चलो जाग रहे है मसीही समाज का नेतृत्व करने वाले पादरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 31 जुलाई 2021

चलो जाग रहे है मसीही समाज का नेतृत्व करने वाले पादरी

christian-and-father
दिल्ली. ईसाई समुदाय के बीच में ही द्वंद है.यहां पर याजक और अयाजक खेमे में विभक्त हैं.इनके द्वारा राजनीति में भागीदारी की मांग की जाती है.अगर याजक लोग राजनीतिक मंच पर आने का प्रयास करते हैं तो अयाजक लोग याजक लोगों को पीछे ढकेलने का प्रयास करना शुरू कर देते हैं.ठीक इसी तरह याजक लोगों के द्वारा भी किया जाता है. हुआ यह कि उत्तराखंड के मसीही समाज दिल्ली में आकर कांग्रेस मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया.उनका कहना है कि मसीही समाज ने ठाना है लोकसभा और विधान सभा में जाना है.अब हम पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग के पदाधिकारी बनकर रहना नहीं जाते हैं.मसीही समाज को कम से कम 15 सीट मिले ताकि चुनावी जंग में फतह कर सके.हम मसीही समाज प्रदेश की राजनीति में अपनी हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं.अगर ऐसा नहीं किया गया तो हमलोग कहते हैं कि यह तो अंगराई है बाकी शेष लड़ाई है. मसीही समाज के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया,तो हम उनके केवल वोटर बनकर रहना नहीं चाहते है.हम वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में राजनैतिक दल बना लेंगे. इसको लेकर सोशल मीडिया में बतकही शुरू है. क्या धर्मगुरु धार्मिकता छोड़ राजनीति करेंगे? फिर धार्मिक कार्य कौन करेगा? अयाजक वर्ग क्या करेगा? धार्मिक कार्य?धर्म गुरुओं को चाहिये कि वे राजनीति के लिये स्वयं के बजाय अयाजक वर्ग को तैयार करें.अगर उन्हें राजनीति में जाने का शौक हो गया है,तो वे धर्मगुरु क्यों बने? कई धर्मगुरुओं को आजकल धार्मिक कार्यों के बजाय राजनीति करने का चस्का लग गया है.यही वजह है कि हमारी धार्मिकता दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है.

कोई टिप्पणी नहीं: