रोजगार की मांग कर रहे छात्र-युवाओं पर बर्बर लाठीचार्ज व दमन निंदनीय : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 1 मार्च 2021

रोजगार की मांग कर रहे छात्र-युवाओं पर बर्बर लाठीचार्ज व दमन निंदनीय : माले

  • छात्र-युवाओं की मांग सुनने की बजाय तानाशाही दिखा रही नीतीश सरकार

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पटना 1 मार्च, बिहार विधानसभा चुनाव में 19 लाख रोजगार के किये गए अपने वादे से पीछे भाग रही भाजपा-जदयू सरकार के खिलाफ आज आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा के विधानसभा मार्च पर बर्बर पुलिसिया दमन की भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कड़ी निंदा की है और कहा है कि नीतीश जी की सरकार का पूरा चरित्र एक दमनकारी सरकार का हो गया है. वे मोदी की ही तर्ज पर अपनी तानाशाही थोप रहे हैं. आज के प्रदर्शन में शिक्षा और रोजगार का मुद्दा था, सरकार को छात्र-युवाओं का प्रतिनिधिमंडल बुलाकर उनसे वार्ता करनी चाहिए थी, लेकिन इसके उलट प्रदर्शन पर आंसू गैस के गोले दागे गए, पानी का बौछार किया गया और युवाओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. प्रशासन ने गांधी मैदान से उनके मार्च को जेपी चैक से आगे बढ़ने तक नहीं दिया . पुलिस के हमले में कई युवाओं के सर फट गए और कई दर्जन लोग बुरी तरह घायल हैं, जिन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है. गंभीर रूप से घायलों में मुकुल राज, पूसा, आशिफ होदा, समस्तीपुर, कन्हैया कुमार, नालंदा, दिलीप कुमार, दरभंगा, मुन्ना कुमार भोजपुर आदि शामिल हैं. यहां तक कि प्रशासन ने प्रदर्शन में शामिल होने माले विधायकों पर भी लाठीचार्ज किया गया, जो बेहद शर्मनाक है. विधायक संदीप सौरभ, अजित कुशवाहा, मनोज मंजिल, महानन्द सिंह, गोपाल रविदास और रामबली सिंह यादव मार्च के समर्थन में पहुंचे थे, लेकिन उनके साथ भी प्रशासन ने बेहद अपमानजनक आचरण किया. बाद में घायल युवाओं से पीएमसीएच में मिलने विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता पहुंचे. उन्होंने सभी घायलों का हालचाल लिया और लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया.


मांग पत्र

घ् बिहार विधानसभा चुनाव में एन डी ए के लोगों ने सरकार बनने पर 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सरकार 19 लाख नौजवानों को समय सीमा में रोजगार मुहैया कराए। 

घ् रेलवे समेत तमाम सरकारी कंपनियों व उपक्रमों को बेचे जाने के खिलाफ़ बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया जाए। 

घ् 94 हजार ठज्म्ज्/ब्ज्म्ज् बहाली को बिना देरी के पूरा किया जाए। साथ ही साथ 4 लाख खाली पड़े शिक्षकों के पद पर तुरंत बहाली किया जाए। 

घ्ैज्म्ज्-2019 का रिजल्ट की घोषणा तुरंत किया जाये।

घ् ैज्म्ज्-2011 के छठे चरण की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए। 

घ् तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया जाए।

घ् रोजगार भर्तियों में अनियमितता, पेपर लीक, घोटाले आदि की न्यायिक जांच कराया जाए। बहाली प्रक्रिया की समय-सीमा निर्धारित की जाए। 

घ् स्कूल शिक्षक, आशा-आंगनबाड़ी कर्मी, रसोइया, तालीमी मरकज, टोला सेवक आदि संविदा आधारित कर्मियों की स्थायी नियुक्ति की जाए। 

घ् सभी नौकरियों के आवेदन फॉर्म निःशुल्क किए जाए। 

घ् मनरेगा में लूट पर रोक लगाई जाए और 200 दिन काम की गारंटी के साथ-साथ 500/-प्रतिदिन भुगतान हो, शहरी रोजगार गारंटी योजना को लागू किया जाय। 

घ् बिहार की सभी बंद पड़ी फैक्ट्रियों को चालू किया जाए।  नयी फैक्ट्रियां लगा कर  बेरोजगार नौजवानों को सम्मानजनक रोजगार की गारंटी की जाए। 

घ् असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे नौजवानों के लिए सम्मानजनक न्यूनतम वेतन व सामाजिक सुरक्षा की गारंटी की जाए। 

घ् सभी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, पुस्तकालयों व छात्रवासों को तुरंत खोला जाए। ऑनलाइन शिक्षा को जबरन थोपना बंद किया जाए। 

घ् प्राथमिक स्कूलों से लेकर कॉलेजों और विश्विद्यालयों को सभी बुनियादी ढांचा और सुविधायें मुहैया कराई जाए व रिक्त पड़े शिक्षकों-कर्मचारियों के पदों को भरा जाए। 

घ्सभी जिला में विधि की पढ़ाई शुरू किया जाए !

घ्बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालय पर डिग्री कॉलेज खोला जाए !

घ् बीएड समेत अन्य कॉलेजों में हुई बेतहाशा बढ़ी फीस वृद्धि को वापस लिया जाए और नए बीएड कॉलेजों की स्थापना की जाए। 

घ् आम छात्रों को शिक्षा से बेदखल करने वाली ’नयी शिक्षा नीति-2020’ वापस करने के लिए बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया जाए। 

घ् स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में खाली पड़े डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के पदों को तुरंत भरा जाए। प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष दवा व जाँच आदि पर खर्च 14 रु  से बढ़ाकर 50 रुपया किया जाए। 

घ् प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाया जाए, साथ ही साथ सरकारी अस्पतालों में समुचित इलाज का इंतजाम किया जाए। 

घ् नगर निकाय क्षेत्रों में फुटपाथ दुकानदारों, सब्जी-फल विक्रेताओं और वेंडरों को उजाड़ना बंद किया जाए। सबके लिए उचित जगह की व्यवस्था की गारंटी की जाए। 

घ् सभी शोधार्थियों को फेलोशिप की गारंटी की जाए। 

घ् सभी सांख्यिकी स्वयंसेवक को पुनः बहाल किया जाए। 

घ् शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों को स्थाई नियुक्ति की जाए। 

घ् स्कूलों/कॉलेजों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों का वेतन 50000 प्रतिमाह किया जाए और स्थाई नियुक्ति की जाए। 

घ् पिछले 15 सालों में कितने लोगों को रोज़गार मिला और कितने पद खाली हैं इस पर श्वेत पत्र लाया जाए।

घ् सभी बेरोजगार नौजवानों को 10 हजार बेरोजगारी भत्ता दी जाए। 

घ् बिहार महिला पुलिस बहाली में हाइट को 150 सेंटीमीटर किया जाए। 

घ् बिहार में खाली पड़े अभियंताओं के पदों पर स्थाई नियुक्ति की जाए। 

घ् सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की ओएमआर /कार्बन कॉपी, कट ऑफ परीक्षा के तुरंत बाद जारी की जाए। 

घ् 2018 में ठच्ैड के द्वारा बने कार्यपालक सहायक के पैनल से बहाली करो।

घ्आंदोलनकारी छात्र-नौजवानों को सरकारी नौकरी से बेदखल करने वाली तानाशाही फरमान वापस लिया जाये।

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