पटना म्यूजियम केवल बिहार ही नहीं देश की धरोहर : नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 22 मार्च 2021

पटना म्यूजियम केवल बिहार ही नहीं देश की धरोहर : नीतीश

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पटना 22 मार्च, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि पटना म्यूजियम केवल बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश की धरोहर है। श्री कुमार ने सोमवार को बिहार दिवस के अवसर पर आयोजित बिहार म्यूजियम विनाले-2021 का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद कहा कि पटना म्यूजियम सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश की धरोहर है। पटना संग्रहालय विस्तार को ध्यान में रखते हुए जब 16 दिसम्बर 2009 को वह पटना म्यूजियम देखने गये थे तो वहां हमने देखा कि अमूल्य धरोहर काफी नजदीक-नजदीक रखे हुये थे। उसी समय उन्होंने कहा था कि पटना म्यूजियम को बेहतर बनाने के साथ-साथ पटना में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय बनाया जाएगा ताकि बेशकीमती प्रदर्शो एवं प्राचीन धरोहरों को सुरक्षित रखा जा सके। इसके लिए नेहरु पथ पर जगह चुना गया और वहां से पांच भवनों को हटाकर बिहार म्यूजियम का निर्माण कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय के निर्माण के लिए शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह को 11 जुलाई 2011 को नोडल पदाधिकारी के रूप में मनोनीत किया गया। म्यूजियम के अंतर्राष्ट्रीय मानक को ध्यान में रखते हुए दुनिया भर के विशेषज्ञों का चयन किया गया। कनाडा की अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी लार्ड कल्चरल रिसोर्सेज को मुख्य योजना परामर्शी के रूप में चयनित किया गया। बिहार के इतिहास के बारे में उन्होंने लोगों से सुझाव लेने के बाद हमसे भी चर्चा की। वास्तुविद के रूप में जापान के माकी एंड एसोसिएट्स का चयन अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त लोगों की जूरी के द्वारा किया गया। श्री कुमार ने कहा, "16 जून 2013 को पटना में 498 करोड़ रुपये की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय निर्माण की स्वीकृति दी गयी और 09 जुलाई 2013 को हमने इसका शिलान्यास किया। वर्ष 2015 के बिहार दिवस तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया लेकिन 2015 में इसके एक हिस्से का ही उद्घाटन हो सका। इसके बाद वर्ष 2017 में गांधी जयंती के अवसर पर बिहार म्यूजियम को पूरे तौर पर जनता को समर्पित किया गया।" मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार म्यूजियम के निर्माण के समय कुछ लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहे थे लेकिन ज्यादातर लोगों ने इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा था कि पटना म्यूजियम को भी विकसित किया जाएगा। बिहार संग्रहालय के अंतर्राष्ट्रीय मानकों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ओरिएंटेशन दीर्घा, इतिहास दीर्घा, कंटेम्प्रोरी आर्ट गैलरी, बिहारी रीजनल आर्ट गैलरी, चिल्ड्रेंस गैलरी का निर्माण कराया गया है। ओरिएंटेशन गैलरी गौरवशाली अतीत को प्रदर्शित करता है जबकि इतिहास दीर्घा प्रागैतिहासिक काल से लेकर वर्ष 1764 तक के कालखंड को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा बिहार म्यूजियम में कैफेटेरिया का निर्माण कराया गया है। यहां कला से संबंधित वस्तुओं के विक्रय की भी व्यवस्था की गयी है। श्री कुमार ने कहा कि प्रख्यात मनीषी पंडित राहुल सांकृत्यायन द्वारा तिब्बत से लायी गयी पांडुलिपियों को पटना संग्रहालय में ही रखने का निर्णय लिया गया है। उसका हिंदी, अंग्रेजी सहित विभिन्न भाषाओं में तिब्बत से जुड़े लोगों से अनुवाद करवाइए ताकि नई पीढ़ी के लोगों को तिब्बत के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके। पटना संग्रहालय में नेचुरल हिस्ट्री गैलरी भी होगी जहां दो करोड़ वर्ष पुरानी चीड़ प्रजाति के वृक्ष के जीवाश्म भी संरक्षित होंगे। उन्होंने कहा कि पटना संग्रहालय से भगवान बुद्ध के अस्थि कलश को वैशाली बुद्ध सम्यक दर्शन ले जाया जाएगा। पटना म्यूजियम जाने वाले लोग बिहार म्यूजियम भी जा सकें, इसके लेकर काम किया जायेगा। पटना और बिहार म्यूजियम को अंडरग्राउंड जोड़ने की उनकी ख्वाहिश है। बिहार म्यूजियम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम है इसके साथ पटना म्यूजियम जुड़ा रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, "कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं होता तो बिहार म्यूजियम विनाले 2021 के कार्यक्रम का दृश्य काफी सुंदर होता। मुझे पूरा भरोसा है कि कुछ दिनों के बाद हम सबको कोरोना से मुक्ति मिलेगी। संग्रहालय का रखरखाव ठीक ढंग से होना चाहिए। पटना म्यूजियम के विस्तार का कार्य भी जारी है। देश के बाहर बिहार म्यूजियम की काफी चर्चा है और इसे अब तक कई अवार्ड भी मिल चुके हैं। सभी स्कूली बच्चों को बिहार म्यूजियम दिखाने की भी योजना है ताकि वे अपने इतिहास को बेहतर तरीके से समझ सकें। बिहार म्यूजियम को बेहतर तरीके से संचालित करते हुए इसकी प्रतिष्ठा को कायम रखना है। बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली है, हम गौरव के उस स्थान को पुनः प्राप्त कर बिहार को नई उंचाई पर ले जायेंगे।" कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन एवं मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर नेक संवाद में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार एवं चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा एवं अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से कला संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव रवि मनुभाई परमार, कला संस्कृति विभाग के अपर सचिव सह बिहार म्यूजियम के निदेशक दीपक आनंद, बिहार म्यूजियम विनाले 2021 की परियोजना निदेशक अलका पांडेय सहित देश-विदेश से कला प्रेमी एवं कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अन्य पदाधिकारी और कर्मी जुड़े हुये थे। 

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