावा दस-दस प्रतिशत क्रमशः निम्न गुणवत्ता से बंद, सौ दिवस से अधिक समय लंबित और लंबित शिकायतो में कमी पर पूर्व उल्लेखित प्रतिशत आवंटित किया गया है।  ग्रेडिंग के अंतर्गत 80 प्रतिशत से अधिक हेतु ए ग्रेड, इसी प्रकार 70 से 80 प्रतिशत के लिए बी ग्रेड, जबकि 60 से 70 प्रतिशत हेतु सी ग्रेड, वही 60 प्रतिशत से कम ग्रेडिंग करने वाले को डी ग्रेड आवंटित किया जाता है।


पॉक्सो एक्ट के प्रावधानो से अवगत हुए 


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राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग तथा युवा विकास मण्डल के माध्यम से लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 पॉक्सो एक्ट के कानूनी प्रावधानो से अवगत कराने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गत दिवस जिला पंचायत के सभागार कक्ष में किया गया था। कार्यशाला मेंं महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग से विशेष किशोर पुलिस इकाई बाल कल्याण, शिक्षा विभाग, चाइल्ड लाइन, आदिम जाति कल्याण विभाग तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, वन स्टाप सेन्टर, बाल कल्याण समिति सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य के अलावा स्थानीय समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा उक्त कार्यशाला में सहभागिता निभाई गई थी। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्री बृजेश चौहान ने बच्चो के विरूद्व होने वाली हिंसा की रोकथाम के लिए स्कूल, घर और स्कूल से बाहर वृहद समाज में जन-जन जागरूकता के लिए एक अभियान के रूप में काम करने की बात कही। लटेरी पुलिस थाने को युवा विकास मण्डल के साथ मिलकर चाइल्ड फ्रेण्डली पुलिस थाने के रूप में विकसित करने की बात कही साथ ही आयोग सदस्य बृजेश चौहान द्वारा बताया गया कि बालिकाओं को अपने साथ होने वाली घटनाओं को लेकर खुल कर बोलना चाहिए। पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा ने लटेरी पुलिस थाने को चाइल्ड पुलिस थाना बनाने की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले समय से आठ मार्च को विदिशा जिले के सभी पुलिस थानो पर महिला डेस्क की स्थापना की जाना है। महिलाओं और बच्चो से संबंधित विशेष प्रकार के मामलो में इससे कार्य में प्रगति मिलेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बृजेश शिवहरे ने विभागीय कार्यो और योजनाओं से अवगत कराया वही डीएसपी आकांक्षा जैन के द्वारा महिलाओं और बालिकाओं के साथ घटित घटनाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है। कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अधिकारी श्री प्रदीप सिंह ठाकुर ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से मुहैया कराई जाने वाली सुविधाओं खासकर, पीड़ित प्रतिकर योजना तथा पाक्सो कानून, साइबर अपराध से अवगत कराया है। युवा विकास मण्डल की ओर से श्री राजेन्द्र मेवाडा ने जिले मेंं संस्था के कार्यो से अवगत कराया है। कार्यशाला में पाक्सो, मानव तस्करी और मेन्टल हेल्थ विषय पर मास्टर ट्रेनर अम्बर फातमी, अम्मू विजुदा, अपूर्वा सपरा, करन राठौर मौजूद रहें। कार्यशाला का संचालन श्री शफीक खॉन ने तथा आभार श्री लालाराम अहिरवार ने व्यक्त किया। 


