पटना : चुनाव आयोग द्वारा लोजपा का चुनाव चिन्ह बंगला फ्रीज होने के बाद चिराग पासवान ने नीतीश कुमार व पशुपति कुमार पारस पर जमकर निशाना साधा है। साथ ही चिराग ने चुनाव आयोग के फैसले को सवाल बताया है। चिराग ने कहा कि वंचित समाज की आवाज़ को देशभर में पिताजी ने आंदोलन बनाया। उस आंदोलन की मुखर आवाज़ बनी लोजपा। लेकिन सत्ता के लोभ में फंस चुके कुछ सहयात्रियों ने ही पिताजी के आंदोलन की आवाज़ को कमज़ोर कर दिया। आयोग का ये अंतरिम फैसला है। हमारे तर्कों को जगह मिली है। लोजपा की हुंकार कायम रहेगी। चिराग ने कहा कि भयंकर कुचक्र के तहत लोजपा को खंडित करने की मुहिम जारी है। पिताजी के 5 दशकों के परिश्रम को बर्बाद करने में बिहार के सत्तालोलुपों का साथ अपनो ने भी दिया। पिताजी के संकल्पों को विराम देने की इस कोशिश को सफल नहीं होने देंगे। साथियों और समर्थकों से वादा है। जीत लोजपा की ही होगी। चिराग ने ट्वीट कर कहा कि चुनाव आयोग का आज का फैसला उनसे सवाल की तरह है, जिन्होंने गरीबों की लड़ाई लड़ रही लोजपा की पहचान मिटाने की कोशिश की है। मां का स्थान रखने वाली पार्टी को महज एक कुर्सी के लिए दलित विरोधी जेडीयू के हाथ बेचने की साज़िश की गई। साज़िश सफल नहीं होगी। लोजपा का ध्वज शान से लहराएगा। ज्ञातव्य हो कि पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान दोनों गुट बंगले पर अपना-अपना दावा कर रहे हैं। इस बीच बीते दिन चुनाव आयोग ने दोनों के दावों को खारिज करते हुए अहम निर्णय लिया है। चुनाव आयोग ने फिलहाल लोजपा का चुनाव चिन्ह बांग्ला को फ्रीज कर दिया है। यानी दोनों में से कोई भी गुड बंगले का इस्तेमाल चुनाव में नहीं कर पाएगा। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से कहा है कि दोनों गुट आपस में मिलकर सहमति बनाए कि लोजपा के अध्यक्ष कौन हैं इसके बाद ही चुनाव चिन्ह बंगला आवंटित किया जाएगा।
सोमवार, 4 अक्तूबर 2021
बिहार : चुनाव चिन्ह जब्त होने पर नीतीश व पशुपति पर बरसे चिराग
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