बिहार : गांधी जयंती सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 3 अक्तूबर 2021

बिहार : गांधी जयंती सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाई

ekta-parishad-celebrate-gandhi-jayanti
पटना। आज अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस है। राजधानी पटना में स्थित नौबतपुर से 12 दिवसीय न्याय एवं शांति पदयात्रा का समापन हो गया। आज 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर प्रगति भवन दानापुर पटना में एकता परिषद की ओर से गांधी जयंती सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाई गई l  इस अवसर पर एकता परिषद की ओर से न्याय एवं शांति पदयात्रा में शामिल सभी यात्रियों का सम्मान किया गया और महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि  अर्पित कर उन्हें नमन किया गया l एकता परिषद ने 21 सितंबर से 2 अक्टूबर तक न्याय एवं शांति पदयात्रा  बिहार के 15 जिलों में आयोजित की थी। इस पदयात्रा का उद्देश्य समाज में व्याप्त हिंसा, प्रतिहिंसा, सांप्रदायिकता, जातिवाद के विरुद्ध शांति एवं सद्भावना के साथ न्याय पर आधारित समाज की रचना और लोग भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए पदयात्रा आयोजित की गयी। पदयात्रा के क्रम में कुल 600 गांव के लोगों से संवाद स्थापित किया गया l 15 जिलों में  लगभग 60000 लोगों के बीच न्याय एवं शांति पदयात्रा का संदेश पहुंचाया गया l  पदयात्रा के क्रम में एकता परिषद के साथियों ने बिहार  में भूमि सुधार, जल संरक्षण और पर्यावरण के साथ साथ वन आधारित जीवन के आधार को सुरक्षित रखने एवं न्याय दिलाने के लिए कार्य करने का संकल्प लिया l इस अवसर पर एकता परिषद के वरिष्ठ साथी गांधीवादी कार्यकर्ता और राष्ट्रीय कमेटी के सदस्य प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है इसलिए हमें हिंसा रोकने के बदले अहिंसा के विचार को और व्यवहार को जमीनी स्तर पर बढ़ाने की जरूरत है और इसके नियमित कार्य करने की जरूरत है। महात्मा गांधी ने स्वावलंबी समाज की बात कही थी। दुख की बात है कि हम धीरे-धीरे परावलंबी हो रहे हैं।हमारा गांव कमजोर हो रहा है और यही कारण है कि गांव से लोगों का पलायन हो रहा है l शहर पर अनावश्यक बोझ बढ़ता जा रहा है न्याय पूर्ण समाज की रचना के लिए जरूरी है कि हम उन लोगों को ऊपर उठाएं और अपने समकक्ष लाएं जो समाज के कमजोर और वंचित वर्ग के लोग हैं। विशेष तौर पर महिलाएं और वंचित वर्ग l  आजादी के 75 वर्ष मनाते हुए हमें संकल्प लेना है कि हम शोषण मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त समाज के लिए काम करेंगे । पदयात्रा में शामिल शिव कुमार ठाकुर नरेश कुमार मांझी ने पद यात्रा के अनुभव को लोगों के बीच साझा किया गया।


एकता परिषद कुढ़नी में

आज न्याय एवं शांति पदयात्रा का12वां दिन है। एकता परिषद कुढ़नी, मुजफ्फरपुर,उत्तर बिहार, पदयात्रा का शुभारंभ सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। पदयात्रा 9 पंचायत के 29 गांवों में जन संवाद करते हुए आज एकता परिषद  कार्यालय  सकरी सरैया पहुंची। पद यात्रियों को माला पहनाकर स्वागत किया गया। महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम शांति मंत्रालय का गठित करने को लेकर हस्ताक्षर अभियान में 1000 से अधिक महिला पुरुष ने अपना समर्थन दिया। पदयात्रा के दौरान 12 ग्राम सभा हुई। जिसमें उपवास, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण से मुक्ति, वृक्षारोपण रचनात्मक कार्य,कलेमेट पालिसी, सामूहिक भोजन, गांव की सुंदरता, शुद्ध जल, शिक्षा एवं खेल से शिक्षा, पलायन, युवाओं को अहिंसात्मक अर्थव्यवस्था से जोड़ना, अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर चर्चा हुई। चर्चा में विजय गोरैया अभियान संयोजक एकता परिषद,  राम लखींद्र प्रसाद संयोजक, विद्यानंद प्रसाद, रामबाबू सहनी, शंभू शाह,जोगी देवी, राम शीला देवी, कमलेश्वर महतो, पांचू साह,  सुमित्रा देवी, विशेश्वर गुप्ता, उषा देवी, मानती देवी, प्रमिला देवी, रघुनाथ राम,अरुण सिंह, बच्चू राम, बसंत सिंह इत्यादि लोगों ने 12 दिवसीय पदयात्रा में चर्चा एवं सहयोग की। 


सहरसा एकता परिषद

आज विश्व अहिंसा दिवस है.आजादी का 75वां वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं।गांधीजी के विचार धारा पर चलनेवाले सभी सहयोगी साथियों को-समानता के प्रति सामूहिकता को लेकर अहिंसा के मार्ग पर चलकर न्याय की प्रेरणा की कल्पना किया गया।इस अवसर पर एकता परिषद जन संगठन के संयोजक और संगठन कार्यकर्ता द्वारा गाँधी जयंती पर झंडोतोलन में शामिल हुए।ओमप्रकाश सादा संयोजक एकता परिषद सहरसा हीरालाल सादा सौनबर्षा अशोक पासवान,नित्यानंद मुसहर,सत्यनारायण पोद्दार और मोहरिल सादा पतरघट अंचल से सौनबर्षा राज के सहसौल के देवहद गाँव में शामिल थे।

कोई टिप्पणी नहीं: