सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 20 मार्च - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 20 मार्च 2021

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 20 मार्च

जांगड़ा समाज धर्मशाला परिसर अल्हादाखेड़ी के हनुमान मंदिर परिसर में हेंडपंप लगाने की मांग


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सीहोर। इंदिरानगर बायपास चौराहा के पास स्थित अनुसूचित जाति जांगड़ा समाज धर्मंशाला हनुमान मंदिर इन्दौर भोपाल बायपास ग्राम पंचायत अलाहदा खेडी के अन्तर्गत धर्मशाला परिसर में  शासकीय स्तर पर हेण्डपम्प बोर खनन कराया जाने की मांग जांगड़ा समाजजनों के द्वारा की गई है। डॉ अम्बेडकर समाज कल्याण परिषद मध्य प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र खंगराले जांगड़ा समाज एकता परिषद के प्रदेशा उपाध्यक्ष भंवरलाल सूर्यवंशी क्षेत्रीय पार्षद आरती नरेंद्र खंगराले समाजसेवी डीएस शाक्य जांगड़ा समाज के सीहेार जिलाध्यक्ष दयाराम गवाटिया के द्वारा पीएचई विभाग जिला कार्यपालन यंत्री एमसी अहिरवार को ज्ञापन सौपकर नवीन हेंडपंप बोर खनन कराए जाने की मांग की गई है। जांगड़ा समाज एकता परिषद के प्रदेशा उपाध्याक्ष भंवर लाल सूर्यवंशी ने बताया की उक्त स्थान पर प्राचीन व सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर होने पर यहाँ श्रद्वालुओं एवं अनुसूचित जाति समाज सम्मेलन व कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं और शासन के मंत्री, सांसद, जनप्रतिनिधियों का आना जाना लगा रहता है। पेयजल व्यवस्था की गंभीर समस्या को देखते हुए समाजजनों के द्वारा कार्यपालन यंत्री श्री अहिरवार को ज्ञापन दिया गया है श्री अहिरवार ने वरिष्ठ कार्यालय से अनुमति प्राप्त  कर हेंडपंप बोर खनन कार्य कराए जाने का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व पार्षद नाना विपिन सास्ता ,कमल सिंह गवाटिया,जाटव समाज अध्यक्ष श्यामलाल महोबिया, पन्नालाल खंगराले, हेमराज प्रलाधिया, चंद्रशेखर सूर्यवंशी, डीवी खेलवाल, रामसिंह पैरवाल, माखन सिंह, फतह सिंह, बंशीलाल बकोरिया, देवसिंह तमोलिया आदि मौजूद रहे।


वैक्सीनेशन सेंटर में विधायक सुदेश राय ने पत्नि अरूणा संग लगवाया पहला टीका
  • जागरूकता का दिया विधायक सुदेश राय और समाजसेवी अरुणा राय ने संदेश, कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचकर कराया कोरोना रोकधाम के लिए टीकाकरण
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सीहोर। जनता में कोरोना टीका का भय समाप्त करने और जन जागरूकता के लिए विधायक सुदेश राय और समाजसेवी अरुणा राय ने टीकाकरण के सभी नियमों का पालन करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों से पहला टीका लगवाया।  शनिवार को कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर विधायक सुदेश राय और समाजसेवी अरुणा राय पहुंचे और कोरोना रोकथाम के लिए टीकाकरण के लिए सेंटर पहुंचे नागरिकों का उत्साह वर्धन किया। विधायक सुदेश राय ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस के प्रकोप से नागरिकों को बचाने के लिए देश प्रदेश में व्यापक इंतजाम किए है। जिला सीहेार में हीं 102 कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए है।  वायरस से संक्रमित हो चुके नागरिकों का उपचार भी किया जा रहा है लेकिन हमें सावधानी रखने की जरूरत है। जिला मुख्यालय पर धारा 144 भी लगा दी गई है। केंद्र और राज्य सरकार सहित प्रशासन के द्वारा तय किए गए कोरोना रोकथाम के लिए नियमों का पालन करना है। विधायक सुदेश राय और श्रीमति अरूणा राय ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा की सैनीटाईजर मास्क और दो गज की दूरी का पालन हमें कोरोना वायरस के जानलेवा प्रकोप से बचा सकता है। सार्वजननिक स्थानों के साथ घर पर सैनीटाईजर मास्क और दो गज की दूरी का पालन जरूर करना है।

सोयाबीन की फसल खराब होने से कृषकों को हुआ घाटा, निर्धारित 28 मार्चं तक अदा नहीं कर पाएंगे बैंकों का कर्जा,
  • किसान हित में दो माह ऋण अदायगी तिथि बढ़ाई जाने के लिए विधायक सुदेश राय ने मुख्यमंत्री को सैापा पत्र
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सीहोर। कृषक हितैषी विधानसभा क्षेत्र सीहोर के विधायक सुदेश राय ने शनिवार को भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निर्धारित ऋण अदायगी तिथि 28 मार्चं को किसान हित में दो माह आगे बढ़ाने के लिए पत्र प्रदान किया है। विधायक सुदेश राय ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताया की खरीफ  2020 में जिले की प्रमुख फसल सोयाबीन के खराब हो जाने से कृषकों को बढ़ा घाटा हुआ है। रबी 2021 में यद्यपि गेंहू की फसल अच्छी है लेकिन उसके उपार्जंन की तिथि 1 अप्रैल तय की गई है। जिस कारण कृषकों को उनकी उपज के विक्रय का भुगतान एक अप्रैल के बाद ही मिलेगा। ऐसी स्थिति में कृषक निर्धांरित 28 मार्चं तक अपना बैंक कर्जं अदा नहीं कर पायेंगे। निर्धारित ऋण तिथि के एक दिन भी विलम्ब से भी ऋण चुकाते हैं तो कम से कम 7 प्रतिशत की दर से उन्हे व्याज का भुगतान करना पड़ेगा और शासन की शून्य प्रतिशत व्याज की योजना का लाभ भी कृषकों को नहीं मिलेगा। दूसरी तरफ ऋण वितरण तारिख से 28 मार्चं 2021 की अवधि में उन्हें 7 प्रतिशत की दर से और 28 मार्चं 2021 के पश्चात तथा ऋण अदायगी तारिख तक 13.50 प्रतिशत की दर से व्याज किसानों को देना पड़ेगा। विधायक सुदेश राय ने कहा की मध्यप्रदेश शासन की नीति किसान हितैषी है। ऐसी स्थिति में किसानों के हित में खरीफ  2020 के लियेे गये ऋण की अदायगी की तिथि कम से कम दो माह आगे बढ़ाई जाए जिससे किसान शासन की शून्य प्रतिशत ब्याज की योजना का लाभ ले सकेंगे और किसानों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

ऑटिज्म पीड़ित बच्चों के माता-पिता 24X7 हेल्प लाइन पर कर सकते हैं बात, दिव्यांगजनों की समस्याओं के समाधान के लिये हैं टोल फ्री हेल्प लाइन

सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने दिव्यांगजनों से उनकी विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिये शासन द्वारा संचालित टोल फ्री हेल्प लाइन नम्बरों का प्रयोग करने की अपील की है। श्री पटेल ने कहा कि ऑटिज्म (स्वलीनता) विकार के लक्षणों को समझने और पहचानने के लिये माता-पिता अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की टोल फ्री हेल्प लाइन 1800-11-7776 पर 24 घंटे में कभी भी फोन कर सकते है। मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास से संबंधित मामलों पर कॉउसंलिंग के लिये टोल फ्री हेल्प लाइन नम्बर 1800-599-0019 भी दिन-रात कार्यरत है। प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण श्री प्रतीक हजेला ने बताया कि ऑटिज्म एक मानसिक बीमारी है, जो एक से 5 वर्षीय बच्चों में देखने में आती है। बच्चे देखने में नार्मल लगते है, लेकिन अपने में लीन रहते है। यदि बच्चा ठीक से बोल नहीं पाता, पूछने पर जवाब नहीं दे पाता, नये लोगों से मिलने पर डरता है, आँख मिलाकर बात नहीं कर पाता, बहुत अधिक बेचैन हो जाता है, विकास बहुत ही धीमा है और रोजाना एक ही तरह का खेल खेलना पसन्द करता है, तो वह ऑटिज्म से पीड़ित हो सकता है। ऐसे में देश के उत्कृष्ट स्वास्थ्य संस्थान एम्स, दिल्ली की हेल्प लाइन पर संपर्क करें। इसी तरह दिव्यांगजनों के लिये मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुददों, विशेष शिक्षा, ऑक्यूपेशनल थैरेपी, वोकेशनल कॉउसंलिंग, स्पीच थैरेपी और बौद्धिक दिव्यांगजनों की फिजियोथेरेपी से संबंधित जानकारी के लिये राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर 1800-572-6422 पर सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक संपर्क कर सकते है। भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण विभाग ने दिव्यांगजनों के लिये सहायक उपकरणों के बारे में जानकारी प्रदान करने और इन उपकरणों को ठीक करने के लिये हेल्प लाइन नम्बर 1800-180-5129 शुरू की है। इस टोल फ्री नम्बर पर भी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक संपर्क किया जा सकता है। राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त विकास निगम दिव्यांगजनों के लिये सस्ती दरों पर ऋण सुविधा और कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करता है। ऋण योजना, कौशल प्रशिक्षण, दिव्यांगजन स्वावलबंन योजना, विशेष माइक्रोफाइनेंस योजना के संबंध में जानकारी और दिशा-निर्देश के लिये एनएचएफडीसी के टोल फ्री हेल्प लाइन नम्बर 1800-11-4515 पर सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9:30 से शाम 5:30 के मध्य संपर्क कर सकते है।

किसानों के लिये हितग्राही मूलक प्रोजेक्ट तैयार करें - मंत्री श्री पटेल
चना, मसूर एवं सरसों के केन्‍द्रों की बढ़ाई संख्या
किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने प्रमुख सचिव, कृषि श्री अजीत केसरी को हितग्राही मूलक प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को अधिकतम लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित हो सकेगा। श्री पटेल राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की समीक्षा कर रहे थे। मंत्री श्री पटेल ने बताया कि पहली बार चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन गेहूँ के साथ किया जा रहा है। किसानों की सुविधा के लिये चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन के लिये खरीदी केन्द्रों की संख्या 906 से बढ़ाकर 1085 कर दी गई है। मंत्री श्री पटेल ने अधिकारियों को भू-जल स्तर में गिरावट के मद्देनजर भूमि संरक्षण कार्यों के लिये आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये नवीन अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी
  • इंदौर, भोपाल और जबलपुर में आगामी आदेश तक प्रत्येक रविवार को रहेगा लॉकडाउन
प्रदेश में कोरोना संक्रमण में विगत दिनों में हो रही वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन द्वारा नवीन अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। अपर मुख्य सचिव, गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बताया है कि इंदौर, भोपाल और जबलपुर शहर में आगामी आदेश तक प्रत्येक रविवार को लॉकडाउन रहेगा। इन तीनों शहरों में शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन प्रभावी रहेगा। नवीन अतिरिक्त निर्देशानुसार लॉकडाउन की अवधि में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन, औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों/कर्मियों, औद्योगिक कच्चे माल एवं उत्पाद के परिवहन, बीमार व्यक्तियों के परिवहन एवं एयरपोर्ट/रेलवे स्टेशन आने-जाने तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिये छूट रहेगी।

परीक्षाएँ होंगी, शिक्षण बंद रहेगा
डॉ. राजौरा ने बताया है कि भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर शहर में 31 मार्च, 2021 तक समस्त स्कूल एवं कॉलेजों में शिक्षण बंद रहेगा, लेकिन समस्त प्रकार की परीक्षाएँ, जिनमें प्रतियोगी परीक्षाएँ भी सम्मिलित हैं, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार ही आयोजित होंगी। परीक्षार्थियों तथा परीक्षा कार्य में संलग्न अधिकारियों-कर्मचारियों को आने-जाने में कोई अवरोध नहीं रहेगा।

