विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 07 जुलाई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 7 जुलाई 2021

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 07 जुलाई

आज कोविशील्ड के दोनो डोज तथा को-वैक्सीन का द्वितीय डोज का टीकाकरण 

कोविड 19 टीकाकरण के अंतर्गत जिले के सभी विकासखण्डो में गुरूवार आठ जुलाई को टीकाकरण कार्य किया जाएगा। इसके लिए कोविशील्ड वैक्सीन के प्रथम एवं द्वितीय डोज लगाए जाएंगे जबकि को-वैक्सीन का केवल द्वितीय डोज का टीकाकरण कार्य किया जाएगा। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ डीके शर्मा ने बताया कि दोनो प्रकार की वैक्सीन के पात्र हितग्राही अपने नजदीक के टीकाकरण केन्द्र पर स्वंय का आधार कार्ड एवं वोटर आईडी कार्ड सहित उपस्थित हो ताकि कोविड 19 के प्रोटोकाल अनुसार टीकाकरण कार्य सम्पादित हो सकें। गौरतलब हो कि कोविशील्ड का द्वितीय डोज प्रथम डोज के 84 दिन उपरांत जबकि को-वैक्सीन का द्वितीय डोज प्रथम टीकाकरण के 28 दिन पश्चात लगाया जाएगा। 


नए खसरे के प्रारूप नियमों से अवगत हुए , क्रियान्वित योजनाओं का प्रदर्शन फ्लैक्स के माध्यम से करें

  • कालोनाइजरों के लिए नियमों से अवगत कराने हेतु शिविर आयोजित करें, राजस्व कार्यो की समीक्षा 

vidisha news
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने बुधवार राजस्व कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने समस्त राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए है कि अपने-अपने कार्यालय में क्रियान्वित योजनाओं का प्रदर्शन फ्लैक्स के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित करें ताकि कार्यालय में आने वाले आमजन सुगमता से यह जान सकें कि वे इस योजना के तहत पात्र है और उसका लाभ लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया व संलग्न किए जाने वाले दस्तावेंज कौन-कौन से है। कलेक्टर डॉ जैन ने विदिशा, बासौदा एवं सिरोंज निकाय क्षेत्रों में अवैध कालोनियों पर अंकुश लगाने के लिए उन्होंने कालोनाइजरों हेतु कालोनी आवास निर्माण हेतु शासन स्तर से निर्धारित नियमों से अवगत कराने हेतु कालोनाइजरों के लिए विशेष शिविर आयोजित कर उन्हें वैध कालोनी के लिए किन-किन दस्तावेंजो पर मान्यता दी जाएगी साथ ही कालोनाइजर अपने लिए लायसेंस प्राप्त करता है तो उसके लिए पूर्ण पारदर्शिता का पालन सुनिश्चित किया जाए और निर्धारित शुल्क जमा कराने के उपरांत कालोनाइजरों को लायसेंस प्रदाय करने में विलम्ब ना हो। कलेक्टर डॉ जैन ने संबंधित एसडीएमों से कहा कि वे नगरपालिका के प्रशासक भी है अतः आगामी एक माह के अंदर तीनो निकाय क्षेत्रो में कालोनाइजरों को प्रशिक्षित करने व शासन के नियमों से भलीभांति अवगत कराने के उद्धेश्य से शिविर अनिवार्यतः आयोजित कर उन्हें उक्त शिविरों में शामिल होने हेतु अभिप्रेरित करें। कलेक्टर  डॉ जैन ने राजस्व अधिकारियों से कहा कि गिरदावरी का सत्यापन समय पर करना सुनिश्चित करें ताकि समर्थन मूल्य पर विक्रय की जाने वाली फसलों के सत्यापन कार्य के दौरान त्रुटियां परलिक्षित ना हो। अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने इस बैठक में बताया कि अब नए खसरे के प्रारूप में समुचित जानकारियां अंकित की जानी है और यह कार्य पूरे देश में एक अपै्रल से प्रभावशील हो गया है नए प्रारूप में खसरे दर्ज करने का मुख्य फायदा यह होगा कि कोई भी व्यक्ति भारत देश के किसी भी स्थान पर अपने खसरा की जानकारी प्राप्त कर सकेगा। पहले खसरा क्रमांक लिखा जाता था किन्तु अब इसमें भूमि का क्रमांक अंकित किया जाएगा। इससे किसी भी प्रकार की त्रुटियां होने की संभावना नही होगी। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने समस्त एसडीएमों को निर्देश दिए है कि उनके कार्यक्षेत्रो में कुल कितनी कालोनियां है इसमें से कुल कितनी वैध, अवैध है कि जानकारी निकाय व ग्रामीण स्तर पर पृथक-पृथक संकलित कर सूचीबद्ध करें। वैध कालोनियों की जानकारी सार्वजनिक स्थलों के अलावा कार्यालय में फ्लैक्स के माध्यम से प्रदर्शित की जाए ताकि खरीददार फरेब से बच सकें। कलेक्टर डॉ जैन ने बेव जीआईएस पोर्टल पर जानकारियां दर्ज करने के संबंध में भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने राजस्व अधिकारियों को सामान्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के संबंध में भी आवश्यक मार्गदर्शन दिया है जिसमें उन्होंने मुख्य रूप से कोविड 19 वैक्सीन टीकाकरण कार्य के क्रियान्वयन संबंध में कहा कि प्रत्येक सत्र स्थल पर मतदान केन्द्र स्तर की व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो। टीकाकरण हेतु आने वाले व्यक्ति को छांव व पेयजल के भी प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि किस हितग्राही को टीकाकरण किया जा रहा है उसे इस बात की जानकारी दी जाए कि कौन से वैक्सीन का टीकाकरण किया गया है। यह जानकारी स्लिप देकर की जाए। कलेक्टर डॉ जैन ने स्पष्ट निर्देश दिए है प्रत्येक टीकाकरण सत्र स्थल पर प्रदाय की गई वैक्सीन का उपयोग अधिकतम तीन घंटे के अंदर पूर्ण करें ताकि अंतिम एक घंटे में फीजिकली वर्क पूर्ण कर टीकाकरण की जानकारी वेब पोर्टल पर अपडेट हो सकें। प्रत्येक टीकाकरण सत्र स्थल पर अधिकतम सायं चार बजे तक सम्पूर्ण कार्यवाही पूर्ण करेंगे। कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि जिले में अभी तक एक भी पंचायत ऐसी नही है जिसमें प्रथम डोज शत प्रतिशत हितग्राहियों को लगाया जा चुका हो अतः इसके लिए शहरी क्षेत्र में वार्ड का चिन्हांकन करें और ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत का। ताकि आगामी एक दो दिवस के भीतर यह उल्लेख हो सकें की अमूक वार्ड व पंचायत के हितग्राहियों को शत प्रतिशत टीकाकरण कार्य किया जा चुका है। कलेक्टर डॉ जैन ने बताया कि जिन स्थलों पर द्वितीय डोज का टीकाकरण कार्य किया जाना है यदि निर्धारित समयावधि तक हितग्राही उपस्थित नही होते है तो प्रथम डोज के पात्र हितग्राहियों का टीकाकरण कार्य किया जाए। उपरोक्त समस्त वैक्सीनेशन कार्य सायं चार बजे तक पूर्ण कर लिया जाए। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने समस्त एसडीएमों को निर्देश दिए है वन भूमि पर जिन व्यक्तियों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है यदि उनके पास शस्त्र लायसेंस नही होना चाहिए यदि अभी तक किसी एसडीएम के द्वारा निलंबन के प्रस्ताव नही भेजे गए है तो अविलम्ब प्रस्ताव जिला कार्यालय को उपलब्ध कराए। राजस्व अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा बैठक में जिन बिन्दुओं पर समीक्षा की गई है उनमें मुख्य रूप से कालोनी विकास, आयुक्त, पीआरसी, पीएस, सीएलआर के द्वारा जारी निर्देशो के परिपालन में की गई कार्यवाही, राजस्व वसूली, राजस्व प्रकरणों की समीक्षा, सीएम हेल्पलाइन एवं लोक सेवा गारंटी, आबादी सर्वेक्षण, भू-अभिलेख संबंधी कार्यो की समीक्षा के अलावा वन भूमि से अतिक्रमण हटाना, भू-अर्जन, अनुविभागीय अधिकारियो द्वारा विकास कार्यो की कि गई समीक्षा उपरांत पालन प्रतिवेदन पर, उपार्जन कार्यो में फसल सत्यापन, अनियमितता तथा वैक्सीनेशन प्लांट और राजस्व विभाग के अंतर्गत विभागीय जांच, निलंबन तथा दण्ड इत्यादि बिन्दुओं पर समीक्षा की गई है। नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह के अलावा समस्त एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख मौजूद थे। 


