बिहार : स्थिति लगातार गंभीर, युद्धस्तर पर कार्रवाई में नहीं उतर रही सरकार: माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 26 अप्रैल 2021

बिहार : स्थिति लगातार गंभीर, युद्धस्तर पर कार्रवाई में नहीं उतर रही सरकार: माले

  • आॅक्सीजन व दवाइयों की कालाबाजारी जोरो पर, लगाम लगाए सरकार
  • माले के सभी विधायक अपने-अपने इलाकों में सक्रिय, पटना में चल रहा हेल्पलाइन सेंटर
  • कोविड के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की अपील.

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पटना 26 अप्रैल, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि हमने बिहार सरकार को कोविड के लगातार बढ़ते प्रकोप से जनता की रक्षा के लिए पत्र लिखकर आवश्यक कदम उठाने की मांग की है. हमारा मानना है कि नीचे की लचर व दम तोड़ चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था इस आपाधापी व अराजकता का मूल कारण है. सरकार को अविलंब डाॅक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों अन्य आधारभूत संरचनाओं को व्यवस्थित व विस्तृत करने के लिए युद्धस्तर के अभियान में लगना होगा. तभी कुछ संभव हो सकता है. तात्कालिक रूप से कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी की जा सकती है. पीजी के स्टूडेंट, आरएमएस प्रैक्टिशनर्स, गांव-देहात में कार्यरत नर्स व स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों के लिए सरकार न्यूनतम प्रशिक्षण की व्यवस्था करे ताकि वे जनता को सतर्क व सही रास्ता बता सकें. पटना के सभी बड़े अस्पतालों में सरकार को न्यूनतम 500 कोविड बेड की व्यवस्था करनी चाहिए. जिला स्तर के अस्पतालों में 100 वेंटीलेटर सहित 500 बेड के हाॅस्पीटल की व्यवस्था की जाए. इन सारे कार्यों को तेज गति से करना होगा. कहा कि एक तरफ कहा जा रहा है कि आॅक्सीजन की कोई कमी नहीं है, दूसरी ओर लगातार बेड व आॅक्सीजन के लिए लोग तरस रहे हैं. ऐसा लगता है कि व्यापक पैमाने पर आॅक्सीजन व दवाइयों की कालाबाजारी हो रही है. हमें खबर मिल रही है कि लोग 30-30 हजार में एक आॅक्सीजन सिलेंडर खरीदने को मजबूर हो रहे हैं. इसपर सरकार को सख्त निगरानी रखनी चाहिए. माले राज्य सचिव ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार ने कोविड को बीते जमाने की बात मान ली थी, इसलिए  दूसरे संक्रमण की कोई तैयारी कर ही नहीं रखी थी. बिहटा में 500 बेड के अस्पताल को अकारण ही बंद कर दिया गया. अब जाकर बिहार के उपमुख्यमंत्री उसे फिर से चालू कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिख रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि जनता की चिंता की बजाए केंद्र व राज्य सरकार के लिए अन्य दूसरी चीजें महत्वपूर्ण रही हैं.  इस बीच भाकपा-माले ने अपने विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं से संकट के इस दौर में जनता की सेवा करने और कोरोना के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है. कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए पार्टी कार्यकर्ता जनता की सेवा में उतर चुके हैं. सभी विधायक अपने-अपने इलाकों में मोर्चा पर डटे हुए हैं. पटना में कोविड हेल्प लाइन सेंटर आरंभ हो चुका है और अस्पतालों में भी कोविड हेल्प सेंटर चलाए जा रहे हैं.  भोजन की यथसम्भव उपलब्धता की भी गारंटी की जा रही है. आरा में माले विधायक मनोज मंजिल के नेतृत्व में आइसा-इनौस की टीम लगातार जन-सहायता केंद्र चला रही है और पीड़ितों को अस्पतालों तक पहुंचाने का काम कर रही है. डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा के नेतृत्व में बक्सर के कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों का दौरा किया गया. पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने आज एक बार फिर से अपने इलाके के सभी अस्पतालों का दौरा किया. वहीं तरारी विधायक सुदामा प्रसाद ने अपने विधानसभा के तीनों पीएचसी का दौरा करने के बाद जिला अस्पतालों का भी दौरा किया. घोषी विधायक रामबलि सिंह यादव जहानाबाद सदर अस्पताल में और अरवल विधायक महानंद सिंह भी लगातार अपने इलाके में सक्रिय हैं. अन्य विधायक भी अपने-अपने इलाकों में लगातार जनता की सेवा में सक्रिय हैं.

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