उज्जैन सहित अन्य 6 जिलों में भी रात्रि में व्यावसायिक प्रतिष्ठान रहेंगे बंद
डॉ. राजौरा ने बताया है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं ग्वालियर के साथ ही उज्जैन, रतलाम, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, बैतूल और खरगौन में रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक समस्त दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। केमिस्ट, राशन एवं खान-पान की दुकानों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं रहेगा। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा ने संबंधित जिलों के कलेक्टर्स को निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू कर कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को कहा है।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश में महिलाओं की होगी सशक्त भागीदारी: मुख्यमंत्री श्री चौहान
  • महिला स्व-सहायता समूहों को भी निरन्तर मिलेगा आर्थिक संबल
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप में महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता में लिया गया है, जिससे प्रदेश की महिलाएँ अपने हुनर से आत्म-निर्भर बनेगीं और मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। महिलाओं को आर्थिकरूप से मजबूत करने के लिये राज्य सरकार उन्हें हर संभव मदद कर रही है। महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, महिला-कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक, आर्थिक उन्नति, रोजगार, समानता, बेटी-बचाओं और महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी कार्य किये जा रहे है। महिलाओं और बच्चियों के लिये अनेक योजनाएँ भी संचालित की जा रही हैं, इन योजनाओं का लाभ उन्हें उनके हक के आधार पर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसा कोई काम नहीं है, जो महिलाएँ नहीं कर सकती। मध्यप्रदेश में महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के गम्भीर प्रयास किये जाएंगे, जिससे महिलाओं की सशक्त भागीदरी प्रदेश के विकास में सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्व-सहायतासमूहों को आर्थिक संबल देने का कार्य निरंतर किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों के खातों में 200 करोड़ रूपये अंतरित किये गये हैं। अब प्रत्येक माह समूहों के खाते में 150 करोड़ रूपये डाले जाएंगे। महिला स्व-सहायता समूहों को अब 4 प्रतिशत दर की जगह 2 प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। शेष ब्याज की राशि सरकार देगी। महिला स्व-सहायता समूहों को इस बार गेहूँ और अन्य फसलों की खरीदी से भी जोड़ा जारहा है। साथ ही मध्यान्ह भोजन में प्रयुक्त सामग्री भी महिला स्व-सहायता समूह से क्रय की जाएगी। पंचायत स्तर पर होने वाले सर्वेक्षणों, मनरेगा के तहत 50 प्रतिशत मेट महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य होगी। शासकीय स्कूलों के बच्चों की यूनिफार्म बनाने का काम भी महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा गया है। कुल मिलाकर प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यमसे लोकल को वोकल बनाया जा रहा है। घर-परिवार में महिलाओं का वजूद बनाने के लिये राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जमीन में पति के साथ पत्नी का नाम जोड़ना जरूरी होगा।  नई सम्पत्ति बहन, माँ, बेटी, पत्नी के नाम पर खरीदने पर रजिस्ट्रेशन में दो प्रतिशत की छूट का प्रावधान भी किया। आवास योजनाओं में पति-पत्नी दोनों का संयुक्त नाम होगा। पुरूष प्रधान मानसिकता को बदलने के लिये उमंग कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। इसमें कक्षा 9वीं से 11वीं के बच्चों को लड़कियों को इज्जत देने के संस्कार दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में बच्चियों के प्रति अपनत्व जगाने के लिये शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना में आज 38 लाख से अधिक प्रदेश की बेटियाँ लाड़ली लक्ष्मी हैं। इन लाड़ली लक्ष्मियों की शिक्षा की जिम्मेदारी भी सरकार उठा रही है। आई.आई.टी., आई.आई.एम, डॉक्टरी, इंजीनियरिंग सहित देश-विदेश में इनकी उच्च शिक्षा की फीस सरकार वहन करेगी। प्रदेश में शीघ्र ही नारी सम्मान कोष भी स्थापित किया जाएगा। प्रदेश में महिलाओं के लिये संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ केन्द्र सरकार की महिलाओं संबंधी योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश हमेशा अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। हाल ही में केन्द्रीय महिला-बाल विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की समीक्षा की गई। इसमें योजना के सफल क्रियान्वयन और 152 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित करने पर मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर प्रथम स्थान दिये जाने की घोषणा की गई है। योजना अन्तर्गत समस्त गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को प्रथम जीवित जन्मे बच्चे पर निर्धारित शर्तों की पूर्ति उपरान्त प्रति हितग्राही 5 हजार रूपये तीन किस्तों में दिये जाने का प्रावधान है। बेटियों और महिलाओं के प्रति राज्य सरकार पूर्ण संवेदनशील है। प्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक विधानसभा से पारित हो गया है। अधिनियम के तहत ऐसे अपराधी जो डरा, धमकाकर, बहला-फुसलाकर बेटियों को बरगलाते हैं, उन्हें आजीवन कारावास की कड़ी सजा दिलाई जाएगी। प्रदेश की गुम हुई बेटियों का पता लगाने के लिये 'मुस्कान अभियान' प्रारंभ किया गया है। इस अभियान में 9 हजार लापता बेटियों को ढूँढ कर उनके अभिभावकों को सौंपा गया है। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने न केवल दुराचार करने वाले अपराधियों को फाँसी की सजा का प्रावधान किया बल्कि अब तक 72 अपराधियों को फाँसी की सजा भी दिलवाई जा चुकी है। बेटियों की आत्म-रक्षा के लिए अपराजिता कार्यक्रम भी प्रारंभ किया गया है। इसमें पहले चरण में प्रदेश की 23 हजार छात्राओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाएगी।

मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के रिकार्ड का कम्यूटराईजेशन

