विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 01 जुलाई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 1 जुलाई 2021

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 01 जुलाई

सीएमएचओ का प्रभार डॉ खरे को


कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने सीएमएचओ का दायित्व सिविल सर्जन डॉ संजय खरे को सौंपने का आदेश जारी कर दिया है। गौरतलब हो कि पूर्व सीएमएचओ डॉ केएस अहिरवार तीस जून को सेवानिवृत्त हुए है। 


डाक्टर्स डे पर पौधरोपण कर स्मरणीय बनाया 


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आज डाक्टर्स डे के उपलक्ष्य पर विदिशा के अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। डॉक्टर्स डे को स्मरणीय बनाए रखने हेतु मेडिकल कॉलेज के परिसर में पौधरोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था।  कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने अपनी बेबी पंखुडी के साथ पहुंचकर पौधरोपण कार्य में सहभागिता निभाई है इस अवसर पर मेडीकल कॉलेज के डीन डॉ सुनील नंदेश्वर, सिविल सर्जन व सीएमएचओ डॉ संजय खरे के अलावा डा केएस अहिरवार समेत अन्य चिकित्सकों तथा इंडियन मेडिकल एसोशिएशन की विदिशा ब्रांच के पदाधिकारीगणों ने भी पौधरोपण में सहभागिता निभाई है।  डाक्टर्स डे पर मेडिकल कॉलेज के लेक्चरॉर हाल में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने कहा कि मानव सेवा के क्षेत्र में चिकित्सकों के योगदान को भुलाया नही जा सकता है। चिकित्सक कभी भी सेवानिवृत्त नही होते है। रोगोपचार के क्षेत्र में चिकित्सकों के सुझावों पर अमल कर हम स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में नवाचारो की ओर अग्रसर हो सकते है। कलेक्टर ने चिकित्सकों से आव्हान किया कि स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में इसी प्रकार अपना योगदान देते रहे। उन्होंने सभी चिकित्सकों सहित अन्य को डाक्टर्स डे की शुभकामनाएं व्यक्त की है। कार्यक्रम को मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ सुनील नंदेश्वर, एमडी डॉ डीडी परमहंस, डा केएस अहिरवार, डॉ संजय खरे समेत अन्य चिकित्सकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए है। 


दो मिनिट का मौनधारण कर श्रद्धांजलि अर्पित 


आज डाक्टर्स डे के उपलक्ष्य पर विदिशा के अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में कार्यक्रम आयोजन किया गया था यहां चिकित्सा क्षेत्र में अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए कोरोना काल अवधि में जिन डाक्टरों  का निधन हो गया था। उन सबके प्रति दो मिनिट का मौन धारण कर श्रद्धांजलियां अर्पित की गई है। 


चिकित्सक सम्मानित हुए 


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आज डाक्टर्स डे के उपलक्ष्य पर चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय ख्याति अर्जित करने वाले तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति पूरी तन्मयता के साथ अपनी सेवाएं देने वाले उत्कृष्ट कार्यो का सम्पादन करने वाले चिकित्सकों का आज सम्मान किया गया है।  अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के लेक्चरॉर हाल में आयोजित कार्यक्रम इंडियन मेडिकल एसोशिएशन के बैनर तले सम्पन्न हुए उक्त कार्यक्रम में सेवानिवृत्त हुए चिकित्सक डॉ केएस अहिरवार, जिला टीकाकरण अधिकारी, डॉ डीके शर्मा सहित अन्य चिकित्सक सम्मानित हुए है। सम्मान समारोह कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ सुनील नंदेश्वर, एमडी डॉ डीडी परमहंस, सिविल सर्जन डॉ संजय खरे समेत मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय के अलावा प्रायवेट चिकित्सगण मौजूद रहें। 


सफलता की कहानी : कोरोना के दोनो सत्रो में एक भी दिन अवकाश नही लेने का रिकार्ड बनाया 

  • प्रेरणादायी स्त्रोत सीएमएचओ तीस को सेवानिवृत्त हुए

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विदिशा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार तीस जून को सेवानिवृत्त हुए है। उन्होंने अपना सर्विस का सेवाकाल स्वास्थ्य उन्नयन के क्षेत्र में व्यतीत किया है। विदिशा जिले में पदस्थ रहे डा केएस अहिरवार का मानना है कि डा कभी सेवानिवृत्त नहीं होते है जब मेरी जरूरत पडे़गी तब मैं अपनी सेवाएं देने के लिए तत्पर रहूंगा।  सीएमएचओ का प्रभार लेने के उपरांत डॉ केएस अहिरवार ने पिछले तीन वर्षो से एक भी अवकाश नही लिया है जो सेवानिवृत्ति के अंतिम दौर में अपने आप में एक रिकार्ड है। कोरोना के संकटकाल में चौबीस घंटे अपने आप को स्वास्थ्य सेवाओं में झोकतें हुए ना वे कभी बीमार हुए ना कभी अपने खाने पीने की चिंता की। कलेक्टर स्वंय डॉक्टर है अतः उनके स्वास्थ्य इशारो का त्वरित समझते हुए उन असंभव कार्यो को अविलम्ब मूर्तरूप दिया है। जिनके लिए पत्राचार करने के उपरांत भी महीनो इंतजार करना पडता है। कोरोना काल में उनके प्रबंधनों से प्रभावित होकर स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा उन्हें पुरस्कृत किया गया है।  विदिशा की अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में कोरोना के संक्रमितों के इलाज हेतु किए गए नवाचारो की प्रशंसा राज्य स्तर पर भी हुई है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन के निर्देशो पर कार्यो को मूर्तरूप देकर जिले को कोरोना के संक्रमण से बचाव में किए जाने वाले प्रबंधो खासकर मरीजो का त्वरित उपचार, होम आइसोलेशन में रहने वालो मरीजो से चिकित्सकों के जीवंत सम्पर्क की शुरूआत विदिशा जिले से की गई है जिसे बाद में प्रदेश स्तर पर भी लागू किया गया है।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार के सार्थक प्रयासो से जिले में अब 45 स्थलों पर  डिलेवरी हो रही है जो पहले मात्र 22 स्थानो पर होती थी वहीं उप स्वास्थ्य केन्द्र भी अब 206 हो गए है जो पहले 146 थे। जिले में लगातार स्वास्थ्य गतिविधियों के प्रतीक बने डा केएस अहिरवार का कहना है कि चिकित्सक अपनी सेवाएं समय पर दें ताकि मरीज ही नहीं बल्कि उनके परिजनों के विश्वास पर खरे उतरें। उन्होंने बताया कि 14 सितम्बर 1984 में चिकित्सा अधिकारी के रूप में सेवाएं देना शुरू किया। पूरे सर्विस काल में रीवा बैतूल एवं विदिशा जिले में विभिन्न पदो पर पदस्थ रहकर जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की ओर अग्रसर होने के सफल मुकामो को हासिल किया हूं।


सेवानिवृत्ति पर भावभीनी विदाई 


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विदिशा जिला मुख्यालय पर तीस जून को सेवानिवृत्त हुए अधिकारी, कर्मचारियों को भावभीनी विदाई दी गई है। तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार की सेवानिवृत्ति पर उन्हें जवाहर लाल नेहरू नर्सिंग ट्रेनिंग सेन्टर में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने कोरोनाकाल में डॉ अहिरवार के द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यो तथा व्यवस्थापन संबंधी प्रबंधो पर गहन प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा है कि चिकित्सक कभी सेवानिवृत्त नही होते है।  जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नीतू माथुर ने कहा कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री अहिरवार अपने मधुर व्यवहार और अधीनस्थ अमले से शासकीय कार्यो के संपादन कराने में निपुण थे। उन्होंने कभी भी किसी भी शासकीय कार्य के लिए मनाही नही की। नियमों की अडचन आने पर उसकी जानकारी पृथक से दी है।  सेवानिवृत्त हुए डॉ केएस अहिरवार ने अपने सेवाकाल के संस्मरणों को सांझा किया इससे पहले विभाग के अन्य चिकित्सकों ने अपने अनुभव से डॉ अहिरवार के कार्यो के प्रति लगन और संपादन के लिए कृत संकल्पिता को रेखांकित किया है। समारोह में डाक्टर अहिरवार को शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंटकर उनके दीघार्य और स्वस्थवर्धक बने रहने की कामनाएं की है।  कलेक्ट्रेट कार्यालय के अधीक्षक श्री जेएस गौर तथा कलेक्ट्रेट में पदस्थ रहे सहायक ग्रेड-दो श्री ब्रजेश शर्मा भी तीस जून को सेवानिवृत्त हुए है। उक्त दोने कर्मचारियों को भी भावभीनी विदाई कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में आयोजित की गई थी। सेवानिवृत्त होने वाले दोनो कर्मचारियों का कलेक्ट्रेट की विभिन्न शाखाओं के प्रभारियों द्वारा फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया है।  कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने कहा कि सेवानिवृत्त होना शासकीय प्रक्रिया का एक अंग है। उन्होंने दोनो की दीघार्य और स्वस्थवर्धक बने रहने की कामनाएं व्यक्त की है। विदाई समारोह कार्यकम का संचालन नाजिर श्री उदय सिंह हजारी ने किया। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर श्रीमती अमृता गर्ग समेत कलेक्ट्रेट की विभिन्न शाखाओं के कर्मचारी मौजूद रहें।  


अधीक्षक का प्रभार पैठारे को 


कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने आदेश जारी कर कलेक्ट्रेट कार्यालय के अधीक्षक का प्रभार श्री बीएस पैठारे को सौंपा गया है। गौरतलब हो कि 30 जून को कलेक्ट्रेट के अधीक्षक श्री जीएस गौर सेवानिवृत्त हुए है। सहायक अधीक्षक श्री पैठारे को अधीक्षक का दायित्व सौंपा गया है। 


21 शस्त्र लायसेंस निरस्त 


कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ पंकज जैन ने लटेरी अनुविभाग क्षेत्र के ग्राम मलनिया, वीरपुरकलां एवं अमीनपुर के 21 बंदूक लायसेंस को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। जिसमें मुख्य रूप से दो नाल देशीभरमार, एक नाल देशी भरमार, 315 बोर रायफल, दो नाल 12 बोर बंदूक हेतु जारी लायसेंस निलंबित करने की कार्यवाही की गई है।    कलेक्टर डॉ जैन ने लटेरी एसडीएम श्री तन्मय वर्मा के प्रतिवेदन पर तथा संबंधित थाना प्रभारी के अभ्यावेदन पर ग्राम बूढाखेडा गबरू में वन भूमि के अतिक्रमण को लेकर आपसी विवाद होने के कारण उसे दृष्टिगत रखते हुए तीन ग्राम क्रमशः मलनिया, वीरपुरकलां तथा अमीनपुर ग्राम क्षेत्र के 21 बंदूक लायसेंसधारियों के लायसेंस निरस्त कर शस्त्रो को तत्काल संबंधी थाना में जप्त कराकर सुर्पुद में रखने के निर्देश जारी किए है।  कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ पंकज जैन ने पूर्व उल्लेखित तीनो ग्रामो में लोक शांति व्यवस्था बनाए रखने को दृष्टिगत रखते हुए आयुध अधिनियम की धाराओं में वर्णित प्रावधानो के तहत शस्त्र अनुज्ञप्तियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है उनमें ग्राम अमीनपुर के अब्दुल गनी पिता सरवर खां को जारी शस़्त्रों के लायसेंस तथा  अनीस खां पिता अब्दुल गनी,  ग्राम वीरपुर कलां के अकबर पिता अब्दुल मजीद, धनजी पिता जुगरा हरिजन,  इमाम खां पिता गुलिसन शाह और मांगीलाल पिता उमराव सिंह का लायसेंस निरस्त किया गया है।  इसी प्रकार ग्राम मलनिया में जिन शस्त्रधारियों के लायसेंस निरस्त किए गए है उनमें  मजीद खां पिता मोहम्मद खां, जहूर खां पिता सुभान खां,  चांद खां पिता अब्दुल रहमान, दिलदार पिता सरवर खां, अकबर पिता मोहम्मद खां, सईद मोहम्मद पिता गुलहसन मोहम्मद, बली मोहम्मद पिता असीमउल्ला, अल्लाउद्धीन पिता जब्बार खां, सोहरत अली पिता फिदा मोहम्मद, रईस खां पिता उल्लादीन, दिलावर पिता फिदा मोहम्मद, नसीम खां पिता हनीफ खां, सौरत खां पिता गनी खां और राशिद खां पिता अल्लादीन खां शामिल है। 


’अब आशा सहयोगी आशा पर्यपेक्षक कहलाएंगी’

  • ’अब आशा सहयोगी आशा पर्यवेक्षक के पदनाम से जानी जाएंगी’

मिशन संचालक, एन.एच.एम.मध्यप्रदेश श्रीमती छवि भारद्वाज ने इस संबंध में निर्देश जारी किए है। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये कार्यों व मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं सहयोगी मार्गदर्शन के लिये आशा सहयोगी 10 से 12 आशाओं के क्षेत्र में कार्यरत है तथा आशाओं के कार्यों का समग्र रूप से पर्यवेक्षण करती है। उक्त के दृष्टिगत आशा सहयोगी के नाम में परिवर्तन कर आशा पर्यवेक्षक (आशा सुपरवाईजर ) किया गया है।


’नवीन पशुधन बीमा योजनांतर्गत बीमा कराने की अपील’ 


पशुपालक अपने पशुधन का बीमा करायें। राष्ट्रीय पशुधन मिशन अंतर्गत नवीन पशुधन बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना में पशुपालकों को पशु की मृत्यु होने पर हुई आर्थिक हानि में राहत मिलती है। योजना में समस्त पशुधन जैसे गाय, भैंस, घोड़ा, बकरी आदि को शामिल किया गया है। योजनांतर्गत प्रति परिवार अधिकतम पांच पशुओं का बीमा करा सकते हैं। बीमे की अधिकतम राशि 55 हजार रूपये तक हो सकती है तथा प्रीमियम दर एक वर्ष के लिए 2.92 प्रतिशत है जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत अनुदान तथा बीपीएल, एससी, एसटी के लिए 70 प्रतिशत अनुदान शासन द्वारा दिया जाता है। पशुपालक अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम पशु चिकित्सालय प्रभारी से संपर्क कर सकते हैं। 


इग्नू में प्रवेश हेतु  15 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन 


इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, द्वारा संचालित लगभग 256 से अधिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है । आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किए जायेंगे । जिसकी अंतिम तिथि 15 जुलाई है । प्रवेश से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए इग्नू की ई-मेल तबइीवचंसध्पहदवनण्ंबण्पद पर संपर्क किया जा सकता है। इग्नू में सभी स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम मसलन कला, वाणिज्य एवं विज्ञान विषयों में स्नातक, बीएसडब्लू, एम.एस. डब्लू, एम.कॉम आदि पाठ्यक्रम मे प्रवेश लिया जा सकता है । अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से क्षेत्र में रह रहें 10़2 उतीर्ण विद्यार्थी एवं महाविद्यालय के अध्ययनरत विद्यार्थी इग्नू द्वारा संचालित पाठ्यक्रम जैसे मानवाधिकार, पर्यावरण, उपभोक्ता संरक्षण, मार्गदर्शन, व्यवहारिक अंग्रेजी, अंग्रेजी में अध्यापन, में प्रवेश प्राप्त कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । साथ ही विभिन्न प्रकार की रोजगार विधाओं में पारंगत हो सकते हैं । इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ऐसे विद्यार्थियों को भी उच्च शिक्षा से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है जिन्होंनें 10 वी या 12 वी की औपचारिक परीक्षा उत्तीर्ण न की हो । 

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