कंट्रोल रूम गठित 


ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सतत आपूर्ति के प्रबंध सुनिश्चित कराए जाने हेतु जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम का गठन किय गया है। कंट्रोल रूम के सुव्यवस्थित रूप से संचालन करने तथा प्राप्त शिकायतो का त्वरित निराकरण हो इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री एसके जैन के द्वारा अधिकारियों को दायित्व सौंपे है।  जिला स्तर पर गठित कंट्रोल रूम का दूरभाष क्रमांक 07592-250663 है। उक्त कंट्रोल रूम 31 जुलाई तक संचालित किया जाएगा। नियंत्रण कक्ष का प्रभारी श्री रविन्द्र चक्रवती का सम्पर्क नम्बर 9111525311 है। कंट्रोल रूम में प्रातः आठ बजे से दोपहर दो बजे तक के लिए मीटर रीडर श्री राजेन्द्र कुमार कुशवाह 9131206827 की तथा दोपहर दो बजे से रात्रि आठ बजे तक बाल्वमैन श्री महेन्द्र कुमार विश्वकर्मा 9981026161 की तैनाती सुनिश्चित की गई है। कंट्रोल रूम में प्राप्त होने वाली शिकायतो का विधिवत लेखा जोखा पंजी में संधारित किया जाएगा। दैनिक प्राप्त शिकायतो एवं निराकरण की दैनिक कार्यवाही प्रतिदिन कार्यपालन यंत्री को अवगत कराई जाएगी। 


महाविद्यालयों में 26 फरवरी तक जमा होंगे दस्तावेज


उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2020-21 में सीएलसी छठवें चरण की प्रक्रिया अन्तर्गत दस्तावेज जमा करने के लिये अंतिम अवसर 26 फरवरी है। विद्यार्थियों द्वारा 26 फरवरी 2021 तक टीसी, माईग्रेशन एवं अन्य दस्तावेज सत्यापन उपरांत जमा कराये जा सकते हैं।


संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में 31 मार्च तक  करा सकते हैं पंजीयन


मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीयन का एक और मौका दिया गया है। पात्रता में आने वाले ऐसे निर्माण श्रमिक जिन्होंने अभी तक अपना पंजीयन नहीं कराया है, वे 31 मार्च तक अपना पंजीयन करा सकते हैं।  इसी प्रकार मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के पंजीकृत हितग्राही जिनका भौतिक सत्यापन नही हुआ है उनसे अपने पंजीयन का भौतिक सत्यापन कराने का आग्रह किया गया है। जिनके पंजीयन में नाम पता, बैंक खाता नम्बर, आधार नम्बर में या अन्य कोई त्रुटि है तो उसका शुद्धिकरण ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत एवं शहरी क्षेत्र में नगर पालिका, नगर पंचायत में आवेदन देकर कराया जा सकता है। सभी पंजीकृत परिवारों से आग्रह किया गया है कि हितलाभ प्राप्त करने में आने वाली कठिनाईयों से बचने के लिये यह काम जरूर कराएँ। 


जीवन प्रमाण पत्र 28 फरवरी तक जमा होंगे


कर्मचारी भविष्य निधि से पेंशन प्राप्त करने वालों के लिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की अवधि 28 फरवरी निर्धारित की गई है। है। सहायक भविष्य निधि आयुक्त, भोपाल द्वारा जानकारी दी है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार, से पेंशन प्राप्त कर रहे सभी ईपीएस पेंशन धारकों के लिये कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए जीवन प्रमाण-पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी 2021 तक कर दी गई है एवं इसकी वैधता जारी होने की तिथि से एक वर्ष कर दी गई है। जिन पेंशनरों को जनवरी, 2020 के पश्चात् पीपीओ जारी किया गया है अथवा जिन्होंने दिसम्बर 2019 या उसके बाद जीवन प्रमाण पत्र बनवाया है, उन्हें संबंधित माह में अगले वर्ष डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र देना अनिवार्य होगा।   जिन पेंशन धारकों को जीवन प्रमाण करवाने की आवश्यकता है, वे अपने बैंक शाखा या निकटतम जन सेवा केन्द्र या निकटतम डाकघर पर अपना डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र बनवा सकते हैं। डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र हेतु अपना मोबाईल, आधार कार्ड, पीपीओ संख्या एवं बैंक पासबुक अवश्य लेकर जाएं। डिजिटल जीवन प्रमाण सफल होने की स्थिति में किसी प्रकार का दस्तावेज कार्यालय में जमा कराना या प्रेषित करना अनिवार्य नहीं है। 


