केन्द्र सरकार को व्यापारी चला रहे हैं : टिकैत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 14 मार्च 2021

केन्द्र सरकार को व्यापारी चला रहे हैं : टिकैत

modi-government-runing-by-buisinessman-tikait
रीवा (मध्य प्रदेश), 14 मार्च, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश सिंह टिकैत ने रविवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को कोई राजनीतिक पार्टी नहीं, बल्कि व्यापारी चला रहे हैं। टिकैत ने रीवा में किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘केन्द्र सरकार को राजनीतिक पार्टी नहीं चला रही है। इसे व्यापारी चला रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भूख से फायदा उठाने का एक तरह का नया व्यापार आजकल दुनिया में चल रहा है। टिकैत ने कहा, ‘‘महिलाएं तीज, त्योहार एवं शादियों में एक साल में 17 बार सोना पहनती है। लेकिन आदमी को भूख एक साल में 700 बार लगती है, दिन में दो बार लगेगी भूख।’’ उन्होंने केन्द्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘इसलिए उन्होंने (केन्द्र सरकार ने) कहा कि भूख का कारोबार करो। भूख का कारोबार तब होगा, जब अनाज कब्जे में होगा और अनाज पर व्यापार होगा।’’ टिकैत ने कहा, ‘‘14 लाख मीट्रिक टन की विशाल क्षमता वाले गोदाम बनाये गये हैं। इतने बड़े-एड़े गोदाम बनाये गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये गोदाम पहले बनाए गये और केन्द्र सरकार के नये कृषि कानून बाद में आए। इसका मतलब यह है कि यह केन्द्र सरकार किसी (राजनीतिक) पार्टी की नहीं है, बल्कि व्यापारियों की सरकार है। यह कारोबारियों के हाथों की कठपुतली है।’’ किसान नेता ने आगे कहा, ‘‘हमें इससे छुटकारे के लिए आंदोलन चलाना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुराने समय के भाजपा के बड़े नेताओं को भी चुप करा दिया गया है। वे कुछ नहीं बोल रहे हैं। हमें उन्हें भी मुक्त करने के लिए काम करना होगा।’’ टिकैत ने कहा, ‘‘तीन नए कृषि कानूनों से अकेले किसान ही मुसीबत में नहीं हैं। रेलवे को भी बेच दिया गया है। युवाओं को विद्रोह करना चाहिए था। लेकिन वे सोते रहे और देश बिक गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष कमजोर था। विरोध करने का काम तो विपक्ष का था। लेकिन उसका भी मनोबल गिर गया और उसे भी बोलने नहीं दिया गया। (ज्योतिरादित्य की ओर इशारा करते हुए) विपक्ष के कुछ नेता भाग गये और दूसरी पार्टी में जाकर शामिल हो गये। विपक्ष का एक नेता जवान एवं मजबूत था, उसे भी अपने में शामिल कर दिया।’’ टिकैत ने केन्द्र पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की तारीफ की और कहा कि इसके कारण पिछले 14 वर्षों में देश में गेहूं की कमी नहीं हुई है। उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ये लुटेरे देश में (सत्ता) आ गए हैं। हमें इन लुटेरों से लड़ना होगा। वह लुटेरों का आखिरी बादशाह साबित होगा। हम इस बादशाह को बदलने जा रहे हैं।’’ हालांकि, अपनी टिप्पणी में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। टिकैत ने कहा कि आने वाले दिनों में समाचारों को छापने एवं दिखाने के लिए भी एक सेंसर बोर्ड बना दिया जाएगा। उन्होंने किसानों से कहा कि जब तक नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता, तब तक किसान जिलाधिकारी कार्यालयों में बैठकर अपना गेहूं 1975 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचेंगे। उन्होंने किसानों से कहा कि अपने घरों से बाहर आकर जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन करें। टिकैत ने कहा, ‘‘किसानों का सम्मान और मजदूरों एवं युवाओं का भविष्य दांव पर है। हमें अपने देश को बचाना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आंदोलन से हटना है तो माफी नामा भर देना। देश बंधन में है, गुजरात बंधन में है। इसे आजाद कराना है।’’ टिकैत ने कहा,‘‘आंदोलन करने पड़ेंगे। किसानों की आजादी की लड़ाई है।’’

कोई टिप्पणी नहीं: