बिहार : जनता त्रस्त, सरकार मस्त :प्लूरस पार्टी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 12 अप्रैल 2021

बिहार : जनता त्रस्त, सरकार मस्त :प्लूरस पार्टी

government-no-worry-about-people-plurals
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जनता के लिए एक अलग विकल्प के रूप में उभरी पार्टी प्लूरस के प्रवक्ता ने के प्रवक्ता ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनावी वादे की हकीकत बताने को लेकर भी सवाल किया है। प्लूरस के प्रवक्ता ने कहा कि बिहार कोरोना संक्रमण में कमजोर होती जा रही है, और इसके लिए केंद्र के साथ राज्य में गठबंधन की सरकार भी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को याद होगा जब चुनाव था तो हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़े-बड़े वादे किए, क्या हुआ मुख्यमंत्री जी का वादा। उन्होंने बताया कि चुनाव से पहले की लॉकडाउन में बिहार से बाहर रह कर मजदूरी दिहाड़ी पर अपनी जिंदगी यापन करने वाले हमारे बिहारी भाई, जब बिहार के लिए घर वापसी कर रहे थे, तब सरकार उनकी सहायता नही कर रही थी उस दौरान सरकार सिर्फ हाथ पर हाथ रखे कोरोना के नाम पर धन उगाही करने में लगी थी। प्लूरस के प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना के नाम पर करोड़ों का घोटाला हो गया, पर हमारे मजदूर भाइयों को बिहार मे रोजगार नहीं मिल पाया। जिसके कारण हालात ये हुई कि फिर से हमारे मजदूर भाइयों को वापिस अपने जीवन यापन के लिए दूसरे शहरों में जाने पर मजबूर होना पड़ा। अभी हालात देखते हुए लगता है कि फिर से हमारे बिहार वासियों को वही दिन न देखना पड़े जो पिछले साल लॉक डाउन मे हालात हुई थी। इसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ बिहार सरकार ओर केंद्र सरकार के गलत नीतियों के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है, जो लोग दैनिक जीवन दैनिक दिहाड़ी से चलाते थे, उनमे डर बना हुआ है, कब लॉक डाउन लग जाये। प्राइवेट कोचिंग संस्थानों के संचालक, प्राइवेट स्कूलों संस्थानों के संचालक, रेस्टोरेंट, होटल, कपड़ो की दुकान, हर कोई आज डरा हुआ है, सरकार सिर्फ कोरोना गाइड लाइन को शक्ति से पालन करने को तो बोल रही है, पर इससे जो आम जनता पर बोझ बढ़ता जा रहा है उसके लिए कोई ठोस कदम सरकार नही उठा रही है। बिहार सरकार की तमाम तरह की स्कीम आम लोगों तक तो नही पहुँचती, ये प्रशासन और शासक दोनो तक पहुँच जरूर रही है। बिहार सरकार की शराब बंदी कानून ने एक नया मोड़ लेकर शराब माफियाओं को जन्म दिया, आगे पता नही किन किन माफियाओं को बिहार सरकार अपने गलत नीतियों से बिहार मे अपराध को एक नया आयाम देगी।

कोई टिप्पणी नहीं: