बिहार : किसानों की बात मोदी सरकार को माननी ही होगी : मदन मोहन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 27 सितंबर 2021

बिहार : किसानों की बात मोदी सरकार को माननी ही होगी : मदन मोहन

  • भारत बंद के सफलता हेतु कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा जत्था के साथ सड़क पर उतरे

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पटना। पटना कृषि बिल के विरोध में किसानों ने आज राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया था।भारत बंद का बिहार में भी जबरदस्त प्रभाव दिखा। बिहार की राजधानी पटना में सुबह से ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा के नेतृत्व में कांग्रेसियों का जत्था सड़क पर उतर कर डांक बंगला चौराहे को बंद कर दिया। पटना में कृषि बिल के विरोध में कांग्रेस पार्टी के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने बैनर-पोस्टर के साथ इस ऐतिहासिक बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने बताया यह तीनों कानून देश के किसानों के लिए काला कानून के समान है। बिल पूंजीपतियों के मुनाफे तथा किसानों के शोषण के लिए लाया गया है।इससे किसान का कोई फायदा नहीं है। केंद्र की मोदी सरकार देशभर के किसानों को पूरी तरह से बर्बाद करके कारपोरेट तथा कैपिटललिस्ट के चंगुल में फंसा कर गुलाम बनाना चाहती हैं। इस मौके पर कांग्रेस प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी हैं। जबतक सरकार कृषि कानून को वापस नहीं लेगी तब तक कांग्रेस पार्टी किसानों के पक्ष में संघर्ष करते रहेगी। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार किसान विरोधी कानून को वापिस नहीं ले लेती है, तब तक किसानों का संघर्ष तथा यह आंदोलन जारी रहेगा। भारत बंद में शामिल कांग्रेस नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार को किसान विरोधी और गरीब विरोधी बताया है। इस दौरान बिहार प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कृषि कानूनों की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि ये कानून खेती- किसानी को अमीरों के हाथों गिरवी रखने वाला है। मोदी सरकार अगर यह काला कानून वापस नहीं लेती है तो किसानों की आर्थिक कमर टूट जाएगी और उन्हें पूंजीपतियों की गुलामी करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस विरोध मार्च में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ समीर कुमार सिंह,श्याम सुन्दर सिंह धीरज, विधायक विजय शंकर दूबे, प्रतिमा कुमारी दास, मीडिया विभाग के अध्यक्ष राजेश राठौड़, पूर्व विधायक लाल बाबू लाल, ऋषि मिश्रा, चन्द्रप्रकाश सिंह, गुंजन पटेल, ज्ञान रंजन, आशुतोष शर्मा, शशि रंजन, मृणाल अनामय, अरविन्द लाल रजक, हृदय नारायण सिंह, शशिकांत तिवारी, अखिलेश्वर सिंह, विनोद पाठक, सुधा मिश्रा, अजय सिंह, वसी अख्तर, उदय शंकर पटेल, संजय पाण्डे, कुन्दन गुप्ता, अजय यादव, राजीव सिन्हा, वेंकटेश रमण, वरूण शर्मा, उमेश राम, शशि शेखर राय, राजेन्द्र चैधरी, निधि पाण्डेय, गुरूदयाल सिंह, मुकुल यादव, एम.एम.वेदुआ, राजीव कुमार, राकेश सिंह, रामचन्द्र साह, रामाशंकर प्रसाद, मुन्द्रिका सिंह यादव, गौतम भारती, बिट्टू कुमार, इन्द्रदेव प्रसाद, एम.डी.अतावर रहमान शामिल थे 

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