27 एवं 28 फरवरी को बिजली बिल भुगतान केन्द्र खुलेंगे


मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत 27 फरवरी, संत रविदास जयंती एवं 28 फरवरी, रविवार को बिल भुगतान केन्द्र सामान्य कार्य दिवसों की तरह कार्य करते रहेंगें बिल भुगतान केन्द्र उक्त छुट्टी के दिन भी सामान्य कार्य दिवस की तरह खुले रहेंगे। बिजली उपभोक्ताओं से अपील है कि वे जोनल आफिस में कैश काउंटरों पर बिल भुगतान और शहर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित ए.टी.पी. मशीन में भी बिल भुगतान कर सकते हैं।  इसके अलावा बिलों के भुगतान की सुविधा एम.पी.ऑनलाईन, कॉमन सर्विस सेन्टर, कंपनी पोर्टल portal.mpcz.in  नेट बैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई, ईसीएस, बीबीपीएस, कैश कार्ड एवं वॉलेट आदि पेटीएम एप एवं उपाय मोबाइल एप के माध्यम से बिल भुगतान की सुविधा उपलब्ध है। कंपनी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि कंपनी कार्यक्षेत्र के सभी  जिल बिजली वितरण केन्द्र/बिल भुगतान केन्द्र अवकाश के दिनों में खुले रहेंगे। इसके लिए सभी मैदानी महाप्रबंधकों को निर्देशित किया गया है।


महिला बाल विकास विभाग मैदानी अधिकारीयों-कर्मचारियों को करेगा प्रोत्साहित

  • कर्मचारी ऑफ द मंथ के रूप में मिलेगा सम्मान

महिला बाल विकास विभाग द्वारा मैदानी स्तर पर कार्यरत अधिकारियोंध्कर्मचारीयों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिये प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया है। इसमें ओवर-ऑल परफॉरर्मेंस ग्रेडिंग के आधार पर आँगनवाडी कार्यकर्ता से लेकर परियोजना अधिकारी स्तर तक के उत्कृष्ट वर्कर्स को श्कर्मचारी ऑद द मंथश् के रूप में चयनित किया जायेगा। चयनित अधिकारी-कर्मचारी को प्रतिमाह विभागीय एम.आई.एस. पोर्टल के होम पेज पर प्रदर्शित किया जायेगा। विभाग द्वारा राज्य स्तर पर चयनित एक आँगनवाडी कार्यकर्ता और एक-एक पर्यवेक्षक और परियोजना अधिकारी को श्कर्मचारी ऑफ द मंथश् के रूप में चयनित किया जायेगा। संभाग स्तर पर एक-एक पर्यवेक्षक और परियोजना अधिकारी, जिला स्तर पर एक-एक आँगनवाडी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक तथा परियोजना स्तर पर श्आँगनवाडी कार्यकर्ता ऑफ द मंथश् के रूप में चयन किया जायेगा। परियोजना स्तर पर माह के उत्कृष्ट वर्कर का चयन संबंधित परियोजना अधिकारी द्वारा, जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा तथा संभाग स्तर के अधिकारी और कर्मचारी ऑफ द मंथ का चयन संबंधित संयुक्त संचालक द्वारा किया जाकर संचालनालय में प्रेषित किया जायेगा। राज्य स्तर पर चयनित उत्कृष्ट वर्कर्स की फोटो, नाम सहित एवं अन्य स्तर पर चयनित उत्कृष्ट वर्कर्स के नाम की सूची पूरे माह विभागीय एमआईएस पोर्टल पर प्रदर्शित की जायेगी। परियोजना, जिला एवं संभाग स्तर के नोटिस बोर्ड पर भी उनके नाम प्रदर्शित किये जायेंगे।

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