बिहार : 3 महीने के अंदर सबके लिए कोविड के टीका की गारंटी करे सरकार : खेग्रामस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 16 मई 2021

बिहार : 3 महीने के अंदर सबके लिए कोविड के टीका की गारंटी करे सरकार : खेग्रामस

  • कोरोना काल में सभी मौतों को कंसिडर करते हुए मृतक परिजनों को 10 लाख रु. का मुआवजा दे.
  • कोरोना काल में अनाथ हुए सभी बच्चों की जिम्मेवारी सरकार उठाये.
  • खेग्रामस का कल 17 मई को होग व्यापक प्रदर्शन, प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा पत्र.

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पटना 16 मई, अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद तथा महासचिव धीरेन्द्र झा ने आज प्रेस बयान जारी करके कहा है कि कल 17 मई को संगठन की ओर से 3 महीने के अंदर सबके लिए कोविड के टीके की गारंटी, कोराना काल में सभी मौतों को कंसिडर करते हुए मृतक परिजनों को 10 लाख का मुआवजा, अनाथ हुए बच्चों की सरकार की जिम्मेवारी, बिना रजिस्ट्रेशन के समय पर टीका, जांच व इलाज के लिए गांव-गांव में मोबाइल टीमों का गठन, पंचायत स्तर तक कोविड केयर सेंटर का गठन आदि मांगों पर घरों व कार्यालयों से प्रतिवाद किया जाएगा. यह प्रतिवाद पूरे देश में होगा और प्रधानमंत्री को स्मार पत्र भी सौंपा जाएगा. पूर्व सांसद ने कहा कि दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में लोग ऑक्सीजन के अभाव में तड़प तड़प कर मर रहे हैं.  उत्तरप्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, आंध्र सहित अन्य राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं जो देश मे दर्ज हो रही मौतों की संख्या में शामिल नही है. गांव-गांव में बड़ी संख्या में लोग सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित हैं लेकिन उनके बीच जांच के लिए कोई एजेंसी नही जा रही हैं. इस स्थिति ने पूरे देश को भय और आतंक में जीने को मजबूर कर दिया है. वहीं बीमारी को लेकर जो वैज्ञानिक जागरूकता और बचाव के प्रति जरूरी सोच का घोर अभाव है. इस कठिन दौर में आशा, रसोइया, आंगनबाड़ी आदि स्कीम वर्कर्स जो फ्रंट लाइन वर्कर्स के बतौर काम कर रही हैं, उनके लिए जरूरी सुरक्षा कीट और जरूरी वाहन की कोई व्यवस्था नही है. उन्हें जीने लायक सम्मानजनक मजदूरी देने के लिये भी केंद्र व राज्य सरकारें तैयार नही हैं. कुल मिलाकर पूरा देश हेल्थ इमरजेंसी के दौर से गुजर रहा है लेकिन  हमारा तंत्र बूत की तरह खड़ा है।सरकार से लेकर पूरा सिस्टम अपाहिज हो गया है. लगता है कि देश एक गहरे पालिसी पैरालिसिस का शिकार हो गया है। धीरेन्द्र झा ने कहा कि इस अभूतपूर्व त्रासदी के बीच ऑक्सीजन से लेकर दबाईयों की कालाबाजारी जारी है. चैतरफा तबाही के बीच जब देश का एक बड़ा तबका बेकारी, भूख-अर्द्ध भुखमरी का शिकार है ,महिलाएं और बच्चे कुपोषित हैं, मंहगाई की बढ़ती मार ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि कोविड के टीके की कमी को वह अविलंब दूर करे और युद्ध स्तर पर कार्रवाई में उतरे.,

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