मधुबनी : पिछले सप्ताह से जारी है जमीन कब्जा का खेल, सौ बीघा से उपर हो चूका है कब्जा, दो पक्षों में तनाव का माहौल, प्रशासन बनीं मुखदर्शक, धारा 144 को भी नहीं मान रहे अतिक्रमणकारी, अतिक्रमित भूमि पर घर बना रहे असमाजिक तत्व। किसानों ने कहा अगर चौबीस घंटे में अतिक्रमण मुक्त नहीं हुआ तो हक के लिए मर मिटने को होंगे तैयार, प्रशासन की होगी सारी जवाबदेही, प्रशासन के विरुद्ध रोषपूर्ण प्रदर्शन किया पिड़ित किसान ने। मामला मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के खिरहर थाना क्षेत्र के सोनई गांव में किसानों के भूमि का जबरन कब्जा का है, जिसमें मामला अब तुल पकड़ता जा रहा है, जिससे गांव में तनाव का माहौल बढता ही जा रहा है। करीब पांच दिनों से लगातार किसानों के दर्जनों एकड़ जमीन पर असमाजिक तत्वों के द्वारा कब्जा करने का सिलसिला जारी है, जिसको लेकर किसानों का भी अब गुस्सा फूटने लगा है। न्याय के इंतजार में थक चुके दर्जनों पिड़ित किसानों ने प्रखंड कार्यालय से लेकर जिला प्रशासन के विरुद्ध रोषपूर्ण प्रदर्शन किया है। दरअसल ग्रामीण मनीष झा, किशोरी शरण शुक्ल, राजेश्वर झा, संजय शर्मा, सीताराम शर्मा, श्याम नारायण शुक्ल, अवधेश झा, रजनीश झा, चंद्रमोहन झा, रमण कुमार, सुशील झा, प्रदीप झा, अनुग्रह झा, विजय झा, श्याम सुन्दर झा, वैधनाथ झा समेत दर्जनों किसानों का कहना है कि विगत पांच दिनों में दर्जनों एकड़ भूमि का कब्जा कर लिया गया है। इतना ही नहीं अतिक्रमणकारियों ने पेड़ पौधे भी काटना शुरु कर दी है। इस समस्याओं को लेकर सीओ से लेकर जिला पदाधिकारी तक को शिकायत कर चूके है। सीओ और थानाध्यक्ष एक दिन आकर उनलोगों को चेतावनी भी दिया था। पुलिस के द्वारा धारा 107 एवं 144 का कार्रवाई करने के बावजूद अतिक्रमण जारी है, और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है। जिससे साफ तौर पर कहा जा सकता है कि पुलिस प्रशासन किसी प्रकार का अनहोनी घटना का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन कब जागेगी जब कोई घटना हो जाएगी तब, फिर इसका जिम्मेवार कौन होंगे? किसानों का कहना है कि गांव के ही चलितर कामत, मिथिलेश राम, राम आशिष राम, राम एकवाल राम, पलटु मुखिया, राम कृपाल राम आदि के द्वारा असमाजिक तत्वों को उकसाया जा रहा है। इन लोगों के द्वारा हमलोगों की जमीन कब्जा कराकर गांव में दंगा करवाने का साजिश किया जा रहा है। हमलोग कानून को मानते आ रहे है, लेकिन अब सब्र का बांध टूट रहा है। उन्होंने कहा कि यदि चौबीस घंटे के भीतर प्रशासन हमलोगों के भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराते है, तो हमलोग अपने जमीन पर जाकर अपने हक के लिए खूद मर मिटने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
शुक्रवार, 7 मई 2021
मधुबनी : सौ बीघा भूमि पर जबरण कब्जा, जिले में बढ़ रहा है अनहोनी की आशंका
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