प्रदेश में वक्फ रिकार्ड कम्यूटराईजेशन योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश वक्फ रिकार्ड के कम्यूटराईजेशन काम पूर्ण किया जा चुका है। यह कार्य वक्फ मेनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (वामसी) के तहत किया गया है। इस प्रोजेक्ट में ऑनलाइन मॉड्यूल में डाटा एंट्री का कार्य लगभग पूर्ण किया जा चुका है। इसके साथ ही रिकार्ड के डिजिटीलाइजेशन के काम को पूरा किया गया है। प्रदेश में वक्फ सम्पत्तियों का केन्द्र सरकार के सहयोग से जी.पी.एस. एवं जी.आई.एस कराया जा रहा है। लगभग 7 हजार 951 वक्फ सम्पत्तियों का जी.पी.एस एवं जी.आई.एस कराया जा चुका है, जो वामसी ऑनलाइन मॉड्यूल में उपलब्ध है। केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा दिये गये अन्य मॉड्यूल्स जैसे लीजिंग मॉड्यूल में 134, रिटर्न फाइलिंग मॉड्यूल में 7839 एवं लिटीगेशन मॉड्यूल में 4430 प्रकरणों की जानकारी फीड की जा चुकी है। प्रदेश में वक्फों के प्रबंध के लिये कमेटियों के गठन का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में 39 जिलों में जिला वक्फ कमेटियों का गठन कर दिया गया है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के कारण वक्फियां सम्पत्तियों की सुरक्षा होने के साथ ही वक्फ की आय में काफी वृद्धि हो रही है।

अवैध अतिक्रमण की शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही

प्रदेश की वक्फ जायदादों पर अवैध अतिक्रमण की शिकायतों पर बोर्ड द्वारा वक्फ अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। विगत वर्षों में 4755 प्रकरण दर्ज कर कब्जाधारियों को नोटिस जारी किये गये है। इनमें से 3350 प्रकरणों में बेदखली के निर्णय लिये जाकर 369 से अधिक प्रकरण में धारा 55 की कार्यवाही के लिये संबंधित एसडीएस को भेजे गये है। 9 प्रकरणों में वक्फ की सम्पत्ति को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है।

पर्यावरण के बिगड़े संतुलन को वनों के संरक्षण और विकास ही विकल्प होगा वन: मंत्री कुंवर शाह

वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि विश्व भर में हरे आवरण की लगातार कमी होने से पर्यावरण के बिगड़ गए संतुलन को बनाए रखने के लिए वनों का संरक्षण और विकास ही एक विकल्प हो सकता है। डॉ. कुंवर शाह ने विश्व वानिकी दिवस को प्रदेश में हरियाली बढ़ाने की दिशा में चिन्तन करने का आह्वान किया है उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष में 5 करोड़ पौधों का रोपण का कार्य कराने से वनीकरण योजनाओं के अच्छे परिणाम परिलक्षित हुए हैं। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में वन विभाग वनों की सुरक्षा और विकास के साथ वनों पर आश्रित वनवासियों के कल्याण पर गंभीरता से कार्य कर रहा है। मध्यप्रदेश में वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए की जा रही प्रभावी पहल के चलते वनों के साथ-साथ उन पर आश्रित आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को वानिकी विकास के जरिए समृद्ध किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पिछले एक साल में वनों की सुरक्षा और विकास के साथ-साथ वनों पर आश्रित वनवासियों के कल्याण की नई इबारत लिखी गई है। प्रदेश में वन-जन को समन्वित कर वानिकी में भागीदारी का अंश बढ़ाने के साथ ही 'जन' की सक्रियता बढ़ाने के उद्देश्य से संयुक्त वन प्रबंधन की विचारधारा को सशक्त रूप से अपनाया गया है। संयुक्त वन प्रबंधन के लिए 9784 ग्राम वन, 4773 वन सुरक्षा और 1051 ईको विकास समितियाँ गठित हैं। इनके माध्यम से करीब 47 हजार वर्ग किलो मीटर वन क्षेत्रों का प्रबंधन किया जा रहा है।संयुक्त वन प्रबंधन से समृद्ध समितियाँ, 33 फीसदी पद महिलाओं को वन समितियों में 33 फीसदी महिलाओं की सदस्यता आरक्षित की गई है। साथ ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद में से एक पर महिला की नियुक्ति अनिवार्य की जाकर महिला सशक्तिकरण को प्रभावी बनाया गया है। वन खंड की सीमा से 5 कि.मी. दूरी तक स्थित ग्रामों में गठित वन सुरक्षा समिति सघन वन क्षेत्रों में अवैध कटाई, चराई और अग्नि से क्षेत्र की सुरक्षा का काम करती हैं। इसके ऐवज में उन्हें आवंटित क्षेत्र से समस्त लघु वनोपज, रॉयल्टी मुक्त निस्तार एवं काष्ठ विदोहन का 20 प्रतिशत लाभांश दिया जाता है। जैव विविधता के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय उद्यान और अमयारण्य के बफर क्षेत्र की सीमा से 5 कि.मी. की परिधि में स्थित ग्रामों में ईको विकास समिति गठित है। यह समितियाँ सामाजिक-आर्थिक उत्थान के कार्य में संलग्न हैं।

34 करोड़ का दिया गया लाभांश
जिलास्तर पर काष्ठ विदोहन से हुए शुद्ध लाभ 20 फीसदी वन प्रबंधन समितियों को 22 करोड़ 56 लाख रूपये की राशि दी गई। बाँस कटाई में संलग्न श्रमिकों को बाँस विदोहन से प्राप्त शुद्ध लाभ की राशि शत-प्रतिशत दी जाती है। इसमें 11 करोड़ 39 लाख रूपये का लाभांश दिया जा चुका है। इस तरह कुल 33 करोड़ 95 लाख रूपये का लाभांश वितरित किया जा चुका है।

बाँस रोपण से बढ़ी किसानों की आमदनी
प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि फसलों के साथ बाँस रोपण एक बेहतर विकल्प के रूप में लोकप्रिय हुआ है। इस वित्त वर्ष में 3597 किसानों ने 3228 हेक्टेयर क्षेत्र में बाँस रोपण किया। जिस पर उन्हें पौने 7 करोड़ रूपये से ज्यादा का अनुदान दिया गया। स्व-सहायता समूहों को 'आत्म-निर्भर' बनाने के लिए मनरेगा में 83 स्व-सहायता समूह के माध्यम से 1020 हेक्टेयर क्षेत्र में बाँस रोपण किया गया। अन्य योजनाओं में भी 1248 हेक्टेयर क्षेत्र में बाँस रोपण किया गया। निजी क्षेत्र में मंजूर की गई 13 बाँस प्र-संस्करण इकाइयों में से 9 इकाई प्रारंभ हो चुकी है। इन इकाइयों को 1 करोड़ 68 लाख रूपये का अनुदान वितरित किया गया।

तेन्दूपत्ता संग्राहकों के बच्चों का सँवारा जा रहा भविष्य
इस वित्त वर्ष में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए अब तक करीब एक हजार छात्र-छात्राओं को 9 करोड़ 88 लाख से ज्यादा की सहायता दी गई। लघु वनोपज संघ द्वारा 'एकलव्य शिक्षा विकास योजना' के जरिए तेन्दूपत्ता संग्राहकों, फड़-मुंशी और प्रबंधकों के बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों में सहायता प्रदान कर उनका भविष्य सँवारा जा रहा है। प्रदेश में तेन्दूपत्ता संग्रहण में 33 लाख संग्राहक जुड़े हैं। इनमें 44 फीसदी महिलाएँ हैं। अधिकत्तर संग्राहक अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग के हैं। इन्हें लगभग एक माह का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इन संग्राहकों को आर्थिक संबल देने के लिए तेन्दूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक तथा प्रोत्साहन पारिश्रमिक बोनस के रूप में दिया जाता है। पिछले वर्ष 15 लाख 88 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहीत कर संग्राहकों को 397 करोड़ रूपये का पारिश्रकि दिया गया। वर्ष 2018 में संग्रहीत और तेन्दूपत्ते के व्यापार से हुए शुद्ध लाभ में से 183 करोड़ 31 लाख की राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में दी गई । मुख्यमंत्री तेन्दूपत्ता संग्राहक सहायता योजना में इस वित्त वर्ष में अब तक 2 करोड़ 26 लाख 20 हजार रूपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। 32 लघु वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित लघु वनोपज के संग्राहकों द्वारा संग्रहीत वनोपज का प्राथमिक उपचार कर सही मूल्य प्राप्त हो सके, इसके लिए वन-धन विकास योजना के तहत ट्राइफेड द्वारा पहले चरण में 13 जिलों में 86 वन-धन विकास केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इनमें 10 स्व-सहायता समूह क्लस्टर का एक केन्द्र है। इसमें प्रत्येकस्व-सहायता समूह के 30 सदस्य रखे गए हैं। इससे 50 करोड़ रूपये का व्यापार संभावित है। प्रदेश में 32 लघु वनोपजों का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। खास बात यह है कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर के समकक्ष और कुछ वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य भारत सरकार की दरों से भी ज्यादा है।

वन-धन विकास केन्द्र योजना
लघु वनोपज संग्राहकों द्वारा संग्रहीत वनोपज का प्राथमिक प्र-संस्करण एवं मूल्य संवर्धन द्वारा उचित मूल्य दिलाने के लिए यह अभिनव योजना शुरू की गई है। एक वन-धन केन्द्र में 300 संग्राहक हैं। राज्य लघु वनोपज संघ, क्रियान्वयन ऐजेन्सी है। वन रोपणियों के पौधों से मिला 5 करोड़ का राजस्व प्रदेश में वानिकी वृत्तों की 170 रोपणियाँ हैं। इन रोपणियों से 3 करोड़ 42 लाख पौधों की बिक्री और 50 लाख सागौन रूट-शूट की नीलामी से 4 करोड़ 99 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस वर्ष रोपण के लिए पौधा तैयारी का कार्य भी प्रगति पर है। रोपणियों के पौधों को ऑन-लाईन संधारण के लिए नर्सरी मैनेजमेन्ट विकसित किया गया है। कुछ रोपणियों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाकर उनकी सुरक्षा और निगरानी की जा रही है।

निजी क्षेत्रों में वानिकी प्रोत्साहन
वनोपज की मांग और आपूर्ति के बढ़ते अन्तर को कम करने और किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए निजी भूमि पर वनीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्ष 2020 में गैर वन क्षेत्रों में विभिन्न प्रजाति के करीब सवा 6 लाख पौधों का रोपण कराया गया। आम लोगों को एम.पी. ऑन-लाईन के माध्यम से भी पौधे उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई है।

वन विकास
वनों की संवहनीयता बनाए रखने के लिए बिगड़े वनों का सुधार, वृक्षारोपण आदि कार्य किए जाते हैं। वर्ष 2020 में करीब पौने 6 करोड़ पौधे लगाए गए। प्रदेश सरकार द्वारा अन्य राज्य सरकारों से संपर्क कर प्रदेश के बिगड़े वनों के सुधार में निवेश लाने का प्रयास किया जा रहा है। अण्डमान एवं निकोबार प्रशासन ने मध्यप्रदेश सरकार से बिगड़े वनों के सुधार के लिए वैकल्पिक वृक्षारोपण करने का अनुरोध किया है। इसके लिए तैयार की गई परियोजना से तकरीबन 40 हजार से अधिक हेक्टेयर बिगड़े वनों के सुधार में 1500 करोड़ रूपये उपलब्ध होंगें और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

वन संरक्षण
प्रदेश में वनों की अवैध कटाई को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा प्रतिबद्धता से कार्य किया जा रहा है। बीट प्रभारी के अलावा परिक्षेत्र सहायक से लेकर वन मण्डलाधिकारी स्तर तक के अधिकारी रोस्टर अनुसार वनों के अवैध रूप से काटे वृ्क्षों की जाँच कर आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हैं। अपराधियों से निपटने के लिए 3157 बन्दूक और 286 रिवाल्वर उपलब्ध कराए गए हैं। चौदह अति संवेदनशील वन मण्डलों में विशेष सशक्त बल की 3 कंपनी के जवान,वन, वन्य-प्राणी एवं वन कर्मियों की सुरक्षा करते हैं। सभी 16 वन क्षेत्रों में उड़न दस्ता दल गठित है, जो समय-समय पर स्थानीय अमले को अतिरिक्त सुरक्षा-सहायता प्रदान करता है।

वन उत्पादन
राज्य में मुख्य रूप से साल, बाँस तथा अन्य मिश्रित प्रजातियों के वृक्ष मौजूद हैं। वानिकी वर्ष 2020-21 में अब तक एक लाख घन मीटर इमारती काष्ठ, 5 हजार जलाऊ चट्टे और 15 हजार नोशनल टन विक्रय इकाई बाँस का उत्पादन हुआ है।