विद्युत वितरण केन्द्र स्थलो पर शिविरों का आयोजन 


विद्युत बिलो की समस्याओं के  निराकरण हेतु जोन, वितरण केन्द्र पर शिविरों का आयोजन किया गया है कि जानकारी देते विद्युत वितरण कंपनी संभाग विदिशा के उप महाप्रबंधक श्री अवधेश त्रिपाठी ने बताया कि राज्य सरकार एवं मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के वरिष्ठ प्रबंधन के निर्देशानुसार विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण हेतु शिविरों का आयोजन किया गया है। उप महाप्रबंधक श्री त्रिपाठी ने बताया कि शिविर आयोजन की पूर्व जारी कार्यक्रम में आंशिक संशोधन किया गया है इसके अनुसार अब विदिशा शहर जोन दो एवं मिर्जापुर विद्युत वितरण केन्द्र में आठ जुलाई को विदिशा शहर जोन एक एवं विदिशा ग्रामीण विद्युत वितरण केन्द्र में नौ जुलाई को शिविर आयोजित किए गए है।  इसी प्रकार शमशाबाद वितरण केन्द्र में 12 जुलाई को,ग्यारसपुर में विद्युत वितरण केन्द्र में 13 जुलाई को तथा नटेरन विद्युत वितरण केन्द्र में 14 जुलाई को समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया है। विद्युत उपभोक्ताओं से आग्रह किया गया है कि वे अपनी समस्याओं के निराकरण हेतु निर्धारित तिथियों में कार्यालयीन समय प्रातः 11 बजे से सायं पांच बजे तक संबंधित वितरण केन्द्र में उपस्थित होकर अपनी समस्याओं का निराकरण करा सकते है। ऊर्जा विभाग के उप महाप्रबंधक श्री अवधेश त्रिपाठी ने बताया कि शिविर में शामिल होने वाले उपभोक्ताओं को अपनी समस्याओं के निराकरण हेतु सम्पर्क करें जिसमें राजस्व वसूली, बिजली बिल संबंधी शिकायते, जिसके अंतर्गत समय पर बिल वितरण नही होना अधिक राशि का बिल, गलत बिल जारी होना, ऑन लाइन बिल जनरेट नही होना व ऑनलाइन पेमेंट अपडेट नही होना इसके अलावा मीटर संबंधी शिकायतो के निराकरण हेतु भी सम्पर्क किया जा सकता है जिसके अंतर्गत समय पर रीडिंग नही ली गई, गलत रीडिंग, देरी से रीडिंग होना इत्यादि शामिल है। उक्त शिविरो में ट्रांसफार्मर संबंधी विद्युत प्रदाय संबंधी एवं नवीन विद्युत संबंधी आवेदनों को भी प्राप्त किया जाएगा। प्रत्येक शिविर में कोविड 19 के परिपेक्ष्य में जारी गाइड लाइन व सुरक्षा नियमों का पालन कराया जाना सुनिश्चित हो के भी निर्देश प्रसारित किए गए है। 


आज पेंशन के 90 प्रकरणों में पीपीओ वितरित किया जाएगा


कलेक्टर डॉ पंकज जैन की विशेष पहल पर जिले में एक सप्ताह से भी कम की अवधि में पेंशन के  90 प्रकरणो का निराकरण किया गया है। सेवानिवृत्त के अलावा शासकीय सेवा के दौरान मृत हुए शासकीय कर्मचारियों के परिजनों को पेंशन स्वीकृति के आदेश पीपीओ का वितरण कलेक्टर स्वंय गुरूवार आठ जुलाई की सांय पांच बजे से नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में करेंगे।अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह स्वंय पेश्ांन प्रकरणों की मानिटरिंग कर रहे है। उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अलावा शासकीय सेवा अवधि में मृत होने वाले कर्मचारियों के परिजनों को समय अवधि में पेंशन राशि की प्राप्ति हो सके इसके लिए जिले में विशेष अभियान संचालित किया गया था।  शासकीय कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका के संधारण में त्रुटियों का निदान विशेष अभियान संचालित किया गया है। परिणाम स्वरूप जिला पेंशन कार्यालय में पेंशन प्रकरणों के निराकरण में मदद मिली है। जिला पेंशन अधिकारी श्री उमेश श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में कुल 104 प्रकरणों में पीपीओ जारी किए जाने है जिसमें से 90 प्रकरण में कार्यवाही पूर्ण कर संबंधितों को पीपीओ वितरित करने का कार्य आज गुरूवार को सम्पन्न होगा। जिला पेंशन अधिकारी श्री श्रीवास्तव ने बताया कि शेष प्रकरण संबंधित कार्यालयों स्तर पर लंबित होने के कारण निराकरण नहीं किए जा सकें है। ततसंबंध में उन विभागो के जिला अधिकारियों से पत्राचार कर आवश्यक दस्तावेंज पेंशन कार्यालय को उपलब्ध कराने हेतु सूचित किया गया है ताकि पेंशन प्रकरण स्वीकृति की कार्यवाही शीघ्र पूरी हो सकें। 


’मध्य क्षेत्र कंपनी कार्मिकों को मिलेगी सोलर रूफटाप प्लांट लगवाने की सुविधा’


मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल के अनंतिम रूप से मध्य क्षेत्र कंपनी के ऐसे कार्मिक जो अपने स्वयं, पति, पत्नि अथवा अभिभावक के घर पर सोलर रूफटॉप प्लांट लगाना चाहते हैं, उस खर्च की राशि प्रारंभ में कंपनी द्वारा वहन की जाएगी। इसमें से 50 प्रतिशत राशि कंपनी द्वारा कार्मिक के वेतन से 12 समान किश्तों में वसूली जाएगी। यदि किसी कार्मिक की सेवा अवधि 12 माह से कम है, तो उन कार्मिकों के लिए मासिक किश्त की राशि तदानुसार निर्धारित की जाएगी। कंपनी में वर्तमान में चल रही सोलर रूफटाप योजना के अंतर्गत अधिकतम 3 किलोवाट तक का सोलर रूफटाप प्लांट स्थापित किया जा सकता है। गौरतलब है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत कार्मिकों के लिए पूर्व में जारी योजना जिसके तहत नियमित कार्मिकों के बिजली बिल में नियत प्रभार, ऊर्जा प्रभार एवं एफसीए चार्ज में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाती थी, इसे 31 मार्च 2021 से समाप्त कर दिया गया है। इसके विकल्प के तौर पर अब कार्मिकों के लिए सोलर रूफटाप प्रोत्साहन योजना जारी की गई है। इसी प्रकार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ऐसे नियमित कर्मचारी जो कंपनी कैडर, सोसायटी और स्थाई कर्मी हैं, जिन्हें वर्तमान में उनके बिजली बिल में ऊर्जा प्रभार में कोई छूट का प्रावधान नहीं हैं, वे भी अपने स्वयं अथवा पतिध्पत्नि के घर पर अधिकतम 3 किलोवाट तक का सोलर रूफटाप प्लांट लगवा सकते हैं। इसके लिए कंपनी द्वारा वर्तमान में चल रही सोलर रूफटाप योजना के अंतर्गत सोलर रूफटाप की स्थापना पर होने वाला खर्च कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा। इस राशि को 12 समान किश्तों में कर्मचारी से जमा करवाया जाएगा। ऐसे कार्मिक जो 12 माह से पहले सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उनके मासिक किश्तों का निर्धारण अलग से किया जाएगा। कंपनी ने कहा है कि इच्छुक कार्मिक जो सोलर रूफटाप प्लांट लगवाना चाहते हैं, वे पोर्टल https://rooftop.mpcz.in/uwp_rooftop पर जाकर 31 जुलाई 2021 के पूर्व आवेदन कर सकते हैं। योजना के संबंध में विवरण एवं फार्म कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। योजना के संबंध में किसी भी जानकारी के लिए मुख्य महाप्रबंधक (वाणिज्य) अथवा उप मुख्य महाप्रबंधक (शहरी परियोजना) अथवा नजदीकी बिजली वितरण कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।


वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारियां एवं उनके बचाव के उपाय


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि वर्षा ऋतु में मुख्य रूप से दूषित जल के उपयोग के कारण होने वाली बीमारियां ही प्रमुख रूप से देखी जाती है। दूषित जल के सेवन से टाइफाईड पीलिया, डायरिया, पैचिश एवं हैजा जैसी बीमारियां भी फैलती हैं। अतः भोजन बनाने में एवं पेयजल के रूप में शुद्ध उबला हुआ जल का उपयोग करें। कुछ भी खाने के पहले व शौच के पश्चात साबुन से अवश्य हाथ धोयें। देश में जलजनित रोगों से सबसे अधिक यानि लगभग 80 प्रतिशत मौतें होती हैं। बारिश में यह समस्या बढ़ जाती है। पानी और अस्वच्छ आदतों से फैलने वाली बीमारियों को मौटे तौर पर दस्त/कृमि संक्रमण/त्वचा और आंखों के रोग/मच्छरों एवं मक्खियों से फैलने वाले रोग सम्मिलित हैं।


