पटना.ईपीएफओ (EPFO) के तहत प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) पाने पर सभी सब्सक्राइबर्स के लिए कर्मचारी पेंशन स्कीम-1995 है.इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को काफी कम पेंशन की राशि दी जाती थी.प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने बड़े ही नाटकीय ढंग से ईपीएफओ (EPFO) से जुड़े पीएफ खाताधारकों की मिनिमम 1000 रुपए की पेंशन कर दी.इसके बाद लगभग आँख ही बंद कर दी.नोटबंदी और लॉकडाउन के दिनों में भी फूटी कौड़ी नहीं बढ़ाई गयी.आज ईपीएफओ (EPFO) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक है.बैठक का मुख्य एजेंडा पेंशन की न्यूनतम राशि को बढ़ाना और ब्याज दरों पर फैसला लेना है.सभी की निगाहे मिनिमम 1000 रुपए में बढ़ोतरी पर है. ईपीएफओ (EPFO) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक लगभग 8 महीने बाद 16 नवबंर को होने वाली थी.इसे बढ़ाकर 20 नवबंर कर दी गयी.इस बीच ईपीएफओ (EPFO) मेंबर्स के लिए बड़ी खबर है.मोदी सरकार पीएफ खाताधारकों की न्यूनतम पेंशन की राशि जल्द बढ़ सकती है.इस बैठक में कई बड़े फैसलों पर विचार होना है. बैठक का मुख्य एजेंडा पेंशन की न्यूनतम राशि को बढ़ाना और ब्याज दरों पर फैसला लेना है.
- बढ़ा दो जमकर की शिकायत जुबां पर न आवें
बता दें कि न्यूनतम पेंशन 1 हजार रुपए से बढ़ाकर 9000 रुपए किया जा सकता है? पेंशनर्स (Pensioners) की डिमांड तो यही है. लंबे समय से चर्चा भी चल रही है. मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में है. लेकिन, फैसला ऑटोनोमस बॉडी यानि EPFO को ही करना है. उम्मीद तो यही है कर्मचारी पेंशन स्कीम (Employee pension scheme) में बढ़ोतरी संभव है. संसद की स्टैंडिंग कमिटी भी इस पर अपनी सिफारिशें दे चुकी है. अब चर्चा है कि EPFO की आज की बैठक (229th meeting of central board of trustee) में इस पर कोई निष्कर्ष निकले. न्यूनतम पेंशन 3000,6000 या 9000 रुपए होगी? यह कयास लगाया जा रहा है.मिनिमम पेंशन 1000 रुपए से बढ़ाने की डिमांड है. लेबर मिनिस्टर भूपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) की अध्यक्षता में आज इस पर चर्चा हो सकती है. मार्च 2021 में संसद की स्टैंडिंग कमिटी ने मिनिमम पेंशन (Minimum pension news) की राशि को 1000 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए तक करने की सिफारिश की थी. हालांकि, पेंशनर्स डिमांड है कि पेंशन राशि बहुत कम है, इसे बढ़ाकर कम से कम 9000 रुपए किया जाना चाहिए. तभी सही मायने में EPS-95 पेंशनधारक को फायदा मिलेगा. EPFO बोर्ड मेंबर और भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय के मुताबिक, 5 राज्यों के हाई कोर्ट ने पेंशन (Pension) को मौलिक अधिकार माना है. इसकी सीलिंग को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. सीलिंग हटेगी तो उसका फायदा पेंशन में मिलेगा. हालांकि, डिमांड है कि कर्मचारी के रिटायरमेंट (Retirement) से ठीक पहले की आखिरी सैलरी के अनुसार पेंशन तय की जानी चाहिए. वहीं, श्रम मंत्रालय ऐसा करने में अपनी असमर्थता जता चुका है. लेकिन, 20 नवंबर की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है.
EPFO के तहत प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) पाने पर सभी सब्सक्राइबर्स के लिए कर्मचारी पेंशन स्कीम-1995 है. संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को 58 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलती है. इसके लिए कर्मचारी के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी करना अनिवार्य है. स्कीम के तहत एम्प्लॉयर EPF में 12% राशि कर्मचारी के नाम पर जमा करता है. इसमें 8.33 फीसदी रकम पेंशन (Pension under EPFO) के लिए दी जाती है. इसके तहत मिनिमम 1000 रुपए की पेंशन दी जाती है. स्कीम में विधवा पेंशन, बच्चों की पेंशन की सुविधा मिलती है. अगर कर्मचारी की नौकरी के दौरान 58 साल से पहले मौत हो जाती है, तो उसकी पत्नी और बच्चे पेंशन मिलती है. EPFO ने आज 20 नवंबर 2021 को दिल्ली में होने वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की मीटिंग के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है.बैठक में शामिल होने वाले सदस्यों के लिए एजेंडा भी जारी कर दिया है. उम्मीद है कि इस मीटिंग में ब्याज दरों और न्यूनतम पेंशन को लेकर फैसला हो सकता है.CBT की आखिरी बैठक मार्च में श्रीनगर में हुई थी.सीबीटी ने 2020-21 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ जमा राशि पर 8.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर देने की सिफारिश की थी. केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मौजूदा न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 1,000 रुपये से 6,000 रुपये तक की बढ़ोतरी की मांग की है, जबकि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी या CBT इसे बढ़ाकर 3,000 रुपये कर सकता है. ईपीएफओ के पैसे को निजी कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश करने का विवादास्पद मुद्दा भी बैठक में चर्चा का विषय होगा.साथ ही 2021-22 के लिए पेंशन फंड की ब्याज दर क्या हो, इस मुद्दे पर भी फैसला हो सकता है. सीबीटी न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 3,000 रुपये करने का फैसला कर सकता है. ट्रेड यूनियन इसे बढ़ाने की मांग कर रही है। माना जा रहा है कि ईपीएफ में जमा रकम पर 8.5 फीसदी की मौजूदा ब्याज दर जारी रह सकता है.मौजूदा ब्याज दर में कोई बदलाव होने की संभावना कम है.
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