बिहार : बेतिया में शहीद दिवस के अवसर पर रक्तदान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 23 मार्च 2021

बिहार : बेतिया में शहीद दिवस के अवसर पर रक्तदान

  • संवेदना के द्वारा एक छोटी सी पहल की गयी
  • महारानी जानकी कुंवर मेडिकल कॉलेज रेड क्रॉस में कार्य करने वाले कर्मचारियों के अशोभनीय व्यवहार से गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड बनाने से चूके  

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बेतिया. आज शहीद दिवस है. दरअसल, 90 साल पहले यानी 23 मार्च 1931 को आज ही के दिन भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.उनकी शहादत को देश हमेशा नमन करता है.इस दिन को यादगार बनाने के उद्देश्य से सामाजिक संस्था संवेदना के द्वारा एक छोटी सी पहल की गयी.रक्तदान समूह बेतिया के द्वारा विशाल रक्तदान शिविर आयोजित किया गया. विशाल रक्तदान शिविर के आयोजक आशीष उदयपुरी ने बताया कि शहीद दिवस के अवसर पर  90 हजार यूनिट ब्लड इकट्ठा करने की कोशिश की गई थी.जो अबतक एक ही संस्था, एक ही बैनर, एक ही समय में 300 शहरों में 556 रक्त संग्रहण केंद्रों में रिकार्ड 87 हजार 59 यूनिट रक्त संग्रहण कर पूर्व के 25 हजार 154 यूनिट के रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया और गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाया.ऐसा करने में पिछड़ गये. उन्होंने कहा कि गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने को बेताब हमारे ग्रुप के सदस्यों ने  लगभग 1 महीने पहले से काफी भागदौड़ एवं मेहनत की और उसका जोरदार ढंग से प्रचार प्रसार किया.ग्रुप के सहायक सदस्य स्वाति सुनील, सुमित कुमार, नवनीत कुमार, मनीष कुमार,नीरज कुमार, नासिर जमाल, नवनीत कुमार आदि ने लोगों के बीच ग्राउण्ड में जाकर उन्हें ब्लड देने के लिए जागरुक किया और रक्तदान करने से क्या फायदा होगा,उसके बारे में लोगों को समझाया गया. पहले से ही आमंत्रित करने के बावजूद आज भी बेतिया शहर के कॉलेज चाणक्य एनजेके और कई कोचिंग में जाकर यूथ को इकट्ठा किया और उन्हें ब्लड डोनेशन कैंप के लिए निमंत्रण दिया. उन्हें जागरूक कर इस कैंप में भी बुलाया. परंतु आज बेतिया के महारानी जानकी कुंवर मेडिकल कॉलेज रेड क्रॉस में कार्य करने वाले कर्मचारियों के अशोभनीय व्यवहार एवं उनके वक्ताओं के कारण कार्यक्रम असफल रहा.  जहां ग्रुप के प्रयासयुक्त मेहनत से सौ यूनिट से ज्यादा लोगों का रक्तदान कराकर बेतिया से भेजना था मगर लगभग 200 यूनिट ब्लड का टारगेट पूरा करने की कोशिश की थी. परंतु हमारे महारानी जानकी कुंवर मेडिकल कॉलेज रेड क्रॉस की लापरवाही के कारण हमारे यहां से मात्र 44 यूनिट ब्लड इकट्ठा हो पाया.  सरकारी कर्मचारियों ने आनाकानी की.निर्धारित समय में आने में लापरवाही की एवं सामान उपलब्ध ना होने का हवाला देकर समय से पहले ही रेड क्रॉस भवन सागर पोखरा से चले गए. इस चीज का हम लोगों ने विरोध किया और वीडियो बना कर भी फेसबुक पर वायरल कर दिये. विशाल रक्तदान शिविर के आयोजक आशीष उदयपुरी ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के कारण आज समाज में हम सबों की भी छवि खराब हो गयी. वहीं जरूरतमंद लोगों को ब्लड नहीं मिल पा रहा और जो ब्लड डोनेट करना चाहते थे आज वह भी आकर यहां से निराश होकर चले गए.क्योंकि छोटी मोटी झूठी बातों को कह कर उनका मनोबल तोड़ दिया गया. कई लोगों को बिना किसी रीजन के ही ब्लड डोनेट नहीं करने दिया गया. उन्होंने सरकार से अपील की है कि ऐसे ब्लड बैंकों पर सख्त कार्रवाई की जाए और उन्हें दंडित किया जाए. और गलत सिस्टम को सुधारा जाए. ताकि युवा पीढ़ी जो कि अपने देश और जरूरतमंदों की सेवा एवं भलाई करने की कामना रखते हैं. उनका मनोबल ना टूटे और रक्तदान जैसे महादान को कर वह लोगों को जीवनदान दे सके. अगर ऐसा ही चलता रहा तो बेतिया जैसे और कई जगह होंगे जहां लोगों के साथ ऐसा हो रहा होगा. हम सबों को इस बात का बहुत दुख है और हमारी सारी टीम आप सबों से यह अपील कर रही है कि कि आप हम लोगों के साथ अपना सहयोग देते रहे.  बिहार सरकार के अधिकारियों से निवेदन है कि रेडक्रॉस के कर्मचारियों को काम करने का सही तरीका बतावें. सिर्फ वेतन लेने के लिए सरकारी सरकारी विभागों में लोग काम कर रहे हैं. सरकारी नौकरी पाने के बाद इनका घमंड तो और बढ़ ही जाता है और यह बाकी लोगों को झूठा दोष लगाते हैं और इंसानियत को भी भी शर्मसार करते रहते है.इसलिए हमारा अपील है कि आप भी इस गलत धारणाओं को खत्म करें और हम सब के साथ मिलकर आवाज उठाएं और रेड क्रॉस जैसे सरकारी संस्थाओं  को उनका सही कार्य बताएं. अगर आप हमारी इस बात से सहमत हैं तो हमारे इस बातों को आगे तक पहुंचाएं.आज  44 रक्तदाताओं ने रक्तदान किये.इसमें महिला 11  व पुरूष  33 थे.शुभम प्रियंका, अभिषेक अंकित, आशीष रानी, श्वेता आदि अन्य सदस्यों ने       रक्तदान किये. 

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