दस्त रोग

दूषित पानी के कारण प्रायः दस्त रोग फैलता है। मुख्य रूप से बच्चों में यह अधिक गंभीर रूप धारण कर सकता है। यह रोग इसलिये भी गंभीर है क्योकि शरीर में से पानी निकल जाने से बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। दस्त रोग की रोकथाम हेतु प्रायः शुद्ध पेयजल एवं शुद्ध भोजन का उपयोग करें। सड़े-गले फल एवं खाद्य पदार्थो का उपयोग ना करें, खाना खाने से पहले एवं शौच के बाद साबुन से अवश्य हाथ धोयें, खुले शौच न करें, शौचालय का उपयोग करें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें, दस्त लग जाने पर ओ.आर.एस. एवं जिंक सल्फेट गोली का उपयोग चिकित्सक की सलाह अनुसार करें। खाने-पीने की वस्तुओं को ढंक कर रखें, मक्खियों से बचाव करें, हरी सब्जी एवं फलों को उपयोग करने के पहले साफ पानी धोकर उपयोग करें।


आंखों का रोग

मानसून के दौरान बहुत से लोगों को आंखो के रोग हो जाते हैं। आंखो में खुजली एवं आंखें लाल हो जाती है, चिपचीपी हो जाती है, सफेद और पीले रंग का पदार्थ जमा हो जाता है। इस रोग को आई फ्लू, कंजक्टिवाईटिस या आंखें आना के रूप में जाना जाता है। कंजेक्टिवाइटिस का संक्रमण आपसी संपर्क के कारण फैलता है। इस रोग का वायरस संक्रमित मरीज के उपयोग की किसी भी वस्तु जैसे रूमाल, तौलिया, टॉयलेट की टोंटी, दरवाजे का हैंडल, टेलीफोन के रिसीवर से दूसरों तक पहुंचता है। कम्प्युटर का की बोर्ड भी इसे फैलाने में सबसे बड़ा सहायक साबित होता है। आंखे आने पर बार-बार अपने हाथ एवं चेहरे को ठंडे पानी से धोयें, परिवार के सभी सदस्य अलग-अलग तौलिये एवं रूमाल का उपयोग करें, स्वच्छ पानी का उपयोग करें, बार-बार आंखों को हाथ न लगायें, धूप के चश्मे का प्रयोग करें, चिकित्सक को दिखायें।


मलेरिया/डेंगू रोग

बरसात में मलेरिया/डेगू रोग भी फैलता है, जिसमें मरीज को ठंड लगकर बुखार आता है। प्रायः बरसात के दिनों में जल जमा हो जाता है जो खेत, तालाब, गड्ढे, खाई, घर के आसपास रखे हुए टूटे-फूटे डब्बे, पुराने टायर, पशु के पानी पीने का होद इत्यादि। इस प्रकार के भरे हुए पानी में प्रायः मच्छर के लार्वा पैदा होते है, जो बाद में मच्छर बनकर रोग फैलाते है। मलेरिया से बचाव हेतु घर के आसपास जल जमा न होने दे। रूके हुए पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ ऑईल डालें। कूलर, फूलदान,  फ्रिज ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार अवश्य साफ करें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। कीटनाशक का छिडकाव करवायें, मलेरिया रोग हो जाने पर खून की जांच अवश्य करायें एवं चिकित्सक की सलाह से पूर्ण उपचार लें।


स्टाफ नर्स और नर्सिंग सिस्टर के पदनामों का परिवर्तन


राज्य शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा स्टाफ नर्स और नर्सिंग सिस्टर के पदनामों का परिवर्तन किया गया है। परिवर्तित पदनाम के अनुसार स्टाफ नर्स का पदनाम नर्सिंग ऑफीसर और नर्सिंग सिस्टर का पदनाम सीनियर नर्सिंग ऑफीसर हो गया है। मेडिकल कॉलेज के डीन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। 


कोई टिप्पणी नहीं: