मधुबनी : मधुबनी पेंटिंग प्रतियोगिता, विवेक कुमार रहे अव्वल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 6 नवंबर 2021

मधुबनी : मधुबनी पेंटिंग प्रतियोगिता, विवेक कुमार रहे अव्वल

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मधुबनी, शुभंकरपुर में शुक्रवार को आयोजित मिथिला पेंटिंग प्रतियोगिता में विवेक कुमार ने प्रथम स्थान हासिल किया. वहीं, रूपम कुमारी को दूसरा जबकि आरती कुमारी को तीसरा स्थान मिला. शीर्ष तीन विजेताओं को शील्ड, प्रशस्ति पत्र के साथ-साथ नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया जबकि शीर्ष दस प्रतिभागियों को मेडल और प्रशस्ति पत्र दिया गया. नॉलेज फर्स्ट एकेडमी द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में सैकड़ों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और सभी को प्रमाणपत्र दिया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और बिहार विधान परिषद के सदस्य घनश्याम ठाकुर ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन समय समय पर होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मिथिला पेंटिंग की महत्ता दुनियाभर में है और इस तरह की लोककला गौरवशाली मैथिल संस्कृति का एहसास कराती है। ठाकुर ने कहा कि लोककलाओं को जीवंत बनाने के मकसद से किया गया नॉलेज फर्स्ट का यह प्रयास काबिलेतारीफ है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार भी लोककलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. 


वहीं, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित डॉ कमलकांत झा ने कहा कि ऐतिहासिक मिथिला की हर बात निराली है. उन्होंने कहा कि यहाँ विलक्षण प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और इस तरह के कार्यक्रमों से उन प्रतिभाओं को सामने आने का मौका मिलेगा. झा ने कहा कि बच्चों को ऐतिहासिक तथ्यों और परंपराओं का ज्ञान होना ज़रूरी है. कार्यक्रम के दूसरे विशिष्ट अतिथि नवनिर्वाचित मुखिया राजेश मिश्रा ने नॉलेज फर्स्ट को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे अपने कार्यकाल के दौरान कला पर खास जोर देंगे. उन्होंने कहा कि वे कलाकारों को इस तरह का प्लेटफार्म मुहैया कराएंगे और नॉलेज फर्स्ट के इस तरह की मुहिम को पूरा समर्थन देंगे.


गौरतलब है कि नॉलेज फर्स्ट की शुरुआत ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को स्थानीय इलाकों में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के मकसद से की गई है. संस्था के डायरेक्टर सुजीत झा ने कहा कि उनका मकसद प्रतिभाओं के पलायन को रोकना है और वह इसके लिए महानगरों और नामी-गिरामी संस्थानों के शिक्षकों को इस प्लेटफ़ॉर्म पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के आयोजनों से हमारे गौरवपूर्ण धरोहरों का संरक्षण होता है.

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