निस्तार व्यवस्था
वनों की सीमा से 5 कि.मी. की परिधि में बसे परिवार को ही घरेलू उपयोग केलिए बाँस, छोटी ईमारती लकड़ी (बल्ली) हल, बक्खर बनाने की लकड़ी तथा जलाऊ लकड़ी रियायती दरों पर दी जाती है। स्वयं के उपयोग के लिए वनों से सिरबोझ द्वारा गिरी पड़ी, मरी और सूखी जलाऊ लकड़ी की सुविधा भी दी जा रही है। वर्ष 2020 में निस्तार के लिए 19 लाख 61 हजार नग बाँस, 16 हजार बल्ली और 51हजार जलाऊ चट्टे ग्रामीणों को उपलब्ध कराए जाने के साथ ही 9 करोड़ 12 लाख रूपये की रियायत भी दी गई।

राजस्व आय में हुई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
प्रदेश में वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन के माध्यम से इस वित्त वर्ष में जनवरी 2021 तक की स्थिति में 1010 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है। कोरोना जैसी महामारी और लॉक डाऊन के रहते राजस्व अर्जित करने के मामले में यह उपलब्धि विशेष मायने रखती है।

वन भूमि व्यपवर्तन
वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत वर्ष 2020 में 46 प्रकरणों में भारत सरकार से 2685.547 हेक्टेयर वन भूमि की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसी अवधि में 15 प्रकरण में 1117.239 हेक्टेयर वन भूमि व्यपवर्तन की सैद्धान्तिक सहमति भी प्राप्त हो चुकी है। वानिकी से अगले साल मिलेगा लाखों लोगों को रोजगार अगले वित्तीय वर्ष में विभिन्न वानिकी कार्य वृक्षारोपण, पुनर्त्पादन, उत्पादन, वन सुरक्षा, लघु वनोपज का संग्रहण, भण्डारण एवं ईको पर्यटन, होम स्टे आदि से करीब पौने 8 लाख व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराने का संकल्प है।

वीडियो कॉफ्रेंसिंग से हुई जल जीवन मिशन की समीक्षा  मध्यप्रदेश अपने लक्ष्य 2023 तक पूरे कर लेगा : राज्यमंत्री श्री यादव

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ग्रामीण आबादी को नल से जल उपलब्ध करवाने की महात्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के माध्यम से मूर्तरुप ले रही है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सभी राज्यों के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्रियों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन के अंतर्गत हो रहे कार्यों एवं प्रगति की समीक्षा की। प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव कार्यक्रम में अशोकनगर कलेक्ट्रेट से शामिल हुए। मंत्री श्री यादव ने केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत को बताया कि जल मिशन के अंतर्गत प्रदेश में तेजगति से काम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रत्येक सप्ताह जल मिशन के प्रगति की समीक्षा की जाती है। ‌श्री यादव ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि मध्यप्रदेश ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत पूरी ग्रामीण आबादी को वर्ष 2023 तक नल से जल पहुँचाने का लक्ष्य रखा है।   

विधायक श्री राय सीईओ जिला पंचायत, एडीएम ने टीका लगवाया, 104 टीकाकरण केन्द्रों पर किया गया टीकाकरण

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विधायक श्री सुदेश राय तथा श्रीमती अरूणा राय के साथ जिला चिकित्सालय स्थित डीईआईसी भवन टीकाकरण केन्द्र पहुंचे तथा कोविड-19 टीके का प्रथम डोज लगवाया।तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हर्ष सिंह तथा अपर कलेक्टर श्रीमती गुंचा सनोवर ने भी कोविड का द्वित्तीय डोज लगवाया। टीकाकरण के उपरांत विधायक श्री राय ने आम लोगों से कोविड-19 का टीका लगवाने तथा टीकाकरण अभियान में सहभागी बनने की अपील की इस अवसर पर उन्होंने कहा कोविड के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए चिन्हित बीमारी वाले 49 से 59 वर्ष आयु तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो को टीका लगावाया जाना बेहद जरूरी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.सुधीर कुमार डेहरिया ने जानकारी दी कि शनिवार को जिले के 104 टीकाकरण केन्द्रों पर वृहद टीकाकरण अभियान संचालित किया गया। सीएचसी श्यामपुर के अंतर्गत 24 टीकाकरण केन्द्र, सीएचसी इछावर के अंतर्गत 18, सीएचसी बुदनी के अंतर्गत 20, सिविल अस्पताल नसरूल्लागंज के अंतर्गत 20, सिविल अस्पताल आष्टा के अंतर्गत 20 तथा जिला चिकित्सालय के अंतर्गत 2 टीकाकरण केन्द्रों पर टीका लगाया गया।

चना,मसूर,सरसों खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण कर रहे हैं अधिकरी, उपार्जन व्यवस्थाओं संबंधी व्यवस्थाओं का ले रहे हैं जायजा


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आगामी 22 मार्च से चना,मसूर एवं सरसों की खरीदी प्रारंभ होने वाली है। कलेक्टर श्री अजय गुप्ता ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण कर सभी जरूरी सुविधाए सुनिष्चत करें। साथ ही इसका पर्याप्त प्रचार प्रसार करने के भी निर्देश दिए। एसडीएम तथा संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचकर निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जा रहा है। कलेक्टर श्री गुप्ता उपार्जन केन्द्रों पर आवश्यक सुविधाएं छाया, पानी, तौल कांटा, बारदाना एवं भण्डारन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी परीक्षा कार्यक्रम में आंशिक संशोधन

माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा संचालित हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी सर्टिफिकेट परीक्षा (नियमित, स्वाध्यायी) वर्ष 2021 के परीक्षा कार्यक्रम की तिथियों में आंशिक संशोधन किया गया है। नवीन संशोधित परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार अब हाईस्कूल परीक्षा 30 अप्रैल से 19 मई 2021 एवं हायर सेकेण्डरी परीक्षा एक मई से 21 मई, 2021 तक आयोजित की जायेगी। इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा मण्डल की वर्ष 2021 की हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी, हायर सेकेण्डरी व्यावसायिक पाठयक्रम परीक्षा, शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण एवं विद्यालय पूर्व शिक्षा में डिप्लोमा (डीपीएसई) के परीक्षा कार्यक्रम में भी संशोधन किया गया है। संशोधित परीक्षा कार्यक्रम अनुसार हाईस्कूल परीक्षा अब 30 अप्रैल से 19 मई 2021 तथा हायर सेकेण्डरी परीक्षा एक मई से 21 मई, 2021 तक संचालित की जाएगी।

 ’21 से पी.एस.सी. मुख्य परीक्षा 5 केन्द्रों पर’ ’कोविड पाजीटिव के लिए अलग केन्द्र बनाया गया’

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग, इन्दौर द्वारा दिनांक रविवार 21 मार्च से 26 मार्च तक आयोजित की जाने वाली राज्य लोक सेवा मुख्य परीक्षा के लिए सभी केन्द्रों पर माकूल इंतजाम कर लिए गए हैं ये परीक्षा प्रातः 10.00 बजे से दोपहर 01.00 बजे तक भोपाल के 5 शिक्षण संस्थाओ शासकीय गर्ल्स हायर सेकेन्डरी स्कूल,वन ट्री हिल्स रोड़ बैरागढ,भोपाल, शा0 कन्या हा0 से0 स्कूल, गोविंदपुरा, बी - सेक्टर फाईडे मार्केट के पास (बीएचईएल) भोपाल, शासकीय नवीन हा0 से0 स्कूल, आनंद नगर रायसेन रोड भोपाल, शासकीय सुभाष उत्कृष्ट हायर सेकण्डरी स्कूल फार एक्सीलेन्स, शिवाजी नगर, भोपाल एवं शासकीय सरोजनी नायडू कन्या हा0 से0 स्कूल शिवाजी नगर भोपाल में आयोजित की जा रही है । इन केन्द्रों पर शामिल होने वाले समस्त अभ्यर्थियों को कहा गया है कि इन केन्द्रो पर कोविड -19 के संक्रमण से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग व गृह विभाग द्वारा जारी दिशा - निर्देश अनुसार केन्द्रों पर उपस्थित हों । इन केन्द्रो पर शामिल होने वाले अभ्यार्थियों से अपेक्षा की गई है कि अगर कोई कोविड -19 संक्रमित है, तो तत्काल परीक्षा समन्वयक कार्यालय, भोपाल संभाग, भोपाल के नियंत्रण कक्ष, दूरभाष कमांक 0755-2540772 अथवा मोबा. नंबर 9669737743. 9926438112 पर सूचित करें जिससे परीक्षा की समस्त विशेष व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकें ।

“कोविड पाजीटिव भी दे सकेंगे परीक्षा”
आयोग के निर्देशानुसार शासकीय सुभाष उत्कृष्ट हायर सेकण्डरी स्कूल फॉर एक्सीलेन्स, शिवाजी नगर, भोपाल में कोविड सक्रमित समस्त अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा में शामिल होने की व्यवस्था की गई है । उक्त के अलावा समस्त परीक्षा केन्द्रों पर एक अलग अतिरिक्त कक्ष की व्यवस्था की गई है, जिसमें कोविड के संभावित लक्षण जैसे जुकाम, बुखार, सांस लेने में कठिनाई इत्यादि पाये जाने वाले अभ्यर्थी बैठ सकेगें । सभी अभ्यर्थियों से कहा गया है कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के निर्देशानुसार समस्त अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्रों पर कोविड से संबंधित एक स्वयं प्रमाणीकरण घोषणा पत्र भरना अनिवार्य होगा । परीक्षार्थियों को आरंभ होने के एक घंटा पूर्व ( प्रातः 09रू00 बजे तक ) परीक्षा केन्द्र पर पहुँचना अनिवार्य है । सभी अभ्यर्थी कोरोना संकण से बचाव हेतु कोविड -19 गाइडलाइन का पालन करते हुए मास्क, फेसशील्ड, सेनेटाइजर 50 मि.ली. बोतल इत्यादि के साथ परीक्षा केन्द्र पर उपस्थित होगें । समस्त अभ्यर्थी अपने साथ प्रवेश पत्र, पारदर्शी पानी की बोतल, पारदर्शी सेनेटाइजर की बोतल के अलावा किसी भी वर्जित प्रतिबंधित वस्तुओं यथा मोबाइल, कैलकुलेटर, पेजर, स्मार्ट वॉच, इलेक्ट्रानिक डिवाइस इत्यादि के साथ परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं करेंगे ।

संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में 31 मार्च तक करा सकते हैं पंजीयन’

मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीयन का एक और मौका दिया गया है। पात्रता में आने वाले ऐसे निर्माण श्रमिक जिन्होंने अभी तक अपना पंजीयन नहीं कराया है, वे 31 मार्च तक अपना पंजीयन करा सकते हैं।   इसी प्रकार मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के पंजीकृत हितग्राही जिनका भौतिक सत्यापन नही हुआ है उनसे अपने पंजीयन का भौतिक सत्यापन कराने का आग्रह किया गया है। जिनके पंजीयन में नाम पता, बैंक खाता नम्बर, आधार नम्बर में या अन्य कोई त्रुटि है तो उसका शुद्धिकरण ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत एवं शहरी क्षेत्र में नगर पालिका, नगर पंचायत में आवेदन देकर कराया जा सकता है। सभी पंजीकृत परिवारों से आग्रह किया गया है कि हितलाभ प्राप्त करने में आने वाली कठिनाईयों से बचने के लिये यह काम जरूर कराएँ।

अशासकीय विद्यालय मान्यता नवीनीकरण हेतु 31 मार्च तक कर सकते हैं आवेदन

स्कूल शिक्षा विभाग ने अशासकीय विद्यालयों की मान्यता नवीनीकरण का आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2021 कर दी है। माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध समस्त अशासकीय विद्यालय आगामी 31 मार्च तक मान्यता नवीनीकरण का ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। मान्यता नवीनीकरण शुल्क एक मुश्त या तीन किश्तों में जमा किया जा सकेगा । कोविड-19 संक्रमण और छात्रहित के दृष्टिगत यह निर्णय लिया है। इसके तहत मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम, 2017 के अनुसार प्रचलित प्रक्रिया से छूट प्रदान करते हुए मान्यता नवीनीकरण को 31 मार्च 2022 तक की समयावधि के लिए मान्य किया गया है। जिन अशासकीय विद्यालयों ने पूर्व के निर्देशों के अनुसार सशुल्क आवेदन किए थे और उनकी मान्यता नवीनीकृत की जा चुकी है, उसे यथावत मान्य किया गया है। जो अशासकीय विद्यालय निर्धारित आवेदन एवं शुल्क जमा कर चुके हैं किंतु उनकी मान्यता का नवीनीकरण नहीं हुआ है, उन्हें पुनः शुल्क जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी ।

आज 08 व्यक्तियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई, वर्तमान में कोरोना एक्टिव/पॉजीटिव की संख्या 71

पिछले 24 घंटे के दौरान 08 व्यक्तियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई है। सीहोर के गल्ला मण्डी, नेहरू कॉलोनी, शीतल विहार कॉलोनी, मिनार मस्जिद, शिवाजी कॉलोनी तथा हाउसिंग बोर्ड से 07, इछावर अंतर्गत नीलबड़ से 01 व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि वर्तमान में जिले में एक्टिव/पॉजिटिव की संख्या 71 है। आज 03 व्यक्ति रिकबर हुये। अब तक कुल रिकवर की संख्या 2807  है। 48 संक्रमितों की उपचार के दौरान मृत्यु हुई है। आज 303 सैम्पल लिए गए है। जांच के लिए सीहोर शहरी क्षेत्र से 74,  नसरूल्लागंज 25, आष्टा से 71, इछावर से 18, श्यामपुर से 66,  बुदनी से 49 सैम्पल लिए गए है । आज पॉजीटिव मिले नए कंटेनमेंट जोन सहित समस्त कंटेनमेंट एवं बफर जोन में स्वास्थ्य दलों द्वारा सघन स्वास्थ्य सर्वे किया जा रहा है। वहीं पॉजीटिव मिले व्यक्तियों के करीबी संपर्क वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनकी सूची तैयार की जा रही है। प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में सर्वे के लिए एक से दो दल लगाए गए है । सर्वे दल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को बनाया गया है तथा स्वास्थ्य सर्वे दल में ए.एन.एम. आशा कार्यकर्ता, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है। जिले में कुल कोरोना पॉजीटिव व्यक्तियों की संख्या 2926  है जिसमें से 48 की मृत्यु हो चुकी है 2807 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गए है तथा वर्तमान में एक्टिव/पॉजीटिव की संख्या 71 है। आज 303 सैंपल जांच हेतु लिए गए। कुल जांच के लिए भेजे गए सेंपल 797907 हैं जिनमें से 755341 सेंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। आज 223 सेंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। कुल 1259 सेंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। पैथालॉजी द्वारा कोरोना वायरस सेंपल की रिजेक्ट संख्या कुल 71 है। आज पॉजिटिव मिले नये कन्टेनमेंट झोन सहित समस्त कन्टेनमेंट एवं बफर जोन मे स्वास्थ्य दलों द्वारा स्वास्थ्य सर्वे किया जा रहा है वहीं पॉजिटिव मिले व्यक्तियों के करीबी संपर्क वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनकी सूची तैयार की जा रही है। प्रत्ये कन्टेनमेंट जोन मे सर्वे के लिए जिले में जो व्यक्ति होम क्वारंटाइन में है उनके निवास स्थान से सीधे संवाद हेतु जिला स्तरीय कोविड-19 काल सेंटर स्थापित किया गया है जिसका संपर्क नंबर-07562 226470 है एवं 1075 नंबर पर कॉल कर जानकारी ली जा सकती हैं। जिला स्तर पर मोबाइल नंबर 9425400273, 9425400453, 9479595519 पर कॉल सेंटर पर संपर्क किया जा सकता है। राज्य स्तर पर 104/181 नंबर पर काल करके भी टेलीमेडिसीन सेवा का लाभ लिया जा सकता है। 104 नंबर पर ई-परामर्श सेवा का भी लाभ लिया जा सकता है। होन कारोन्टाइन व्यक्तियों तथा उनके परिजनों के लिए हल्पलाईन नंबर 18002330175 जारी किया गया है। होम कारान्टाइन व्यक्ति अथवा उनके परिजन इमोशनल वेलनेस अथवा साईकॉलोजीकल सपोर्ट एवं अन्य जरूरी परामर्श मानसिक सेवा प्रदाताओं से नि:शुल्क प्राप्त कर सकते है।

शहर जैसा सुन्दर स्वच्छता परिसर पाकर खुश हैं ग्रामवासी

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सिद्धीकगंज तथा ब्रिजिश नगर सहित जिले के अनेक गावों के ग्रामवासी शहरों जैसे सुन्दर और आकर्षक समुदयिक स्वच्छता परिसर पाकर खुश हैं। ग्रामवासियों का कहना है कि पहले ऐसे स्वच्छता परिसर केवल शहरों में ही देखने मिलते थे। इन स्वच्छता परिसरों के बन जाने से गांव में होने वाले अनेक सामाजिक, सांस्कृति और वैवाहिक कार्यक्रमों के दौरान लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलने लगेंगी। शहरों जैसे सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माण संभाव हुआ है प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन के तहत। अब जिला पंचायत की टीम न केवल व्यवस्थित भवन का नक्शा, भवन की गुणवत्ता के साथ ही निर्माण कार्य की पूरी मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं। जिले में ऐसे 86 सामुदायिक स्वच्छता परिसर बनकर तैयार हो गये। स्वच्छता परिसर के प्रारंभ होने से ग्रामीणों में स्वच्छता के प्रति नये उत्साह का संचार हुआ है। ग्रामवासियों का कहना है वे इन परिसरों में स्वच्छता बनाये रखेंगे। इसके साथ ही  ग्रामवासियों को स्वच्छता अपनाने तथा शौचालय का उपयोग करने का संदेश दे रहे है।







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