- #18 मार्च को पटना के गेट पब्लिक लाइब्रेरी में लगेगा"किसान-मजदूर महापंचायत"। मुख्य बक्ता होंगे, भाकपा-माले महासचिव कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य।
पंडौल(मधुबनी) किसान बिरोधी तीनों कृषि कानून रद्द करने, किसान आंदोलन पर दमन बंद करने,एम एस पी को कानूनी दर्जा देने, बिहार में मंडी और एपीएमसी ऐक्ट पुनर्बहाल करने, भूमिहीन बटाईदार किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देने एवं बंद पड़े मीलों को चालू करने की मांग पर 18 मार्च को पटना में आयोजित किसान मजदूर महापंचायत की तैयारी में चला किसान यात्रा लोहट चीनी मिल के प्रांगण में देर शाम पहूंची। माले नेता रंजीत चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा के बिहार अध्यक्ष बिशेश्वर यादव ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसान व देश बिरोधी है। मोदी सरकार अडानी अंम्बानी जैसे कारपोरेट पूंजीपतियों के हाथों खेती, किसानी को नीलाम करने की साज़िश कर रही है। इसके ख़िलाफ़ किसानों का आंदोलन भी लगातार आगे बढ़ रहा है। सरकारी दमन और साजिश का मुकाबला करते हुए एक सौ से अधिक दिनों को पार कर गया है। अब इसका फैलाव ब्यापक दायरे में होता जा रहा है। इससे बौखला कर भाजपा सरकार किसानों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है। सभा को संबोधित करते हुए खेग्रामस नेता जमालुद्दीन ने 18 मार्च को पटना में आयोजित किसान मजदूर महापंचायत में सैकड़ों हजारों की संख्या में मधुबनी जिला से आगे का अपील किया। सभा को छात्र युवा नेता मयंक कुमार यादव, किसान महासभा के जिला सचिव प्रेम कुमार झा,खेग्रामस के जिला सचिव बेचन राम, माले नेता अनिल कुमार सिंह, श्याम पंडित, गणेश यादव वगैरह ने संबोधित किया।
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