विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 15 मई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 15 मई 2021

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 15 मई

कोरोना कर्फ्यु अब 31 तक प्रभावशील


vidisha news
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ पंकज जैन के द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत पूर्व प्रसारित आदेश में आंशिक संशोधन कर नवीन आदेश जारी किया है।  कलेक्टर डॉ जैन के द्वारा जिला क्राइसेस मैनजमेंट कमेटी के निर्णय अनुक्रम में जिले में प्रभावी कोरोना कर्फ्यु की अवधि अब 31 मई तक प्रभावशील रहने का आदेश जारी कर दिया गया है। गौरतलब हो कि पूर्व में 17 मई तक कोरोना कर्फ्यु प्रभावशील था जिसकी अवधि बढा कर अब 31 मई तक की गई है।  कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में उल्लेख है कि कोरोना कर्फ्यु अवधि 31 मई तक जिले में वैवाहिक, धार्मिक इत्यादि समस्त प्रकार के आयोजन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे। पूर्वानुसार केवल शव यात्रा में दस व्यक्तियों को सम्मिलित होने की अनुमति रहेगी।


’’प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसान भाईयों से आवेदन आमंत्रित’


प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत मिनि माइक्रो स्प्रिंकलर का लाभ लेने के इच्छुक किसानो से आवेदन आमंत्रित है। इस हेतु किसानों को उद्यानिकी विभाग के एमपीएफएसटीएस पोर्टल पर पंजीयन पश्चात आवेदन करना होगा।  जिसके पश्चात वे उक्त योजना का लाभ ले सकेंगे।  उप संचालक, उद्यानिकी से प्राप्त जानकारी अनुसार इस योजना का लाभ लेने हेतु कृषक के नाम से कृषि भूमि होना व विगत 07 वर्षो में इस योजना से लाभान्वित नही होना जरूरी है। पात्र किसानो को इस योजना अंतर्गत न्यूनतम 0.400 से अधिकतम 5.000 हेक्टेयर तक लाभ दिया जायेगा। योजनांतर्गत कृषक को उचिजे चवतजंस पर ऑनलाईन पंजीयन एवं आवेदन कराना आवश्यक होगा। आवेदन के साथ स्वयं के द्वारा चयनित कंपनी के खाते में अपनी अंशराशि  स्वयं के बैंक खाते से जमा होने के प्रमाण स्वरूप बैंक पासबुक की प्रथम पृष्ठ एवं अंतरण की इन्ट्री वाले पृष्ठ को पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक होगा। तत्पश्चात आवेदन मान्य हो सकेगा। निर्धारित लागत का लघु सीमांत कृषकों को 55 प्रतिशत एवं बड़े कृषकों को 45 प्रतिशत अनुदान सहायता दी जायेगी।


’ग्रीष्म कालीन फसलों हेतु सलाह’


ग्रीष्मकालीन अवस्था में तापमान के अनुसार फसल को आवश्यकता होने पर सिंचाई करें। गन्ने की फसल में निंदाई-गुडाई करें। जिससे खरपतवार नियंत्रण एवं नमी संरक्षण हो सके। ग्रीष्मकालीन मूंग व उडद फसल में उचित समय पर सिंचाई करें। जिससे नमी बनी रहे तथा बढते तापक्रम का फसल पर कम से कम प्रभाव पडे।  उप संचालक कृषि ने बताया कि फसल पर रसचूसक कीट का प्रकोप दिखाई देने पर डायमिथोएट 30 ई.सी. 2 मि.ली.ध्ली. या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 0.2 मि.ली.ध्ली. पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। फसल गहाई के उपरांत उत्पाद को उचित नमी तक धूप में सुखायें। तत्पश्चात भण्डार गृह को साफ करके उसमें भण्डारित करें। फसल कटाई उपरांत खेत में उचित नमी हो तो जुताई करें। गेहू की कटाई के उपरांत नरवाई न जलाये। पूर्व में बोयी गयी फसलों के अवशेषों को खेत से बाहर करें जिससे कि बीमारी एवं रोगों की रोकथाम हो सके। खरीफ में जिन फसलों को बुवाई करनी हो उनकी उन्नतशील किस्मों के प्रमाणित बीज की व्यवस्था जरूर कर लें।

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