- विधानसभा मार्च को मजदूर-किसान महापंचायत का दिया गया नाम, माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने किया संबोधित
- सभी जिलों में चल रही किसान यात्रायें, निजीकरण के खिलाफ बैंकों की हड़ताल में शामिल होंगे माले विधायक
पटना 13 मार्च, तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, एमसपी को कानूनी दर्जा देने, एपीएमसी ऐक्ट पुनर्बहाल करने और छोटे व बटाईदार किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ प्रदान करने की केंद्रीय मांग के साथ भाकपा-माले व अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा 18 मार्च को प्रस्तावित विधानसभा मार्च की तैयारी को लेकर आज जूम ऐप पर माले की राज्य कमिटी की विस्तारित बैठक हुई. बैठक में माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल सहित सभी जिला के सचिवों ने हिस्सा लिया. बैठक में सबसे पहली राय यह बनी कि विधानसभा मार्च को अब मजदूर-किसान महापंचायत का नाम दिया जाए. यह महापंचायत गर्दनीबाग धरनास्थल पर होगा, जिसमें छोटे व बटाईदार किसानों की व्यापक गोलबंदी सुनिश्चित करने पर चर्चायें हुईं. माले महासचिव ने इस मौके पर कहा कि भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम का हमें पुरजोर जवाब देना होगा. वह लगातार कह रही है कि कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में छोटे व बटाईदार किसानों की भागीदारी नहीं है. जबकि बिहार की अधिकांश खेती बटाईदारी के भरोसे चलती है. इन किसानों को केंद्र व बिहार की सरकार कोई भी काूननी अधिकार नहीं देती है. बिहार में यही तबका किसान आंदोलन की रीढ़ है. उन्होंने कहा कि 18 मार्च के कार्यक्रम में ग्रामीण मजदूरों के साथ-साथ व्यापक पैमाने पर किसानों के विभिन्न हिस्सों को कार्यक्रम करने की गारंटी की जाए. बैठक में बैंकों के निजीकरण के खिलाफ 15-16 मार्च को प्रस्तावित बैंकों की हड़ताल का समर्थन किया गया. कहा कि बहुत दिनों से सरकार का इसपर निशाना था. लेकिन इसे देश की जनता होने नहीं देगी. उन्होंने पार्टी कतारों से आह्वान किया कि बैंकों के निजीरकण के खिलाफ होने वाली हड़ताल में प्रमुखता से भाग लें. माले विधायक भी इस हड़ताल के समर्थन में सड़क पर उतरेंगे. वे विभिन्न बैंकों का दौरा करेंगे, बैंककर्मियों से मुलाकात करेंगे और उनकी लड़ाई के हिस्सेदार बनेंगे. इस बीच पूरे राज्य में किसान यात्रायें जारी हैं. किसान यात्रा के दौरान जगह-जगह नुक्कड़ सभाओं, रात्रि बैठक, ग्राम बैठक आदि का आयोजन हो रहा है. जिसमें किसानों की व्यापक भागीदारी हो रही है. विदित हो कि 11 से 15 मार्च तक बिहार के 7 जोन में किसान रथ यात्रा का आयोजन हो रहा है. इस यात्रा में खतरनाक कृषि कानूनों से किसानों को वाकिफ किया जा रहा है. सभी प्रमुख किसान नेता इस यात्रा में शामिल हैं. स्थानीय स्तर पर विधायक लोग भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं. 18 मार्च को पटना में इन रथ यात्राओं का समापन होगा.
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